मोबाइल के दुष्परिणाम पर निबंध से जानें फोन के हानिकारक प्रभावों को

आज हम इसे नकार नहीं सकते की फोन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण साथी है जो हर समय हमारे पॉकेट या हाथ में रहता है। लेकिन आज के नौजवान और हर आयु के लोग मोबाइल का आवश्यकता से अधिक उपयोग करने लगे हैं इससे समय की बर्बादी के साथ स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। आज मोबाइल मनोरंजन का सर्वोत्तम साधन बन चुका है लोग इसमें tv shows, tv news, movies और OTT पर web series आदि देखते रहते हैं। फोन बहुत उपयोगी डिवाइस है जो कई कार्यों को आसानी से करने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल बेतार कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है अब इसमें अनेकों विशेषताएं देखी जाती है। उपयोगकर्ता मोबाइल में car racing, bike racing, action and adventure games, chess, ludo इत्यादि खेलों का आनंद लेता है। Cricket match and news अब मोबाइल से देखा जाने लगा है। इसमें educational articles को पढ़ा या देखा जा सकता है इससे students की हेल्प हुई है। हम फोन पर resume बनाकर email द्वारा किसी को भेज या प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरना और बस, ट्रेन व् हवाईजहाज का टिकट बुक करना आदि काम इससे मिनटों में पूरा होता है। मोबाइल के इसी तरह के अनेकों फायदों के कारण आज हर व्यक्ति स्मार्टफोन रखता है। परंतु आज लोग इसका अधिक उपयोग करने लगे हैं, हर समय फोन से चिकपे रहने की आदत हो गई गई है इससे बहुत से नुकसान हो सकते हैं फोन की लत से कौन से हानिकारक प्रभाव होते हैं इनके बारे में आज के लेख मोबाइल के दुष्परिणाम पर निबंध के मध्यम से जानेंगे।

मोबाइल के दुष्परिणाम पर निबंध - Mobile ke dushparinam essay in Hindi

मोबाइल के दुष्परिणाम पर निबंध - Mobile ke dushparinam essay in Hindi
Mobile ke dushparinam essay in Hindi

प्रस्तावना

मोबाइल जीवन का अहम हिस्सा बना गया है लोग अपनी दोस्तों परिवार वालों से ज्यादा फोन में समय व्यतीत करना चाहता पसंद कर रहा है बहुत से लोग तो ठीक से खाने पीने पर ध्यान दिए बिना Social media पर लगे रहते हैं। तकनीकी बढ़ने के साथ मनोरंजन के नए-नए विकल्प आने लगे पहले टेलीविजन सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन का साधन था इस कारण बच्चे - बड़े सब धारावाहिक और फिल्में साथ बैठकर देखा करते थे परंतु अब टीवी की जगह स्मार्टफोन ने ले लिया है। अब मोबाइल में इंटरनेट द्वारा टीवी सीरियल व् मूवी जब चाहें तब देख सकते हैं। कंप्यूटर पर होने वाले कार्य अब मोबाइल ऐप्स के जरिए आसानी से होने लगा है। दुनियाभर की जानकारियां इंटरनेट पर पड़ी है। मोबाइल में इंटरनेट सुविधा का लाभ लेकर लोग हर  जानकारी चुटकियों में पा रहे हैं। ना केवल लेख बल्कि वीडियो द्वारा सवालों का सटीक जवाब प्राप्त कर रहे हैं। गरीब हो या अमीर सबके पास खुद का स्मार्टफोन है इसके महत्व को आज दुनिया जानती है। इसमें मिलने वाले अदभुद विशेषताओं ने इसे और खास बना दिया है पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है। कुछ लोग इसके सदुपयोग से अपना काम फटाफट कर रहे हैं इनफॉर्मेशन पा रहे हैं इंटरनेट द्वारा नए कौशल सीखकर कैरियर बना रहे हैं परंतु ऐसे लोग भी हैं जो दूरभाष यंत्र का हद से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, मोबाइल के अत्याधिक उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है अगर इसका रोज लगातार कई घंटे इस्तेमाल किया जाए तो स्क्रीन की ब्राइटनेस से आँखें कमजोर हो सकती है। मोबाइल के कई फायदे हैं लेकिन इससे कई नुकसान भी हो सकते हैं।

