मोर पर निबंध - Essay on Peacock in Hindi

मोर भारत में बहुत प्रसिद्ध पक्षी है इसका मनमोहक रूप हर किसी को अपनी और आकर्षित कर सकता है। लोग चिड़ियाघरों में इसे देखने के लिए लालायित रहते हैं, जब यह अपना पँख को फैलता है तो उसके घने पंख आधे चाँद के सामान लगता है। इस पोस्ट में हम मोर पर निबंध - Essay on Peacock in Hindi पढ़ने वाले हैं इसके जरिये आपको राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में आवश्यक जानकारी मिलेगी। 

राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध - Essay on Peacock in Hindi 

मोर पर निबंध - Essay on Peacock in Hindi

मोर एक अतिसुंदर पक्षी है जो बगीचों या वनों में पाया जाता है। मोर का मनोज्ञ रूप हर किसी को मोहित कर उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। मोर को मयूर और अंग्रेजी में पीकॉक भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेट्स (Pavo cristatus) है।

मोर का शरीर अन्य पक्षियों से बड़ा होता है उसकी लंबी गर्दन नीले (बैंगनी) रंग की होती है। मोर के दो आँखें, एक चोंच, दो पैर, रंग बिरंगे मनमोहक पंख और सिर पर कलगी होती है जो उसके रूप में चार चांद लगाती है। मोर के पंख अन्य पक्षियों की तुलना में काफी लंबे होते हैं उसके पंख में आंखों की तरह नीले-नीले धब्बे नजर आते हैं।

लोग मोर पंख का इस्तेमाल सजावट करने, अपने हस्तकला को और सुंदर दिखाने और चीजों की शोभा बढ़ाने के लिए करते हैं। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भी अपने मुकुट में मोर पंख लगाकर धारण करते थे। वाल्मीकि, तुलसीदास और महाकवि कालीदास भी अपनी रचनाओं को लिखने हेतु मोर पंख का उपयोग करते थे। मोर पंख को लेकर मान्यताएं भी हैं जैसे इसे हमेशा पास रखने पर भाग्य हमेशा साथ देता है इत्यादि।

मोर नदी व् बहते झरने के आसपास विचरण करना पसंद करता है। यह बाग-बगीचे और चिड़ियाघरों में भी देखा जा सकता है। यह बरगद, नीम तथा पीपल के वृक्ष में बैठे नजर आते हैं रात के समय आराम के लिए मोर शांत स्थान का चुनाव करता है आमतौर पर यह झाड़ियों के पीछे या बड़े मोटे पेड़ जैसे बरगद पेड़ आदि में विश्राम करता है। मोर भारत के लगभग सभी हिस्सों में देखे जा सकते हैं लेकिन हरियाणा, गुजरात, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और वृंदावन में यह अधिकता में पाए जाते हैं। यह भारत के अलावा विदेशों में भी पाया जाने वाला पक्षी है।

इसकी खूबसूरती और निखर जाती है जब बसंत और वर्षा ऋतु का आगमन होता है उस समय घने काले बादलों को देख वह अपने सारे पंख फैलाकर खुशी से नाचने लगता है। मोर निडर व् साहसी स्वभाव वाला पक्षी है जो भोजन के रूप में अनाज के दाने, बीज, फल आहार, कीड़े-मकोड़े, सरीसृप और साँप खाता है।

मोर भारत देश का राष्ट्रीय पक्षी है इसलिए ये भारतवासियों के लिए राष्ट्रीय महत्व भी रखता है इसे 26 जनवरी सन् 1963 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पक्षी (National Bird) घोषित किया गया। भारत के अलावा म्यांमार देश का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है। कई रंगों के समावेश से बना रंग-बिरंगा मोर पक्षी का धार्मिक महत्व भी है। यह ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का वाहन है। भगवान शिवशंकर और माता पार्वती के बड़े पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी मोर पक्षी ही है।

हिंदू धर्म में मोर पंख को बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है इसलिए वे घरों में मयूर पंख रखा करते हैं। बच्चों को भी मोर का कोमल पंख बहुत पसंद आता है इसलिए वे पंख को अपने किताब के पन्नों के बीच रखते हैं इससे वे अच्छा महसूस करते हैं।

