स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi)

नमस्कार दोस्तों, इस लेख में आपको स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध - Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi पढ़ने को मिलेगा। स्वच्छ भारत अभियान एक ऐसा मिशन है जिसकी शुरुआत देश को स्वच्छ बनाने के लिए किया गया है जो देश की जनता या नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम करता है। यह प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ की गई अनोखा अभियानों में से एक है। इस अभियान के बारे में अब स्कूलों और महाविद्यालयों में बताया जाने लगा है क्योंकि स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों तथा युवाओं में जागरूकता लाना बहुत जरूरी हो गया है। शहरी और ग्रामीण निवासियों को और स्कूल पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को स्वच्छता का महत्व पता होना चाहिए और उसी के लिए ये मुहिम शुरू की गई है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध - Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध - Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

प्रस्तावना 

स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) का उद्देश्य भारत में स्वच्छता लाना है नगरों के गली मुहल्ले और गांवों के सड़को को साफ रखना है। स्वच्छता की शुरुआत पहले अपने घर से होती है चाहे वो टेबल, कुर्सी साफ करना हो, घर का कूड़ा करकट साफ करना हो या खुद के कपड़े साफ कर स्वच्छ पोषक पहनना हो ये सब इसी अभियान का हिस्सा है।

लोग अपने घरों की सफाई शिद्दत से करके कचरा बाहर, गलियों में, सड़कों पर और चौराहों पर फेंक देते हैं लेकिन हमारा दायित्व केवल स्वयं की घर को स्वच्छ रखना नहीं बल्कि घर के आस-पास और भारत के हर स्थान को स्वच्छ बनाना है। इसलिए जो कचरा घर से निकलता है उसका सही निपटान पर विचार करना होगा ताकि कचरा यहां-वहां बिखरा ना पड़ा हो।

वसुधैव कुटुम्बकम् हमारी भारतीय संस्कृति है जिसका अर्थ है यह धरती हमारा घर है, इसका मतलब हुआ कि हमें खुद के घर के साथ हर जगह स्वच्छता लानी होगी। चलते फिरते घूमते हुए लोग प्लास्टिक थैली इत्यादि को फेंकते रहते हैं जो कदापि सही नहीं हमें हमेशा अच्छी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचे।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है? (Swachh Bharat Abhiyan Kya Hai)

यह भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। इसका उद्देश्य भारत के गली मुहल्ले, शहरों के सड़कों, चौराहों, गांवों के गलियों आदि को साफ-सुथरा रखना है। स्वच्छता को बढ़ावा देना ही उसका प्रमुख उद्देश्य है। इसका गठन 2 अक्टूबर, 2014 को किया गया उसके बाद से स्वच्छता के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं जिससे काफी हद तक स्वच्छता बरकरार है। इस अभियान का मकसद खुले में शौच करने को बंद करना और घर-घर शौचालयों का निर्माण करना भी है। इसी अभियान की वजह से आज गांवों में लगभग सभी के घरों में खुद का शौचालय है आज गांव का निवासी भी इसका इस्तेमाल करके पर्यावरण स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे रहा है।

स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ -

हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर 2014 को इस अभियान को प्रारंभ किया था। गांधी जयंती पर इस अभियान की शुरुआत इसलिए भी किया गया क्योंकि गांधीजी का सपना था भारत को स्वच्छ बनाना। वे लोगों से भी आग्रह करते थे कि अपने आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें।

देश की जनता स्वच्छता के महत्व को गंभीरता से नहीं ले पा रही है इस कारण ही इस अभियान का आगाज किया गया जो महानगरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने में सहायक साबित हो रहा है। गांव में लोग शौचालय का उपयोग ना कर के बाहर जाते थे जो वातावरण प्रदूषित करते थे साथ ही बीमारियों को न्योता देते थे इस कारण सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया गया यही कारण है आज लगभग हर गांव के हर घर में शौचालय बना हुआ है इसके इस्तेमाल से गांव में स्वच्छता बनी है।