मोबाइल के दुष्परिणाम अथवा दुष्प्रभाव

यह सत्य है की आज मोबाइल ने मानव जीवन को आसान बनाकर अधिकतर कार्यों को सुगमता से करने में सहायता की है किन्तु आजकल लोग अपनों से दूरी बनाकर मोबाइल में अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं परिवार से लगाव कम होने लगा है खाते - पीते, बैठते - उठते और चलते - फिरते भी मोबाइल का उपयोग करते हैं लोगों को मोबाइल की लत पड़ गई है जो गंभीर समस्या का रूप धारण करने लगा है अब तो फोन कहां पर रखा है? यह भूल जाने पर चिंतित हो जाते हैं, अब लोग मित्रों से मिलना - जुलना कम रहे हैं बातचीत के लिए डिजिटल माध्यम जैसे कॉन्फ्रेंस कॉल आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। आसपास के लोग जब दोखो तब फोन का उपयोग करते रहते हैं इस हैबिट के चलते कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं इससे कुछ लोग अंजान हैं तो कुछ को पहले से पता है किंतु फिर भी ज्यादा टाइम फोन पर बिताते हैं। मोबाइल के दुष्प्रभाव या दुष्परिणाम निम्न हैं:

फोन के अत्याधिक इस्तेमाल से अमूल्य समय की बर्बादी -

ज्यादातर समय फोन नहीं बिताने के कारण लोग अपना महत्वपूर्ण कार्य अधूरा छोड़ कर फोन इस्तेमाल करते हुए समय बर्बाद करते हैं। लोग बिना ब्रेक लिए कई घंटों तक लगातार सोशल मीडिया पर लगे रहते हैं। सुबह उठकर मैसेज चेक करके सबको गुड मॉर्निंग संदेश भेजने लग जाते हैं। सुबह अध्ययन करना अच्छा माना जाता है किंतु ज्यादातर उस समय चैट करने में लगे रहते हैं। इन आदतों के चलते लोग अपना कीमती वक्त गवां रहे हैं उसका सदुपयोग करके जहां भविष्य उज्जवल बनाना चाहिए वहां फोन में बेवजह या बेकार के काम से टाइम वेस्ट हो रहा है।

बच्चों का अध्ययन में मन नहीं लगना -

पढ़ना - लिखना कितना महत्वपूर्ण है सब जानते हैं बच्चों को यह भलीभांति ज्ञात है लेकिन अब वे पढ़ाई में कम और आधुनिक उपकरणों को अधिक दे रहे हैं आजकल बच्चे मोबाइल पर कार्टून शो और गेम्स खेलते हुए नजर आते हैं। अगर मित्र दूसरे जगह हो तो गेम्स द्वारा digitally connect होकर गेम खेलते हैं। पहले जहां माता-पिता, दादा-दादी प्रेरणादायक कहानियां सुनाकर बच्चों को अच्छी सीख देते हैं अब वे मोबाइल में वीडियो के साथ स्टोरी सुनते हैं। अब बच्चों के हाथ में मोबाइल जादू की छड़ी की तरह है जिसमें जब चाहें तब भरपूर entertainment का आनंद ले सकते हैं, डिजिटल गेम्स खेल सकते हैं आदि, लेकिन इससे बच्चों का मन पुस्तकों से हट रहा है उनका पढ़ने का मन नहीं करता इसका प्रभाव उनके परीक्षा परिणाम पर भी दिखता है परिणामस्वरूप परीक्षा में कम अंक आते हैं कुछ तो अनुत्तीर्ण हो जाते हैं।

वजन बढ़ने से मोटापे की समस्या उत्पन्न होना -

मोटापे बढ़ने का कारण शारीरिक गतिविधि में कमी आना है जब मोबाइल पर गेम की सुविधा और मनोरंजन का साधन उपलब्ध हो तो कोई मैदानी खेल की तरफ रुख नहीं करता बैठे - बैठे ही खेलते रहते हैं इससे फिजिकल एक्टिविटी न होने से धीरे धीरे वजन बढ़ने लगता है और मोटापे की समस्या आ खड़ी होती है। भारी शरीर होने से जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज को क्षति पहुंचता है जो घुटनों के जॉइंट में दर्द पैदा करता है। इतना ही नहीं डायबिटीज, अस्थमा व् उच्च रक्तचाप आदि बीमारी उत्पन्न हो सकती है। गंभीर बात है की अब छोटे बच्चे मोटापे से ग्रस्त हो रहे हैं उन्हें इसके नियंत्रण हेतु व्यायाम का सहारा लेना चाहिए।