नर मोर के घने और लम्बे रंग बिरंगे पंख होते हैं लेकिन मादा मोरनी में लंबे पंखों का अभाव होता है। मादा मोर का आकार बड़ा होने के कारण वह बाकी पक्षियों की तरह पेड़ों पर घोंसला नहीं बनाती बल्कि  जमीन पर ही घोंसला बनाकर अंडे देती है। मयूर के पंख सबके नेत्रों को भाते हैं इसलिए तो घरों के सजावटी वस्तुओं या सामानों में मोर पंख के डिजाइन बनाए गए होते हैं जो देखने में बहुत सुंदर लगता है।

मोर के सिर पर कुदरती रूप से कलगी बना रहता है जो ऐसा प्रतीत होता है मानों उसका मुकुट हो, मोर पक्षियों के राजा की तरह लगता है। मोर जब आवाज करता है तो उसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। इसकी अद्वितीय व अनोखी स्वर हर कोई आसानी से पहचान लेता है।

मोर अधिक ऊंची उड़ान नहीं भरता वह जमीन पर चलना ज्यादा पसंद करता है। मोर पक्षी आमतौर पर हमारे आसपास देखने को नहीं मिलता, इसे जंगलों या फिर चिड़ियाघरों में देखा जा सकता है इसलिए अगर लोगों को मोर देखने की इच्छा होती है तब वे नजदीकी चिड़ियाघर में जाकर अपने पसंदीदा पक्षी मोर का दीदार करते हैं। मोर पक्षी की आयु सामान्यतः 15 से 20 साल तक की होती है।

मोर हमारे देश की राष्ट्रीय पक्षी है। इसका रूप सबका मन मोह लेता है। इसमें विशेष गुण पाया जाता है जिसके चलते आने वाली प्राकृतिक आपदा का इन्हें पहले ही पता चल जाता है और यह आवाज करके हमें आपदा के बारे में पहले से सचेत कर देता है। इसके मनमोहक स्वर सबका ध्यान अपनी ओर खींचता है। यह बहुत दुर्लभ पक्षी है इसलिए इसकी रक्षा करना बहुत जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियां इस अनोखे पक्षी को आसानी से देख पाए।

मोर पर निबंध 10 लाइन - Essay on Peacock 10 Line

1. मोर हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पक्षी है।

2. इसे मयूर और अंग्रेजी में पीकॉक (Peacock) भी कहते हैं।

3. मोर के सिर पर कलगी और लंबे पंख पर आंख की तरह सुंदर आकृति बनी होती है।

4. यह प्रायः जंगलों और चिड़ियाघरों में देखे जाते हैं।

5. यह बारिश आने पर अपने सारे पंखों को एक साथ फैलाकर नाचता है।

6. यह अन्य पक्षियों की तुलना में भारी होता है इसका वजन 5 - 10 किलोग्राम तक हो सकता है।

7. मोर सर्वाहारी पक्षी है जो अनाज, बीज, फल, सब्जी और छोटे जीवों को खाता है।

8. मोर संसार का सबसे अनोखा और सुंदर दिखाने वाला पक्षी के रूप में जाना जाता है।

9. मोर के चमकीले पंखों से घरों में सजावट की जाती है जो देखने में बहुत सुंदर लगता है।

10. मोर की सुरक्षा बहुत आवश्यक है। मोर को पकड़ना, हानि पहुंचाना या मारना कानूनी अपराध है।

मोर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर (Answers to frequently asked questions on Peacock)

1. मोर को खाने में क्या पसंद है?

उत्तर - यह सर्वहारी पक्षी है इसलिए यह फल, अनाज के दाने, कीड़े मकोड़े और छोटे सांप को भी खा खाता है इसे मेंढक और साँप खाना पसंद होता है।

2. मोर की उम्र कितनी होती है?

उत्तर - इसकी उम्र 15 से 20 और 25 से 30 साल तक की होती है।

3. मोर पंख किसका प्रतीक है?

उत्तर - यह सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक है इसलिए लोग इसका इस्तेमाल सजावट के लिए किया करते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने मोर पंख को राधा के प्रेम के प्रतीक स्वरूप माना है इसलिए वे अपने सिर पर मोर पंख लगाकर रखते हैं।

4. क्या मोर शाकाहारी है?

उत्तर - मोर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन खाते हैं। मोर शाकाहारी खाना जैसे बीज, जामुन, फल आदि खाता है। इसके अलावा मांसाहारी भोजन जैसे मेंढक, सांप आदि को भी खाते हैं।

5. मोर कहाँ रहता है?

