समुद्र पर निबंध - Samudra Par Nibandh | समुद्र Essay in Hindi

नमस्कार मित्रों आज के इस लेख के माध्यम से आप Samudra Par Nibandh - समुद्र पर निबंध हिंदी में पढ़ेंगे। दोस्तों समुद्र जो है वह हमारे पृथ्वी को चारों तरफ से घेरा हुआ है और पृथ्वी पर जितना भूमि है उससे अधिक क्षेत्रफल में समुद्र का पानी फैला हुआ है। धरती का 70% से भी अधिक भाग समुद्री जल से अच्छादित है। जलीय जीव जंतुओं के लिए समुद्र एक विशाल आवास है जिसमें विभिन्न तरह के छोटे-बड़े समुद्री जीव आश्रय लेते हैं। Samudra Essay in Hindi के जरिए आप बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करेंगे।

समुद्र पर निबंध - Samudra Par Nibandh (Samudra Essay in Hindi)

समुद्र पर निबंध - Samudra Essay in Hindi

समुद्र, जिसे महासागर भी कहा जाता है, पृथ्वी के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसमें नमक बनाने वाले तत्व सोडियम और क्लोराइड उपस्थित रहते हैं जिस कारण समुद्र का जल खारा हो जाता है, जल इतना खारा रहता है की पीने लायक नहीं रहता। समुंद्र के अंदर स्टारफिश, प्रवाल, ऑक्टोपस, शार्क, व्हेल, आदि छोटे-बड़े जीव निवास करते हैं। वैज्ञानिकों की माने तो, इसमें 2 लाख से अधिक जीव-जंतुओं की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें पौधों व् बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियाँ भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त समुद्र के अंदर ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा है इस पृथ्वी पर करीब 50% ऑक्सीजन तो केवल समुंद्रों (महासागरों) के द्वारा उत्पन्न होता है। समुद्र मनुष्यों, छोटे-बड़े जीव-जंतुओं, जलीय पौधों आदि के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसमें शैवाल तथा अन्य हरे तथा भूरे रंग के पौधे भी पाए जाते हैं। समुद्रजल में अनेक रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि हाइड्रोजन, सोडियम, मैग्नीशियम क्लोराइड इत्यादि।

समुद्र क्या है? Samudra Kya Hai

समुद्र से तात्पर्य उस जलराशि से है जिसका पानी बहुत गहरा और बहुत खारा है, जो पृथ्वी का लगभग 70.8% भाग ढके हुए है तथा जो इस पृथ्वी की सतह का लगभग तीन चौथाई (3/4) भाग घेरता है। समुद्र में विभिन्न महासागर होते हैं जैसे कि हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, पूर्वी सागर, पश्चिमी सागर, उत्तरी सागर, दक्षिणी सागर, और अटलांटिक महासागर। वैसे तो पूरे संसार में एक ही समुद्र है जो धरती को चारो ओर से घेरता है लेकिन इसे अलग-अलग भागों में बांट दिया गया है समुंद्र के उन भागों को महासागर कहते हैं। 

समुंद्र की न्यूनतम गहराई आमतौर पर बारह हजार फीट होती है, और अधिकतम गहराई सामान्यतः तीस हजार फीट तक होती है। अलग-अलग देश में समुद्र का तापमान भी भिन्न-भिन्न होता है जिस इलाकों में बर्फ होते हैं वहां पर समुद्र का पानी बहुत ठंडे होते हैं। जितना अधिक समुद्र की गहराई की ओर जाएंगे वहां का पानी और अधिक ठंडा रहता है। सभी स्थानों पर समुद्र का पानी बिल्कुल खड़ा होता है।

लाभ

पृथ्वी पर समुद्र का अस्तित्व आवश्यक है क्योंकि यह मनुष्यों, जानवरों और जलीय जीवों को भोजन और ऑक्सीजन या प्राणवायु प्रदान करता है।

समुद्र क्लाइमेट, आबोहवा या जलवायु को नियंत्रित करके रखता है, जिससे जलवायु परिवर्तन से होने वाली प्राकृतिक घटनाएँ जैसे भूकंप आना, तेज़ तूफान का आना, नदियों में बाढ़ आना, आदि आपदाओं से समस्त प्राणी जगत काफी हद तक सुरक्षित रहता है। 

यह पृथ्वी में जैव विविधता, जैववैविध्य या बायोडायवर्सिटी (Biodiversity) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

परिवहन के क्षेत्र में भी समुद्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, आज समुद्री मार्ग के जरिए यात्रा करके एक देश से दूसरे देश तक माल भेजा या लाया जाता है। समुद्र में नावें और "सिम्फनी ऑफ द सीज (Symphony of the Seas)" जैसे बड़े जहाज चलते हैं।

महासागरों के विशाल जलस्रोतों की वजह से पानी के वाष्पीकरण से उत्पन्न होने वाली भाप ऊपर उठती है, और इसके बाद जलवाष्प हवा में संघटित होकर छोटे-छोटे पानी की बूंदों का निर्माण करती है, इन छोटी बूंदों का संयोजन होकर वर्षा बनती है, जो पृथ्वी पर बरसती है। इस प्रकार, समुद्र अथवा महासागर हमारी पृथ्वी पर वर्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