स्वास्थ्य संबंधित रोगों का उत्पन्न होना -

आजकल व्यक्ति दिनचर्या में कई बार मोबाइल इस्तेमाल करता है अब लोग इसके लत में फंसते जा रहे हैं इसके कारण स्वास्थ्य रोग उत्पन्न हो रहे हैं। बच्चों में बहुत कम उम्र में नेत्र रोग होने से चीजें स्पष्ट रूप से नजर नहीं आते ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे कई घंटों तक फोन डिस्प्ले को देखते रहते हैं जिसका ब्लू लाइट आँखों पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। बड़े भी अब इसमें फिल्में देखते रहते हैं इससे उनके आंखें थकने लगती है, अगर देरी तक वीडियो देखा जाए तो आंख के साथ मस्तिष्क भी थक जाता है और कुछ करने का मन नहीं करता। मोबाइल के चलते लोग खेलकूद से दूर हो रहे हैं इस कारण उनकी फ्लेक्सिबिलिटी कम हो रही है, फिजिकल एक्टिविटी न हो पाने के चलते शरीर में विकार उत्पन्न होने लगे हैं। मोबाइल पर ही वीडियो गेम खेलने से खेलकूद में कमी होने के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता दुर्बल होने लगती है परिणामस्वरूप व्यक्ति में शारीरिक विकार पैदा हो जाते हैं। फोन का उपयोग करते हुए लोग झुककर बैठते हैं व् डिस्प्ले में गेम, वीडियो आदि चलाते हैं। इस तरह बैठने से बॉडी का पॉश्चर बिगड़ जाता है जिससे रीढ़ हड्डी में दर्द शुरू हो जाता है। मोबाइल से निरंतर हानिकारक रेडिएशन निकलते रहता है जो मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं इससे कैंसर, आँख की समस्या, न्यूरोडेगेनेरेटिव डिसऑर्डर, श्रवण शक्ति कमजोर होना और चिढ़चिड़ापन व तनाव आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।

ऑनलाइन धोखाधड़ी में फंस रहे लोग -

जब लोग मोबाइल में बैंकिंग से जुड़े काम करने लगे तब फ्रॉड मामले भी सामने लाने लगे, अब लोग झुठमूठ का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं। वो लोग इनाम या ऑफर लगने के बहाने लोगों से डेबिट कार्ड डिटेल्स पता करके उनका अकाउंट खाली कर देते हैं, इस तरह से कई लोग अपनी जिंदगीभर की कमाई कुछ सेकंड्स में गवां देते हैं। फ्रॉड करने वाले मोबाइल उपयोगकर्ताओं के फोन में तरह - तरह के कैश विनिंग जैसे लाइट्री लगने वाला मैसेज आदि भेजते रहते हैं जिसमें लिंक रहता है इसमें क्लिक करना बिलकुल सुरक्षित नहीं होता क्योंकि क्लिक करते ही धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। जब से डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन द्वारा पेमेंट शुरू हुआ तो इस सुविधा का लाभ लेने वाले लोगों के फोन में भी फ्रॉड करने वाले किसी ऑफर को प्राप्त करने के बदले सर्विस चार्ज के तौर पर अमाउंट भेजने को कहते हैं लालच में आकर कई लोग हजारों रुपए कुछ क्लिक्स में भेज देते हैं और उनके हाथ कुछ नहीं लगता।

मोबाइल की लत -

मोबाइल व्यक्ति कितनी छोरियों का महत्वपूर्ण हिस्सा हमारी दिनचर्या इर्द-गिर्द घूमती है। यह भी देखा गया कि जब मोबाइल व्यक्ति कहीं रखकर भूल जाता है तो वह व्याकुल हो उठता है, व्याकुलता का कारण यह भी है कि उसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद रहते हैं जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स और पर्सनल इंफॉर्मेशन इत्यादि।

व्यक्ति सुबह उठकर सबसे पहले फोन पर मैसेज चेक करता है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाकर रील्स वीडियो प्ले करता है इस तरह एक के बाद एक मनोरंजक वीडियो आते जाते हैं इस तरह वह वीडियो देखकर सुबह का वक्त गंवा देता है। 