स्वच्छ भारत से जुड़ा महात्मा गाँधी जी का सपना -

महात्मा गांधी सत्य व् अहिंसा के पुजारी थे उन्हें महानतम स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाना जाता है। गाँधी जी का स्वच्छ भारत से जुड़ा सपना था की भारत स्वच्छ और विकसित राष्ट्र बने। जहां शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी शौचालयों का इस्तेमाल किया जाए इसके साथ ही स्वच्छता के अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो। गांधी जी कहा करते थे की स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक आवश्यक है क्योंकि स्वच्छता से ही मनुष्य स्वस्थ जीवन यापन कर सकता है। अगर भारत स्वच्छ रहेगा तो यहां लोग कम बीमार पड़ेंगे। अगर कम बीमार होंगे तो लोगों का इलाज का खर्चा बचेगा इससे लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं इससे भारत समृद्ध राष्ट्र भी बन सकता है।

महात्मा गांधी जी ने भारत को स्वच्छ बनाने के लिए कई प्रयास किए किंतु उन्हें सफलता न मिल सकी, उनके सपने को पूरा करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से स्वच्छता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ किया गया है। कुछ हद तक इसमें सफलता मिली है लोग शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन ऐसे गांव अभी भी है जहां हर घर शौचालय निर्माण नहीं हो पाया है। यही कारण है कि भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी के सपने को साकार करने हेतु सफल प्रयास करते हुए लोगों को स्वच्छता के इस अभियान से जोड़कर स्वच्छ राष्ट्र बनाने का काम निरंतर चलाया जा रहा है।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य -

यह राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई महा अभियान है जिसका उद्देश्य है भारत देश को स्वच्छ बनाना। भारत की करोड़ों जनता इसमें अपना साथ देती नजर आ रही है और यही वह चीज है जो इस मुहिम को साकार करने में सार्थक सिद्ध होगा। इस अभियान का मकसद, अपने आसपास सफाई रखना, गांव के सभी घरों में शौचालय का निर्माण करना, गांव व् शहर के गली मुहल्ले, सड़कों और चौराहों को साफ-सुथरा रखना, नगरों के पब्लिक प्लेस में कूड़ेदान रखना ताकि कचरों को एक जगह एकत्र किया जा सके, लोगों की मानसिकता बदलकर स्वच्छता के लिए जागरूक करना, गांव में जल पूर्ति के लिए टैंक बनाकर पाइपलाइन द्वारा नलों से जल पहुंचाना और नदी, नालों, नहरों व् तालाबों के कचरे को साफ करना इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य है।

स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता -

यह बहुत आवश्यक है की भारत के हर घरों में चाहे वो शहरों का हो या छोटे गांव का घर हो, सभी जगह शौचालय निर्माण किया जाना चाहिए। इससे लोग शौचालय का उपयोग करेंगे और बाहर शौच करने नहीं जाएंगे। ऐसा करने से गंदगी नहीं रहेगी स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह कदम बहुत कारगर साबित हो रहा है।

नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों के माध्यम से किए जाने साफ सफाई से एकत्रित कचरों का सही निपटान जरूरी है। व्यक्तिगत तौर पर अगर घर की साफ सफाई का काम किया जाए तो जमा किए गए कुछ चीजों या सामानों को फेंकने के बजाय पुनरुपयोग पर विचार करना जरूरी है।

भारत को स्वच्छ बनाने का मिशन साकार करने हेतु व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ साथ सामाजिक तौर पर साफ-सुथरा शहर बनाना भी अत्यावश्यक है। घर के आसपास अधिक गंदगी वातावरण को तो दूषित करती ही है साथ में मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

निवास स्थान के अलावा स्कूल, अस्पताल, बैंक, पब्लिक प्लेस इन जगहों पर भी स्वच्छता जरूरी है क्योंकि ऐसे जगहों पर ही वायरल रोग फैलने की संभावना अधिक रहती है। हमारे देश के नदी, नाले, नहरों और तालबों में प्लास्टिक बोतल, कचरे आदि तैरते - बहते दिखते हैं। नदियां मानव समेत समस्त प्राणी जगत को जीवन देती है इसलिए इसकी स्वच्छता हेतु कारगर कानून बनाना चाहिए जिसका पालन करके उसे स्वच्छ निर्मल बनाया जा सके।

स्वच्छ भारत बनाने का मिशन निरंतर चलते रहना चाहिए इसके प्रसार हेतु बच्चों में साफ सफाई की आदत अच्छी डालनी होगी। विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के जरिए स्वास्थ्य शिक्षा देकर बच्चों को जागरूक कर इस मुहिम को सफल बनाने का प्रयत्न निरंतर करते रहना होगा।

