मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध हिंदी में - Mere Ghar Aane Wale Pakshi Par Nibandh

पक्षियों के हमारे आस पास रहने से मन प्रफुल्लित रहता है। सकारात्मकता की अनुभूति होती है। इस लेख में मैंने मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध हिंदी में - Mere Ghar Aane Wale Pakshi Par Nibandh लिखा है यदि आपको चिड़िया पसंद है तो आपको यह लेख जरूर पढ़ती चाहिए अगर विद्यार्थी हैं तो यह निबंध आपके लिए उपयोगी होगा। 

मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध 400 शब्द (निबंध-1)

मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध हिंदी में - Mere Ghar Aane Wale Pakshi Par Nibandh

रोज सुबह पक्षियों का चहचहाना कर्णप्रिय लगता है। पक्षी जो सुबह अपने घोंसले से निकलकर खाने पीने की तलाश में दूर-दूर तक चली जाती है और शाम को वापस अपने घोंसले में लौटती है। पक्षी अत्यंत बुद्धिमान होती है इसलिए वह घोसला बनाने के लिए एक-एक तिनके को चोंच में पड़कर पेड़ों में एक जगह एकत्रित कर-करके घोसला का निर्माण कर लेती हैं और उसमें अंडे देती है।

कुछ पक्षी छोटे तो कुछ बड़े आकार के होते हैं जैसे गौरैया का आकार छोटा और मोर पक्षी का आकार काफी बड़ा होता है। मेरा घर जंगल के निकट स्थित है इसलिए मेरे घर तरह-तरह के पक्षी आते है। कभी मैना, कभी गौरैया, कभी कोयल तो कभी मोर भी नजर आ जाता है।

सुबह उठते ही कानों में पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है, जब मैं घर की खिड़की से झाँकता हूँ तो उड़कर अलग-अलग दिशाओं में जाते हुए पक्षियों का दृश्य दिखता है। सभी चिड़िया सुबह-सुबह उठकर अलग-अलग जगहों पर दाना चुगने के लिए चले जाते हैं। यह दृश्य देखकर मुझे पक्षियों से सीखने को मिलता है की हमें प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठकर अपने महत्वपूर्ण कार्य में लग जाना चाहिए।

प्रातः काल पक्षियों का झुंड मेरे घर के आस-पास उड़ते हुए नजर आ जाते हैं कुछ तो आँगन में टहलते हुए तो कुछ बालकनी में बैठे नजर आते हैं। दरअसल वे पक्षी भोजन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि मैं रोज उनके खाने के लिए अनाज के दाने देता हूं। जब मैं उनको अनाज देता हूं तो आस-पास विचरण कर रहे अन्य पक्षी भी वहां आकर दाना चुगने लगते हैं। उस दौरान मेरे घर में अलग-अलग पक्षी आते हैं जैसे तोता, कबूतर, मैना, कठफोड़वा, कौवा, कोयल आदि लेकिन ज्यादातर मैना और गौरैया चिड़िया आती है।

पक्षियों का स्वभाव सरल होता है और वो इंसानों से मित्र समान व्यवहार करते हैं। कबूतर तो संदेशवाहक की तरह कार्य करता है यह पहले के जमाने कुशल डाकिया हुआ करता था, लोगों का संदेश कुशलतापूर्वक एक जगह से दूसरे जगह पहुंचता था। कबूतर बहुत बुद्धिमान पक्षी है तथा उसकी याददाश्त बहुत तेज है इसलिए वह चिट्ठियों को बिना रास्ता भूले जिस जगह पहुंचाना होता था बिल्कुल वही पहुंचा देता था ये उसकी प्रमुख विशेषताओं में से एक है।

तोता और मैना मनुष्य के प्रिय पक्षी होते है यह इंसानों की भांति बातें करते हैं। तोता को बच्चे और बड़े सब पसंद करते हैं, उनके साथ बातचीत करते हैं। बहुत सुंदर व् आकर्षक पक्षी होने की वजह से लोग तोते को पिंजरे में बंद करके रखते हैं किंतु पक्षी सदैव स्वतंत्र रहकर आसमान में उड़ना चाहती है और दुनिया की विभिन्न स्थानों की सुंदरता को देखना चाहती है, इसलिए हमें इसे स्वतंत्र ही रहने देना चाहिए।

मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध 500 शब्द (निबंध-2)

प्रस्तावना:

