महाविद्यालय पर निबंध - College Essay In Hindi
स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद कॉलेज जरूर जाते हैं कॉलेज या महाविद्यालय उच्च शिक्षा प्राप्त करने का स्थान है। इस आर्टिकल के माध्यम से मैं महाविद्यालय पर निबंध लिख रहा हूं, अगर आप College Essay in Hindi खोज रहे हैं तो यह आर्टिकल जरूर पूरा पढ़ें।
महाविद्यालय पर निबंध - College Essay In Hindi
College Essay In Hindi |
हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी अपनी आगे की पढ़ाई के लिए महाविद्यालय में प्रवेश करता है। महाविद्यालय में एडमिशन के लिए छात्रों को अंतिम तिथि से पहले एडमिशन फॉर्म ऑनलाइन तरीके से भरना पड़ता है और स्कूल में प्राप्त अंक के अनुसार उन्हें कॉलेजों में अध्ययन के लिए चुना जाता है। महाविद्यालय जहां पर विद्यार्थी अपनी उच्च अध्ययन करता है। वह जिस विषय को पढ़ने के लिए रुचि प्रकट करता है उसी कक्षा के लिए दाखिला फॉर्म भरता है। जब विद्यार्थी को किसी महाविद्यालय में पढ़ने हेतु सिलेक्ट कर लिया जाता है तब उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर यूनिवर्सिटी की तरफ से सूचना भेज दी जाती है तत्पश्चात वह दिए गए कॉलेज में जाकर एडमिशन प्रक्रिया पूरी करता / करती है। एडमिशन की प्रक्रिया अनुशासन पूर्ण तरीके से संपन्न की जाती है नई विद्यार्थी अपने फर्स्ट ईयर की पढ़ाई हेतु दाखिला लेते हैं तथा उस कॉलेज में पहले से पढ़ने वाले छात्र अपने सेकंड ईयर तथा थर्ड ईयर के अध्ययन हेतु एडमिशन ले लेते हैं।
कॉलेज में छात्र पढ़कर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ता है। स्कूल के बाद कॉलेज में अलग-अलग सब्जेक्ट का चुनाव करके पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद वह किसी नौकरी हेतु परीक्षा देकर नौकरी प्राप्त कर सकता है तथा अपनी आय का स्रोत तैयार कर सकता है। कुछ छात्रों को डॉक्टर इंजीनियर टीचर इत्यादि बनने में विशेष रूचि होती है तो उन्हें उसी क्षेत्र से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाता है।
कॉलेजों में पढ़ने वाले विज्ञान के छात्रों को प्रैक्टिकल द्वारा पाठक को सरलता से समझाया जाता है। जिन चीजों को स्कूल में संक्षिप्त रूप में पढ़ते हैं उसी को विस्तृत रूप से कॉलेज में पढ़ा जाता है। स्कूलों में जिस तरह अध्यापक सब्जेक्ट पढ़ा कर होमवर्क देते हैं उसी तरह कॉलेज में प्रतिदिन पढ़ाई होती है तथा यहां पर पढ़ाई की जिम्मेदारी विद्यार्थियों पर होती है उन्हें स्वयं अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है। कॉलेज का दिन वह समय होता है जब छात्र को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होता है उस वक्त बच्चे बड़े हो रहे होते हैं इसलिए उन्हें मौज मस्ती करने के बजाय पढ़ाई पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देना पड़ता है ताकि उनका परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ आए। उनकी भविष्य परीक्षा परिणाम पर ही निर्भर करती है यदि अच्छा अंक नहीं मिला तो जॉब पाना मुश्किल हो जाएगा इसलिए गंभीर रूप से पढ़ाई पर ध्यान देना अत्यंत जरूरी हो जाता है। कॉलेज में पढ़ाई जाने वाले सभी अलग-अलग विषयों का स्वाध्याय करना जरूरी है।
वक्त के साथ पढ़ाई के चैप्टर पूरे होते जाते हैं उसके अनुसार विद्यार्थियों को सवालों के जवाब याद करनी होती है ताकि परीक्षा में लिख सकें तथा सभी पाठ को समझना भी पड़ता है। इस समय छात्र का पूरा ध्यान अध्ययन पर होता है क्योंकि कॉलेज में एक सब्जेक्ट के 2-3 भाग होते हैं जिनके अध्ययन में अधिक समय लगता है इसलिए अन्य गतिविधियों के लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है किंतु पढ़ाई में दिए गए समय परीक्षा के समय बहुत काम आता है छात्र अपने मस्तिष्क में याद किए गए सवालों के जवाब आसानी से दे पाता है तथा अंततः उनका परीक्षा परिणाम अच्छा आता है।
जब नए स्टूडेंट्स कॉलेजों में एडमिशन लेती है तब फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी स्टूडेंट बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं तथा अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। कॉलेजों में आए दिन कुछ ना कुछ फंक्शन होते रहते हैं। शिक्षक दिवस टीचर्स के जन्मदिन का फंक्शन विशेष समारोह जैसे स्वतंत्रता दिवस तक गणतंत्र दिवस पर रंगारंग कार्यक्रम और वार्षिक महोत्सव का आयोजन इत्यादि। कॉलेजों में विशेष अतिथियों के आगमन के लिए भी भव्य रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कॉलेज में विद्यार्थी अध्ययन करने हेतु बसों में जाया करते हैं तथा कुछ छात्र अपने पर्सनल वाहन चलाकर कॉलेज आया जाया करते हैं।
स्कूलों की तुलना में एक महाविद्यालय काफी बड़ा होता है उसमें बहुत सारे कमरे होते हैं। तथा वहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी स्कूल की तुलना में अधिक होती है। महाविद्यालय में कैंटीन खेल का मैदान प्रयोगशाला इत्यादि की सुविधा उपलब्ध रहती है। कॉलेजों की छवि वहां पढ़ने वाले छात्रों के परीक्षा परिणाम के अनुसार पता लग जाता है। इन कॉलेज में श्रेष्ठ अंकों से उत्तीर्ण हुए छात्रों की संख्या अधिक होती है उसे अच्छा कॉलेज माना जाता है तथा इसीलिए अधिक छात्र उसी महाविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं।
प्रत्येक महाविद्यालय में अध्यापक तथा अध्यापिकाएं हर रोज अलग-अलग सब्जेक्ट को ब्लैक बोर्ड पर लिखकर समझाते हैं। छात्रों के द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब शिक्षकों से पूछे जाते हैं। स्टूडेंट्स 12वीं पास करने के बाद पहले से ही तैयारी कर लेते हैं कि उन्हें कौन से शहर के महाविद्यालय में दाखिला लेना है, 12वीं के बाद सभी दोस्त अपनी पसंद की कॉलेज में पढ़ाई के लिए चले जाते हैं। कॉलेज में पढ़ाई जाने वाली कोर्स 3 साल की होती है इसके अतिरिक्त आगे की पढ़ाई के लिए अन्य कोर्स का चुनाव किया जा सकता है।
महाविद्यालय स्टूडेंट्स के भविष्य का निर्माण करता है वहां पर मन लगाकर पढ़ने वाले छात्र आगे चलकर अच्छे जॉब या नौकरी प्राप्त करते हैं तथा अपने परिवार वालों का सपना पूरा करते हैं। प्रत्येक छात्र को महाविद्यालय में अध्ययन अवश्य करना चाहिए तथा अपने सपनों को पूरा करना चाहिए।
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