देश के स्वच्छ न होने के प्रमुख कारण 

देश के स्वच्छ ना होने का कारण मनुष्य की अनुचित गतिविधियां हैं। जिसके कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचता रहता है। मानव को हर जरूरी वस्तुएं सरलता से प्राप्त हो जाता है लेकिन उसके उपयोग के पश्चात कूड़ा करकट कहीं भी फेंक देते हैं इसी वजह से देश में अस्वच्छता के लिए मानव ही जिम्मेदार है। अस्वच्छता के कई कारण हैं जिनमें से प्रमुख कारण नीचे बताए गए हैं - 

1. शिक्षा की कमी -

अगर किसी व्यक्ति में शिक्षा का अभाव हो या उसने स्कूली शिक्षा प्राप्त न की हो तो उसे अस्वच्छता से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में नहीं पता होगा। इसलिए शिक्षा आवश्यक है इससे व्यक्ति ना केवल ज्ञान अर्जित करेगा बल्कि स्वच्छता का महत्व भी समझेगा, उसे पता चलेगा की कौन कौन से मानवीय गतिविधियों से पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है और प्रदूषण व् अस्वच्छता को कैसे दूर किया जा सकता है। शिक्षित युवा पीढ़ी समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाकर गांव, शहर, गली मुहल्ले को साफ सुथरा रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

2. अत्यधिक जनसंख्या -

जनसंख्या वृद्धि ना केवल महंगाई, गरीबी, खाद्य समस्या और बेरोजगारी दर को बढ़ाती है बल्कि देश में अस्वच्छता भी तेजी से फैलाती है। जनसंख्या दर बढ़ने से लोगों द्वारा चीजों का अधिक उपयोग किया जाता है जिससे अपशिष्टों का अधिक उत्पादन होता है जिसका निपटान करना या उसकी साफ सफाई करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इससे पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचता है, इसी वजह से प्रकृति अपना मूल स्वरूप खोती जा रही है।

3. ख़राब मानसिकता -

लोगों की गलत मानसिकता भी इसके लिए जिम्मेदार है। यह सोचना की हमारे थोड़े से कचरे फेंकने से पूरा देश थोड़ी न प्रदूषित हो जायेगा यह बहुत गलत बात है। इसी मानसिकता के चलते लोग लगातार जहां तहां कचरे फेंक रहे हैं। चलते-फिरते हुए पैक्ड फूड के पैकेट, प्लास्टिक बोतल आदि सड़कों के किनारे पड़े नजर आते हैं। जानकर हैरानी होगी कि हर रोज भारत में करीब 25,940 टन प्लास्टिक कचरा जमा होता है जो सड़ता या गलता नहीं और पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं। हमारे भारत देश की जनसंख्या 2021 तक 140.76 करोड़ है ऐसे में अगर लोग स्वच्छता के लिए जागरूक नहीं होंगे और ऐसी ही सोच रखेंगे तो देश में गंदगी और गंभीर प्रदूषण समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जायेगी।

4. घरों में शौचालयों का अभाव -

घरों में शौचालय ना होना भी अस्वच्छता का कारण है। शौचालय के अभाव में लोग खुले में शौच करते हैं जो आस-पास अस्वच्छता का माहौल बना देता है, गंदी बदबू आने लगती है। वहां मखियाँ भिनभिनाती रहती है वहीं मक्खियां घर में आकर खाने पर बैठती है, उसे दूषित कर देती है और दूषित भोजन से हम बीमार हो जाते हैं। इसलिए विशेषकर गांव के हर घरों में शौचालय जरूर होना चाहिए।

5. सार्वजनिक शौचालय का अभाव -

यात्रा करते हुए लोगों को शौचालय की आवश्यकता पड़ जाती है ऐसे में यदि सार्वजनिक शौचालय ना बनाया गया हो तो लोग सड़क किनारे या कोने में शौच कर लेते हैं जो वहां पर गंदगी फैलाते हैं। जहां जरूरत है वहां शौचालय निर्माण करने से लोग इसका इस्तेमाल करेंगे और वहां का वातावरण साफ सुथरा रहेगा, लोग सार्वजनिक शौचालय का उपयोग कर उसकी ठीक से सफाई नहीं करते लेकिन यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है की वह सार्वजनिक रूप से निर्मित शौचालय को भी साफ सुथरा रखे।