समुद्र की विशेषता और महत्व

समुद्र जीवन के लिए महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिनमें समुद्री जीवों का विविधता और संवर्धन होता है। समुद्र मनुष्यों को खाद्य पदार्थ जैसे केकड़े और मछलियाँ आदि भी प्रदान करते हैं। और व्यापार, पर्यटन और विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल होते हैं।

समुद्रों का महत्व जलवायु परिवर्तन के संबंध में भी है, क्योंकि वे गरमी और ठंडी क्षेत्रों के बीच समंजस्य जलवायु का संचालन करते हैं, जिससे हमारे पृथ्वी पर जीवन संभव होता है। समुद्रों के अंतरिक्ष अनुसंधान में भी महत्व है, क्योंकि वे भूमि के साथ हमारे सौरमंडल में कैसे जुड़े हैं और पृथ्वी के इतिहास को कैसे प्रकट करते हैं, इसका अध्ययन करने में मदद कर सकते हैं।

समुद्रों का महत्व सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी है, क्योंकि वे शांति, शक्ति और उत्कृष्टता की प्रतीक हो सकते हैं। समुद्र के किनारे परिपूर्णता और नीरवता की भावना हमें समझाती है और हमें यह याद दिलाती है कि हमें इसकी संरक्षण और सजीव संवर्धन की दिशा में कठिनाइयों का सामना करना होगा।

हिन्दू संस्कृति में समुद्र को देवता स्वरूप (समुद्रदेव) माना गया है। विभिन्न पौराणिक कथाओं में भी समुंदर को विभिन्न रूपों में दिखाया गया है जो विश्व के विभिन्न हिस्सों में प्रसिद्ध हैं। समुद्र के कई अलग-अलग नाम हैं जैसे कि समुंदर, सागर, नीरनिधि, वारिधि, जलनिधि, जलधि, उदधि, पयोधि, नदीश, अर्णव, तोयनिधि, कम्पती आदि।

निष्कर्ष

प्राचीन काल से ही इंसानों तथा विशेषकर वैज्ञानिकों ने समुंद्र के रहस्यों को समझने की कोशिश की है, और इसके साथ ही कई प्रजातियों की खोज भी की गई है। वैज्ञानिकों ने महासागर के प्रत्येक पहलु को समझने का प्रयास किया है, जिसमें मूंगे की प्रजाति और कई नई जलीय जीव-जंतुओं व् पौधों की भी खोज की गई है, लेकिन समुद्र की गहराइयों में एक रहस्यमयी दुनिया छिपी हुई है और आज भी हम समुद्र के रहस्यों को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं। हमारी पृथ्वी का 71 प्रतिशत क्षेत्र जल से आवृत है और अधिकांश पानी महासागरों में पाया जाता है, महासागरों का अब तक केवल पांच प्रतिशत हिस्सा ही मनुष्यों को ज्ञात है।

समुद्र पर निबंध 10 लाइन - 10 Lines On Sea in Hindi

क्र समुद्र पर 10 लाइन हिंदी में 
1 समुद्र वह जल राशि है जो पृथ्वी के तीन चौथाई भाग को घेरा हुआ है।
2 समुद्र में लहरें उठती है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से जाते हैं। समुद्र पर्यटन के लिए भी उपयुक्त स्थान है लोग समुद्र किनारे घूमने फिरने जाते हैं।
3 समुद्र का पानी बहुत खड़ा होता है जिसे पिया नहीं जा सकता किंतु लोग मनोरंजन के लिए समुद्र के पानी में नहाते हुए देखा जा सकते हैं।
4 समुद्र विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ जल राशि है जो एक देश को दूसरे देश से जलमार्ग द्वारा जोड़ता है।
5 बड़े-बड़े जहाज भारी माल लोड करके समुद्र के पानी में चलते हैं और गंतव्य स्थान तक पहुंचाते हैं।
6 परिवहन के क्षेत्र में समुद्र का महत्वपूर्ण योगदान है इसके जरिए लोग नाव में बैठकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए यात्रा करते हैं।
7 समुद्र के अंदर मछलियां, व्हेल मछलियां, स्टारफिश, केकड़े आदि जीव रहते हैं और उनके जीवित करने के लिए समुद्र में भरपूर ऑक्सीजन उपस्थित रहता है।
8 चंद्रमा का आकार घटने और बढ़ने से समुंदर में ज्वार भाटा आता है।
9 समुद्र से मनुष्यों को भोज्य पदार्थ मिलता है। लोग समुद्र में मछली और केकड़े को पकड़ते हैं और उसे आहार बनाते हैं।
10 महासागर या समुद्र में शंख भी पाए जाते हैं जिसका इस्तेमाल पूजा करते समय शंख बजाने के लिए किया जाता है।

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