गाय पर निबंध | Cow Essay In Hindi | Cow nibandh in Hindi

गाय हमें मीठा दूध देती है हर गाँव और शहरों में गाय आसानी से देखी जा सकती है। इसकी दूध से कई मिष्ठान बनाये जाते हैं। इस लेख में गाय पर निबंध बता रहे हैं, ज्यादातर बच्चे अपने जीवन में पहला निबंध गाय पर निबंध (Cow Essay In Hindi) लिखते हैं। हम किसी पशु पर लेख तभी लिख सकते हैं जिसे हमने देखा हो या उसके बारे में पढ़ा हो, गाय हम बचपन से देखते आ रहे हैं इसलिए इस पर Cow Essay लिखना आसान है। इस निबंध के जरिए गाय के बारे में आपको जरूरी जानकारियां मिलेगी। 

गाय पर निबंध हिंदी में - Essay on Cow in Hindi

गाय पर निबंध - Cow Essay in Hindi

गाय एक दुधारू पशु है। गाय हमें हल्की मीठी दूध देती है जो एक पौष्टिक आहार है। गाय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक पूजनीय पशु है इसे गौ माता कहा जाता है।

भारत में प्रायः सफेद काला गेरुआ तथा चितकबरे रंग के गाय देखी जा सकती है। यह शान्ति प्रिय पालतू पशु है जो मन को मोह लेती है। इनके बच्चे को बछड़ा या बछिया कहा जाता है। जब बछड़ा बड़ा हो जाता तो उसे बैल कहा जाता है बैल कृषि कार्यों में किसानी की सहायता करता है।

गाय की दो आंखें, दो कान, चार पैर, चार थन और लंबी पूँछ होती है। गाय के मजबूत खुर उनके चलने फिरने में सहायक होते हैं। 

अन्य जानवरों में ऊपर और नीचे जबड़े में दांत पाई जाती है जो मुख्य रूप से मांसाहारी जानवर में भोजन को चीरने में सहायक होते हैं। मनुष्य सर्वाहारी होते हैं अतः इनमें भी ऊपर और निचले जबड़े में दांत होते हैं जो चीरने का काम करते हैं।

किंतु गाय एक पूर्णतः शाकाहारी स्तनधारी पशु है जो मांस का सेवन नहीं करता तथा दांतों का प्रयोग चीरने में नहीं करता इसलिए गाय के जबड़े में ऊपर की तरफ दाँत नहीं होते केवल नीचे की तरफ होते हैं जो चारा चरने और घांस खाने में सहायक होते हैं। 

जब गाय बछड़े को जन्म देती है तब उसके 20 अस्थाई दांत होते हैं लेकिन जब वह गिर जाते हैं तो उसके बाद 32 स्थाई दांत उग आते हैं।

गाय दुनियाभर में पाई जाती है। गाय के दूध से भोज्य पदार्थों का उत्पादन किया जाता है। डेयरी फार्म में गाय के दूध की बिक्री होती है। गाय के दूध से मक्खन, मट्ठा, दही और शुद्ध घी बनता है।

गाय बहुत उपयोगी पशु है इसका गोबर बहुत अच्छा उर्वरक है। इससे खाद बनाए जाते हैं जिससे फसल अच्छे होते हैं। गांवों में गोबर से घर आंगन की लपाई पुताई होती है। गाय के गोबर से उपले बनाए जाते है जो इंधन के काम आते हैं। गौ मूत्र औषधि का काम करता है रोग मुक्त करने में संजीवनी के समान है।

भारत में गायों की पूजा की जाती है उन्हें नहलाने के बाद विशेष प्रकार का भोजन खिलाया जाता है। गाय को माता तुल्य माना गया है इसलिए उसे गौमाता कहते हैं।

मान्यताओं अनुसार गाय को पहली रोटी खिलाने से घर में सुख समृद्धि का वास है। पौराणिक काल से ही गाय को हिंदू धर्म का पवित्र पशु माना जाता है।

द्वापरयुग में श्रीकृष्ण गाय दूध से बनने वाले मक्खन का खाते थे, कृष्ण के सबसे प्रिय पशु गाय थी, वे ग्वालों के साथ मिलकर गईया चराने जाया करते थे।

पौराणिक ग्रंथों में कामधेनु नामक गाय का उल्लेख मिलता है वह समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी, कहा जाता है वह चमत्कारी गाय थी जो देवताओं के पास है।

वैदिक काल से ही गायों का बहुत बड़ा महत्व है। बहुत पहले व्यक्ति की समृद्धि का अंदाजा इस बात से लगा दिया जाता था कि उसके पास कितनी गाय हैं। लोगों ने बहुत पहले से ही गाय पालना शुरू कर दिया था आज भी गांव में अधिकतर घरों में गाय पालन करते हैं।

गाय को संस्कृत में धेनु या गौः कहते हैं। अंग्रजी में  कॉउ (Cow) कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम बोस टौरस (Bos taurus) है। यह धरती में सर्वत्र अलग अलग नस्ल का पाया जाता है। साहिवाल, अमृतमहल, गिर, बर्गुर, डांगी, खिलारी, लाल सिंधी इत्यादि गाय के विभिन्न प्रजातियां हैं।

गाय के दूध से तरह-तरह के चीजें बनते हैं। दूध को फाड़कर पनीर बनाए जाते हैं, इससे बनने वाली रसमलाई बहुत स्वादिष्ट लगता है। मलाई आईसक्रीम तो बच्चों का पसंदीदा फूड है इसे बनाने मे भी दूध का प्रयोग किया जाता है। 

गाय दूध से शुद्ध घी प्राप्त होता है जिसे पराठे के ऊपर लगाकर खाने से स्वाद बढ़ जाता है। दूध का कढ़ी और स्वादिष्ट पनीर बनता है जिसे सब्जी बनाकर घरों में खाया जाता है। 

गर्मी के दिनों में छाछ और लस्सी सबका मनपसंद पेय पदार्थ है इसे पीने से मन तरोताजा महसूस करता है। कुछ लोग घर में ही बाजार जैसा स्वादिष्ट छाछ और लस्सी बनाकर पीना पसंद करते हैं पंजाब में तो बड़े गिलास में अमृतसरी लस्सी पिया जाता है।

गाय के दूध से कई प्रकार के मिठाईयां बनते हैं मावा या खोया, बर्फी, दूध का बना पेड़ा बहुत प्रचलित है। ठंडे आहार के रूप में गर्मी के दिनों में दही का सेवन मुख्य रूप से किया जाता है जो पेट में ठंडक महसूस कराता है।

गाय के दूध से बनने वाले पेय पदार्थों में से सर्वाधिक प्रचलित दूध का चाय है। हर जगह पर चाय की टपरी मिल जाएगी जहां पर सुबह-शाम लोग बैठकर गर्म दूध चाय पीना पसंद करते हैं। मेहमान नवाजी के समय पर अतिथियों को पहले चाय नाश्ते के साथ दिया जाता है। घरों में चाय कई तरह की बनाई जाती है किंतु अधिकतर दूध वाली चाय पीना पसंद करते हैं।

सभी प्रांतों में गाय का पालन किया जाता है, कई धार्मिक अनुष्ठानों और पूजन सामग्री में गाय के दूध का प्रयोग होता है। घरों में और मंदिरों में पूजा के समय गाय के घी का दीपक भी जलाया जाता है।

गाय का दूध आसानी से पचता है इसलिए शिशु को 6 महीने के बाद मां के दूध के अलावा गाय का दूध पिलाया जा सकता है। इसलिए भारत में गाय को गौमाता कहते हैं।

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