6. उद्योगों का अपशिष्ट पदार्थ -

उद्योग धंधों से हर दिन अपशिष्ट पदार्थ निकलता रहता है जिसे वहां काम करने वाले कर्मचारी या मजदूर आस-पास भूमि में फेंक देते हैं या बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं इससे जल व् वातावरण प्रदूषित हो जाता है।

7. कचरे के उचित निपटान का अभाव -

हमारे देश में जनसंख्या अधिक होने के कारण लोगों द्वारा चीजों का उपयोग अधिक किया जाता है तथा उनके घरों से हर रोज कचरा निकलता है। हर दिन कई टन कचरा जमा होता है जिसका निपटान सही से नहीं हो पाता जिसके कारण महानगरों में भी सड़कों के किनारे कूड़ा करकट पड़ा हुआ देखा जा सकता है।

8. संसाधनों की कमी -

तकनीकी बढ़ने के साथ साफ-सफाई के कई यंत्र उपलब्ध हैं जिनके द्वारा सरलता से घरों की सफाई की जा सकती है। स्कूलों और कॉलेजों में साफ सफाई के लिए पर्याप्त संसाधनों की आपूर्ति करना आवश्यक है। गली मोहल्ले में जगह जगह पर कूड़ेदान की सुविधा देनी चाहिए जिसमें लोग कूड़ा करकट डालें ऐसा करने से कचरा यहां वहां नहीं बिखरेगा साथ ही उसका उचित निपटान भी अति आवश्यक है।

9. स्वच्छता के लिए जागरूकता की कमी -

यदि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता का अभाव है तो उन्हें स्वच्छता का महत्व नहीं पता चलेगा। इसके हानिकारक प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधित कौन कौन से रोग हो सकते हैं इसके बारे में भी नहीं पता चलेगा इसलिए यह बहुत जरूरी हो गया है की हम अपने आसपास के लोगों को साफ सफाई हेतु जागरूक करें।

10. अज्ञानता और लापरवाही -

देश का स्वच्छ ना होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि लोग या तो अज्ञानता वश कचरा यहां वहां फैला रहे हैं या तो उन्हें अस्वच्छता के हानिकारक प्रभाव के बारे में पहले से पता है किन्तु लापरवाही के कारण अपशिष्ट चीजों को जहां-तहां फेंक रहे हैं और परिवेश को मैला कर रहे हैं।

देश को स्वच्छ रखने के उपाय (Ways to keep the country clean in Hindi)

भारत देश को अगर स्वच्छ बनाना है तो हमें इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा साथ ही आस पड़ोस के अन्य लोगों को को जागरूक करना होगा। स्वच्छता के लिए देश के सभी घरों में निजी शौचालय का निर्माण करना होगा इसके साथ में सबके उपयोग हेतु सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण भी करना होगा ताकि लोग इनका इस्तेमाल करें ऐसा करके हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।

शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को स्वच्छता का महत्व बताते हुए जागरूक करना होगा। देश के उन जगहों पर जहां लोग जमा होते हैं जैसे बैंक, विद्यालय, कार्यालय, बस व् रेलवे स्टेशन आदि वहां पर कचरा पात्र बनाकर उसके उपयोग पर जोर देना होगा। लोगों की मानसिकता बदलने हेतु मुहिम चलानी होगी तथा उन दुष्प्रभावों से अवगत कराना होगा जो अस्वच्छता के कारण होता है।

देश की जनसंख्या भी अस्वच्छता के लिए जिम्मेदार है इसलिए बढ़ती जनसंख्या को रोकना भी आवश्यक है। जब कम आबादी होगी तो लोग कम चीजों का इस्तेमाल करेंगे और इससे कम कचरा जमा होगा। स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे ताकि लोग कहीं भी कचरा ना फेंके और कूड़ेदान में ही कचरा डालें।

स्वार्थ के कारण मानव प्राकृतिक संसाधनों का अलग अलग तरह से हनन करता जा रहा है उद्योग धंधों से हर दिन कचरों का ढेर निकलता है जो वातावरण में प्रदूषण फैलता है अतः उसका सही निपटान जरूरी है साथ में चीजों का पुनरुपयोग करना भी जरूरी।