दिन भर व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते रहते हैं इसके बगैर जीवन का एक दिन गुजार पाना मुश्किल हो गया है। मोबाइल की लत केवल नौजवानों में नहीं बल्कि बच्चे - बड़े हर कोई सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक्टिव रहकर एक दूसरे से डिजीटली जुड़ा हुआ है।

बच्चों से यदि स्मार्टफोन ले लिया जाए तो वे गुस्सा हो जाते हैं उनमें चिढ़चिढ़ापन आ जाता है मोबाइल लत के चलते वे खाते पीते हर समय मोबाइल स्क्रीन पर नजर गड़ाए रहते हैं। अब लोग स्मार्टफोन के गुलाम बनते जा रहे हैं वे स्वयं मोबाइल को नहीं बल्कि मोबाइल उनको ऑपरेट कर रहा है।

दिनभर एप्लीकेशन के नोटिफिकेशन आते रहते हैं जो मुख्य कार्य से ध्यान भटकाने हेतु काफी हैं। लोग महत्वपूर्ण काम को प्राथमिकता देने के बजाय फोन पर व्यस्त रहना अधिक पसंद कर रहे हैं। स्मार्टफोन की लत इतनी बढ़ गई है की अब परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने मोबाइल में लगा रहता है। एक साथ भोजन करते समय भी सबका ध्यान खुद के फोन पर रहता है।

व्यक्त अपनों से दूर होता जा रहा है जहां लोग टेलीविज़न के सामने साथ बैठकर सीरियल देखकर एंजॉय करते थे वहीं अब लोग अलग-अलग बैठकर अकेले में सोशल मीडिया पर वीडियो देखने में लगे हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि मोबाइल ने व्यक्ति को अपने दोस्तों वह फैमिली से दूर कर दिया है।

वाहन दुर्घटना -

वाहन चलाते वक्त दुर्घटना व्यक्ति की लापरवाही के चलते हो सकता है। आजकल के नौजवान मोटरसाइकिल या कार चलाते हुए किसी अन्य व्यक्ति से मोबाइल द्वारा वार्तालाप करते रहते हैं इससे उनका ध्यान ड्राइविंग से भटक जाता है और एक्सीडेंट से सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। सड़क दुर्घटना से बचाव हेतु कई कानून बनाएं गए हैं किन्तु लोग इसका पालन नहीं करते और वे भी वाहन दुर्घटना का कारण है।

मोबाइल की लत से होने वाले नुकसान -

  • इसके अत्याधिक उपयोग से वक्त की बर्बादी, स्वास्थ्य को नुकसान और एकाग्र शक्ति कम होने लगता है। 
  • जब लोग फोन में इयरफोन या हेडफोन लगाकर हाई वॉल्यूम पर सॉन्ग सुनते हैं तो इससे सुनने की क्षमता घटने लगती है। 
  • इसके लत में पड़कर छात्र अध्ययन से विचलित होकर सोशल मीडिया के इस्तेमाल में लग जाते हैं इस वजह से पढ़ाई लिखाई में उनका मन नहीं लगता।
  • मोबाइल के इस्तेमाल से रेडिएशन निकलता है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाकर अनेकों घातक रोगों को जन्म देती है।
  • स्मार्टफोन का उपयोग करने के आदत के कारण लोग बैठे बैठे खेलते हैं इससे उनका वजन बढ़ने लगता है इससे मोटापे की समस्या आती है जो अनेक बीमारियों को न्योता देता है।
  • देर रात तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना नींद की समस्या उत्पन्न कर सकता है इसके चलते नींद पूरी नहीं होती जिससे व्यक्ति दिनभर थका हुआ महसूस करता है।
  • जिन्हें मोबाइल का शौक है वो फोन के नवीनतम मॉडल खरीदते रहते हैं। कुछ तो अपने दोस्तों को नया स्मार्टफोन दिखाने के लिए ऐसा करते हैं। इससे काफी पैसा ऐसे ही खर्च हो जाता है और मोबाइल रिचार्ज के लिए भी पैसे अलग से लगता है।


मोबाइल के दुष्परिणाम से कैसे बचें?