उत्तर - मोर जंगलों में रहता है। रात के समय यह मोटे पेड़ के पीछे या फिर झाड़ियों के पीछे रहते हैं। मोर पक्षी भारत की हर हिस्सों में पाया जाता है विशेषकर भारत और श्रीलंका में अधिकता में पाया जाता है। इनके अतिरिक्त विभिन्न देशों में मोर पक्षी देखी जा सकती है। 

6. क्या मोर सांप को खाता है?

उत्तर - हां यह सांप को खाता है, आमतौर पर या छोटे सांप को खाता है लेकिन बड़े सांपों से दूर ही रहता है। यह स्तनपायी और सरीसृप भी खाता है।

7. मोर दिखाई दे तो क्या होता है?

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव शंकर और भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर पक्षी है इसलिए अगर मोर दिखाई दे जाए तो उसे अति शुभ माना जाता है।

8. मोर पंख भाग्यशाली क्यों है?

उत्तर - ऐसा माना जाता है की मोर पंख भाग्यशाली होता है। इससे नकारात्मक प्रभाव दूर होता है और वास्तुदोष भी दूर रहता है। यह भी माना जाता है कि मोर पंख रखने से घर में धन-धान्य बना रहता है इसलिए लोग कार्यस्थल और तिजोरी में मोर पंख रखा करते हैं।

9. मोर के पंख कॉपी में रखने से क्या होता है?

उत्तर - मोर पंख को बच्चे अपने किताबों या कॉपी के पन्नों के बीच रखा करते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि मोर पंख देखने में सुंदर और आकर्षित लगता है। इससे विद्यार्थी अच्छा महसूस करता है।

10. मोर पंख से क्या लाभ होता है?

उत्तर - रंग बिरंगे मोर पंख के बहुत से लाभ हैं कला और शिल्प से संबंधित कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। इसे घरों में रखने से यह घरों की शोभा बढ़ाने का काम करता है। प्राचीनकाल में मोर पंख से लेखन कार्य भी किया जाता था इसे स्याही में डुबाकर पन्ने पर लिखा जाता था।

11. घर में मोर पंख कहाँ रखना चाहिए?

उत्तर - लोग इसे पुस्तकों के पन्नों के बीच, अध्ययन स्थल या कार्यस्थल में रखना पसंद करते हैं। मोर पंख को आप दीवारों पर लगाकर उसे आकर्षक बना सकते हैं। कुछ लोग इसे फूलदान में भी रखा करते हैं। आप घरों के किसी वस्तु को सजाने के लिए मोर पंख का उपयोग कर सकते हैं।

12. छिपकली मोर के पंख से क्यों डरती है?

उत्तर - मोर के पंख में ऊपरी हिस्से पर जो आकृति बनी हुई होती है वह किसी जानवर की आंख की तरह प्रतीत होती है इसलिए जब इसे छिपकली के सामने रख दिया जाता है तो उसे लगता है की वह किसी बड़े जानवर का आंख है जो उसे घूरकर देख रहा है, यह देखकर छिपकली मोर के पंख से डर जाती है।

13. असली मोर पंख की पहचान कैसे करें?

उत्तर - असली मोर पंख की पहचान करने के लिए जब आप मोर पंख ले तो उसमें ध्यान से देखें जो आकृति बनी है उसमें नाग सांप की तरह आकृति नजर आएगी अगर वह आकृति दिखता है मतलब मोर पंख असली है।

14. मोर के पंख की क्या विशेषता है?

उत्तर - मोर देखने में बिल्कुल पक्षियों के राजा की तरह लगता है। उसके सिर पर कलगी रहता है जो मुकुट जैसा लगता है। मोर के पंख बहुत सुंदर, चमकीला और आकर्षक लगता है। इसके पंखों में अनेक रंगों का समावेश रहता है जैसे हरा, लाल, नीला, पीला आदि यही इसकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। इसके पंख बहुत प्रचलित होने के कारण आभूषण व् गहने भी मोरपंख डिजाइन का बनाया जाता है। मोर हर प्रकार से एक अनोखा पक्षी है, भारत सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय पक्षी भी घोषित किया गया है।

15. श्री कृष्ण मोर पंख क्यों लगाते हैं?

उत्तर - मान्यता अनुसार कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण अपने बांसुरी बजा रहे थे तब राधा रानी नृत्य कर रही थी उस वक्त बांसुरी की धुन सुनकर मोर पक्षी भी नाचने लगे थे तभी एक पक्षी का मोर पंख जमीन पर गिर गया तो उसे श्री कृष्ण ने राधा के प्रेम के प्रतीक स्वरूप मानकर धारण कर लिया था।

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