बच्चों में साफ सफाई की आदत डालनी होगी क्योंकि वे बाहर खेलते रहते हैं इससे हाथों में कीटाणु आ जाता है इसलिए उन्हें साबुन का इस्तेमाल करके अच्छे से हाथ धोने को कहें। वाशरूम जाने के बाद हाथों को साबुन या हैंडवाश से धोना, सुबह उठकर रोज ब्रश करके दांतों की सफाई करना, रोज स्नान करना, साफ कपड़े पहनना, कमरे को साफ करना, अध्ययन स्थल को साफ रखना, नाखून बढ़ने पर उसे काटना, भोजन से पहले अच्छी तरह हाथ धो लेना आदि आदतों को अपनाकर बच्चे स्वस्थ रह सकते हैं।

आसपास के नालों में जमा गंदा पानी और घरों के बाहर जमा कचरा गंदगी फैलाते हैं जिससे गंभीर रोग उत्पन्न हो सकते हैं। हम सबको पुरानी मानसिकता को तोड़कर अपनी आदतों में सुधार लाते हुए स्वच्छता के प्रति जागरूक होकर गंदगी फैलाना बंद करना होगा।

स्वच्छता के प्रकार -

ये मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता, इनके बारे में एक-एक करके जानते हैं -

व्यक्तिगत स्वच्छता - स्नान से स्वयं को स्वच्छ रखना, समस्त घरेलू साफ सफाई करना, निजी शौचालय को स्वच्छ रखना, कमरे में टेबल, कुर्सी, सोफा व् फर्श को साफ करना, झाड़ू लगाना और आसपास के कचरों को कूड़ेदान में डालना आदि व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं।

सार्वजनिक स्वच्छता - जो साफ सफाई का काम सार्वजनिक रूप से किया जाता है उससे पूरे देश मे सार्वजनिक स्वच्छता फैलती है। इसके अंतर्गत गांव और शहरों के गली मोहल्ले, चौराहे आदि की साफ-सफाई होती है। आमतौर पर यह काम ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायतों द्वारा और महानगरों में नगरपालिका द्वारा किए जाते हैं। हालांकि इस कार्य के लिए भी देश के नागरिकों का व्यक्तिगत सहयोग बहुत जरूरी होता है।

सार्वजनिक रूप से आयोजित भव्य समारोह आदि के पश्चात काफी कचरा जमा हो जाता है इस समय भी सार्वजनिक रूप से स्वच्छता का काम मिलकर पूरा किया जाता है।a

स्वच्छता से होने वाले लाभ (Benefits of cleanliness in Hindi)

अपने आसपास साफ सफाई रखना अच्छी आदतों में से एक है। सुबह उठकर बिस्तर ठीक करके नहा धोकर साफ कपड़ा पहन कर स्कूल कॉलेज या ऑफिस जाने से आत्मविश्वास बढ़ता है। कार्यस्थल पर कार्य करने का मूड वहां के परिवेश पर निर्भर करता है यदि वहां टेबल पर फाइल्स बिखरे पड़े होंगे तो मन काम में नहीं लगेगा। इसलिए जरूरी काम करते वक्त कार्य स्थल में साफ सफाई का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

व्यक्ति को अपनी आदतों में सुधार करके साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा इससे कई फायदे या लाभ होंगे -

आसपास का वातावरण स्वच्छ रहेगा जिससे वहां दुर्गंध नहीं आयेगी। शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगा जो शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखेगा। अगर गंदगी ना हो तो वहां मच्छर नहीं पनपेंगे और मलेरिया बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारी हमसे कोसो दूर रहेंगे।

घर-आँगन साफ रहेगा तो मन प्रसन्न रहेगा इससे पूरे दिन आपका मूड अच्छा रहेगा। दफ्तर में कार्यस्थल साफ रहेगा तो काम में मन लगेगा, स्कूल में स्वच्छता रहेगी तो बच्चे एकाग्रचित होकर पढ़ेंगे। भागदौड़ भरी जिंदगी में सुखी और तनाव-मुक्त जीवन जीने के लिए ताजा हवा के साथ साफ-सुथरा वातावरण का होना भी जरूरी है इससे हम स्वस्थ रहेंगे।