आज मोबाइल में बहुत सारी सुविधाएं आ गई है जैसे मोबाइल बैंकिंग, गेमिंग, ऑनलाइन एजुकेशन और सोशल मीडिया इत्यादि ऐसे में लोग फोन इस्तेमाल करने से खुद को रोक नहीं सकते, लेकिन इसके उचित उपयोग से इसके दुष्परिणाम को अवश्य कम किया जा सकता है।

सुबह उठते ही मोबाइल को हर कोई हाथ लगाता है और अपना कुछ वक्त उसी में मैसेज देखने या चैट करने में लगा देता है इससे बचने के लिए सोने से पहले अगले दिन के दिनचर्या की सूची बना लें और सुबह उठकर सूची अनुसार काम करते जाए, जब आप कार्य में व्यस्त रहेंगे तो फोन पर से स्वतः ध्यान हट जायेगा। सुबह उठकर फोन इस्तेमाल करने के बजाय कसरत करना उचित विकल्प होगा इससे स्वास्थ्य सुधरेगा अतः इसे जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए। सुबह उठने के लिए मोबाइल में अलार्म लगाने के बजाय अलार्म घड़ी का उपयोग करें। सोशल मीडिया में चैट व् मैसेज करने के बदले वास्तविक रूप से अपने मित्रों से मिलकर बातचीत करें परिवारवालों के साथ वार्तालाप करें।

होमवर्क या ऑफिस का जरूरी काम करते वक्त मोबाइल को दूर रखें क्योंकि उसके नोटिफिकेशन से काम में व्यवधान उत्पन्न होगा। आप एप्लीकेशन के नॉटफिकेशन ऑफ कर सकते हैं और बिना काम के एप्लीकेशन को हटा सकते हैं ताकि बेकार के ऐप्स चलाने में आपका समय बर्बाद ना हो। मोबाइल के दुष्परिणाम से बचने हेतु आप मैदानी खेलों में रूची प्रकट करें जैसे क्रिकेट, फोटबॉल, बैडमिंटन आदि इससे शरीर स्वस्थ रहेगा और बेवजह फोन के इस्तेमाल से बचेंगे।

हमेशा प्रयास करिए की जरूरी काम पहले पूरा करें बाद में मोबाइल का इस्तेमाल करें। कार्य-समय में फोन साइलेंट मोड में रख सकते हैं। आप फोन पर सोशल मीडिया यूज करने का एक समय निर्धारित कर सकते हैं, बाकी समय फोन का इस्तेमाल कम करें। इससे आप महत्वपूर्ण कार्यों को बिना डिस्टर्बेंस पूरा कर पाएंगे। अगर आप केवल एंटरटेनमेंट उद्देश्य से सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं तो इससे आपका केवल टाइम वेस्ट होगा आप इसके बजाय अपने ऑफिस के काम, किताबें पढ़ना या कोई अन्य जरूरी काम कर सकते हैं। मोबाइल के दुष्प्रभाव से बचने हेतु इसका अनावश्यक (unnecessary) उपयोग करने से बचना होगा।

उपसंहार -

आधुनिक युग में मोबाइल बिना मनुष्य के कई सारे काम ठप हैं अतः फोन मानव हेतु आवश्यक यंत्रों में से हैं परंतु इसका दुरुपयोग या हद से ज्यादा उपयोग शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से हानिकारक सिद्ध होते हैं। लोग इसके आदि होते जा रहे हैं उन्हें इसके गंभीर लत से बचने की आवश्यकता है। फोन के दुरुपयोग से गैर-कानूनी वारदातों को भी अंजाम दिया जा सकता है इस तरह के गलत उपयोग से बचना होगा। व्यक्त मोबाइल का इस्तेमाल करें परंतु पूर्णरूपेण उसपर आश्रित ना हो, यदि स्मार्टफोन की लत लग चुकी है तो उसे छोड़ने का प्रयास करें, वयस्क अपनी सोचबुझ का प्रयोग करके मोबाइल की लत से छुटकारा पा सकते है और उसका सदुपयोग कर सकते है किंतु छोटे बच्चे इसके लत से मुश्किल से बाहर निकलते हैं इसलिए अभिभावकों उन्हें फोन के अधिक उपयोग से होने वाले हानियों के बारे में बताना चाहिए और मैदान में विभिन्न खेलों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए।

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