प्रातः काल पक्षियों के चहचहाने से आसपास का परिवेश गुंजायमान हो जाता है। पक्षियों की उपस्थिति में वनों की शोभा और बढ़ जाती है। पक्षियों का रूप अति सुंदर और आकर्षक होता है। दुनिया में इसके अनेक प्रजातियां है। प्रजाति अनुसार उनमें कई विविधताएं पाई जाती है किंतु प्रत्येक पक्षी में एक समानता है कि वे आसमान में उड़ सकते हैं। पक्षियों का पंख उन्हें खास बनाता है पंख फैलाकर वह गगन की ऊंचाई पर जाकर कई मील की दूरी को तय करती है। सभी पक्षियों की दो आंखें दो पंख दो पैर और एक सोच होती है जिससे वह भोजन पकड़कर खाती है। वह स्वयं लगन के साथ एक एक तिनके, घांस - फूंस जोड़कर अपने लिए घर यानी घोंसला बनाती है। चिड़िया हमें आत्मनिर्भर होना सिखाती है। कुछ पक्षी मनुष्यों के आसपास रहना पसंद करते हैं जैसे कि मैना, गौरैया, तोता आदि। सामान्यतः हमारे आसपास मैना और कबूतर आसानी से दिख जाते हैं।

हमारे घरों के आस-पास रहते वाले पक्षी:

घरों के आस पास या बस्तियों में रहने वाले पक्षी मनुष्यों से मित्रवत व्यवहार करते हैं। घरों के आस पास घोंसला बनाकर रहते हैं। चिड़िया जमीन पर, झाड़ियों व् पेड़ों के ऊपर घोंसला बनाते हैं। जो मनुष्यों के संपर्क में रहते हैं वे पक्षी भोजन की निरंतर आपूर्ति के लिए लोगों के घरों में आ जाया करते हैं और दिए गए अनाज को चुगकर खाते हैं। कबूतर, बुलबुल, तोता, मैना, कोतवाल, गौरैया, नीलकंठ, बगुला आदि पंछी हमारे आसपास दिख जाते हैं।

पक्षियों का आवास:

पक्षियों का प्रमुख आवास वन है जहां वे एक एक तिनके को जोड़कर घोंसला तैयार करते हैं और वहीं निवास करते हैं। इसके अतिरिक्त तोता, मैना, गौरैया इंसानी बस्तियों में रहा करते हैं। तोते को पालतू बनाकर रखा जाता है। तोता और अन्य ज्यादातर पक्षियां अपने समूह में ही रहना पसंद करते हैं। एक प्रजाति की पक्षी को दूसरे प्रजाति की पक्षी के साथ बहुत कम ही देखा जाता है। उन्हें अपने - अपने प्रजाति के पक्षियों के झुंड में रहना ज्यादा पसंद है।

पक्षियों की विशेषताएं:

पक्षियों का रूप अत्यंत सुंदर होता है कोई सफेद, कोई भूरा और जामुनी रंग का होता है। मोर की पंखों पर तो आंख के समान आकृति बनी हुई होती है जो देखने में आकर्षक लगती है। मोर पंख का इस्तेमाल सजावटी सामान्य में किया जाता है। हंस सफेद रंग वाला पक्षी है। यह भी गगन में उड़ता है। यह 48 से 96 किलोमीटर तक प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। इसी तरह कबूतर एक कुशल संदेशवाहक है जो प्राचीन काल में चिट्ठियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करता था। आज भी इसे हम घरों के आसपास बैठे या उड़ते हुए देख सकते हैं।

निष्कर्ष

घर के आसपास रहने वाले पक्षी हमें प्रकृति से जोड़कर रखती है। औद्योगिकरण के चलते परिवेश में प्रदूषण की अधिकता हो रही है इस कारण पक्षी अपना आवास स्थल बदलकर शुद्ध तथा सुरक्षित जगह पर डेरा डाल रहे हैं। लोग पक्षियों को हानि पहुंचाते हैं इस कारण पक्षी घर के आसपास कम देखे जा रहे हैं। इनके विलुप्त होने के भी इसी तरह के कई कारण हैं, पक्षी को बचाने हेतु इनके संरक्षण पर ध्यान देना आवश्यक है।

इस ब्लॉग पर कुछ अन्य हिन्दी निबंध पढ़ें:

कोई टिप्पणी नहीं

Please do not enter any spam link in the comment box.

Blogger द्वारा संचालित.