साफ कपड़े पहनना आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, लोग आपकी इज्जत करेंगे और समाज में आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी। हमारा कर्तव्य केवल स्वयं को स्वच्छ रखना नहीं अपितु आस-पास के वातावरण को भी साफ रखना है इसलिए अगर घर की साफ सफाई करें तो एकत्र किए गए कचरों को बाहर कहीं भी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही डालें। ऐसा करके हम परिवश को तो स्वच्छ बना ही सकते हैं साथ में अनेक रोगों को उत्पन्न होने से भी रोक सकते हैं।

स्वच्छता से मनुष्य को प्रत्यक्ष लाभ तो मिलता है इसके साथ-साथ वह अप्रत्यक्ष रूप से भी लाभान्वित होता है क्योंकि जब स्वच्छता रहेगी तो वह बीमार नहीं पड़ेगा इससे अस्पताल में इलाज का खर्चा बचेगा मतलब आय की बचत होगी, जब लोग कम बीमार होंगे तो स्वास्थ्य सुविधा देने में होने वाले सरकारी खर्चे भी बचेंगे इससे शासन को भी फायदा होगा। अगर भारत स्वच्छ रहेगा तो बीमारी भी हमसे दूर रहेगी जिससे पैसे कम खर्च होंगे और व्यक्ति अपने कमाई का कुछ हिस्सा बचत के रूप में आसानी से रख पाएगा, निरोगी रहने से देश के नागरिक समृद्ध भी हो पायेंगे।

अस्वच्छता से हानियां (Disadvantages of uncleanliness in Hindi)

काम के वक्त साफ-सफाई ना होना कार्य की इच्छा को प्रभावित करता है साथ ही एक चीज पर एकाग्र चित्त होकर काम करने से रोकता है या यूं कहें कार्य में व्यवधान उत्पन्न करता है। गंदगी आँखों को नहीं भाता इसलिए अगर हम कहीं अस्वच्छता देख लें तो वहां रुकने का मन नहीं करता।

अस्वच्छता, किसी महत्वपूर्ण कार्य से आपके ध्यान को भटकाने का काम कर सकता है। काम में मन ना लगना, तनाव पैदा होना, चिढ़चिढ़ापन आना इन सब परेशानियों की जड़ अशुद्धता या अस्वच्छता भी है। अगर नाखून बढ़ा हुआ है तो उसमें कीटाणु जमा हो जाते हैं जो खाना खाते समय भोजन के साथ मुंह में और फिर पेट में चला जाता है इससे गंभीर रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

अस्वच्छ या दूषित भोजन करने से डायरिया व् पेट संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसलिए हाथ को अच्छे से धोकर स्वच्छ भोजन खाने की सलाह दी जाती है। आसपास जमा हुए कूड़ा करकट वातावरण को दूषित करती है इससे वहां के निवासियों का स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

सड़क के किनारे बनी नालियों में गंदा पानी जमा होने से वहां मलेरिया रोग उत्पन्न करने वाले मच्छर पनपने लगते हैं, वही मच्छर आसपास के घरों में जाकर भोजन में बैठकर उसे दूषित कर देते है अगर उस दूषित भोजन को खा लिया जाए तो तबियत बिगड़ सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान -

हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है वहां संसाधनों की कमी देखी जाती है। पहले वहां ज्यादातर लोग बाहर खेत में शौच करने जाते थे लेकिन इस अभियान के तहत सबके घर शौचालय निर्माण किया गया। इसके लिए सरकार की तरफ से शौचालय निर्माण कार्य हेतु ₹12000 का राशि प्रत्येक शौचालय हेतु उपलब्ध कराया गया। यह स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ आज गांव के लोग अपने शौचालय का इस्तेमाल अधिक करने लगे हैं। इस अभियान का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत ना केवल शौचालय बनाना बल्कि स्वच्छता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना भी है जैसे घरों के आसपास स्वच्छता रखना, नदी-नालों व् तालाबों को साफ करना, स्वच्छ जल का उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना आदि।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान -

शहरों में सड़कों के किनारों में नाली में गंदा पानी बहता हुआ देखा जाता है स्वच्छ भारत अभियान के तहत इनकी साफ-सफाई के साथ गली मोहल्ले को साफ सुथरा रखने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कर उसका इस्तेमाल करने के लिए और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

शहरों में कई ऐसी जगहें हैं जहां पर लोग आना जाना करते रहते है जैसे अस्पताल, बैंक, पोस्ट ऑफिस, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और कार्यालयों आदि स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है। इसके अलावा कूड़ेदान का प्रबंध होने से कचरा, पैकेट, कागज टुकड़ा आदि को इसमें डाला जा सकता है इस तरह कूड़ा सही जगह जमा करके यहां वहां गंदगी फैलाने से रोका जा सकता है।

इस अभियान के प्रति शहर के लोग जागरूक हैं साथ में वहां नियम भी बनाया गया है जिसके तहत कहीं भी कचरा नहीं फेंक सकते, इस नियम का बहुत से लोग अच्छे से पालन करते हैं। शहरों में हर रोज कई घरों से गंदा पानी और अपशिष्ट पदार्थ निकलता है। कारखानों से भी कूड़ा-करकट निकलता है इसका सही निपटान करने का प्रयास किया जा रहा है।

स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान -

भारत सरकार ने स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान का आगाज 25 सितंबर 2014 को किया। इस महत्वपूर्ण पहल का लक्ष्य शिक्षा के क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देना तथा स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बीच संबंध स्थापित करना था ताकि विद्यालयों में साफ सफाई का बखूबी ख्याल रखा जाए यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी एक अच्छा पहल है क्योंकि विद्यालय स्वच्छ है तो वहां रोग उत्पन्न नहीं हो सकता। स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में पर्यावरण सुरक्षा हेतु बच्चों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। जिसके अंतर्गत स्कूल के प्रयोगशाला, पुस्तकालयों व् क्लास रूम को स्वच्छ रखना, खेल मैदान को साफ-सुथरा रखना, विद्यालय के आसपास फैली गंदगी को साफ करना, कूड़ा करकट को कूड़ेदान में डालना तथा स्वच्छ पर्यावरण हेतु वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना आदि कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले मंत्रालय -

स्वच्छ भारत बनाने के लिए कई मंत्रालय अपना योगदान निरंतर दे रहे हैं जैसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान, राज्य सरकार, नगर विकास मंत्रालय, वातावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भी इसमें शामिल है। इस प्रकार स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में कई सरकारी मंत्रालय अपने अपने काम में जुटे हुए हैं।

स्वच्छ भारत अभियान हेतु चुने गए प्रभावी लोग -

इस अभियान का मकसद लोगों में जागरूकता पैदा करना है इस अभियान को सफल बनाने के लिए बड़े-बड़े हस्तियां आगे आए हैं जैसे कि सचिन तेंडुलकर, महेन्द्र सिंह धोनी, विराट कोहली, बाबा रामदेव, अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, अनिल अंबानी, शशि थरुर, मृदुला सिन्हा, कमल हसन और तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीवी शो की पूरी टीम। इन लोगों ने स्वच्छ भारत बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उपसंहार -

भारत के श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्‍टूबर साल 2014 को किया गया। इसके जरिए पूरे भारत को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य केवल कुछ व्यक्तियों द्वारा सफल नहीं हो सकता इसमें भारत के हर नागरिकों को सहयोग देना होगा। स्वच्छता की पहल स्वयं से करके घर के आस-पास और गलियों को भी साफ-सुथरा रखना होगा। अपना कर्तव्य निभाते हुए कूड़ा करकट उसके उचित स्थान पर डालना होगा। ऐसा कहा जाता है की जहां स्वच्छता होती है वहां भगवान निवास करते हैं इसी वजह से दीपावली के अवसर पर घरों की सफाई की जाती है। हमें हर दिन दिनचर्या में से कुछ समय कमरे की साफ-सफाई के लिए देना चाहिए। अगर हमारा वातावरण स्वच्छ रहेगा तो मन शांत रहेगा, पढ़ाई लिखाई और काम में मन लगेगा। स्वच्छता के प्रचार प्रसार का कार्य समाचार पत्रों और मीडिया द्वारा अक्सर किया जाता है। टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसिद्ध लोग जैसे अधिकारी, जन प्रतिनिधि, अभिनेता आदि, देश की जनता से स्वच्छता के लिए जागरूक होने का आग्रह करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अभियान का हिस्सा बनकर अपना सहयोग देना चाहिए। साथ में आस-पड़ोस के लोगों को इसके लिए जागरूक करना भी जरूरी है।

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