Essay On My Favourite Festival Diwali in Hindi - मेरा पसंदीदा त्यौहार दिवाली पर हिंदी में निबंध

आपका स्वागत है आज इस लेख में आप Essay on my favourite festival diwali in hindi, दिवाली त्योहार पर निबंध (diwali essay in Hindi language) पढ़ेंगे। दिवाली सबका पसंदीदा त्योहारों में से एक है, आज हम मेरा प्रिय त्योहार दीपावली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखेंगे।

Essay on my favourite festival diwali in hindi

Essay on my favourite festival diwali in hindi | दिवाली त्योहार पर निबंध | diwali essay in hindi
Diwali essay in Hindi

Essay-1 दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में  - Short Essay on my Favourite Festival Diwali in Hindi


दिवाली मेरा और मेरे परिवार का फेवरेट फेस्टिवल है जो कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। ये एक मात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन पूरे भारत में एक साथ लाखों दिया जलाए जाते हैं। रौशनी का त्योहार अत्यंत प्रचलित है जो भारत के लोग विदेशों में निवास कर रहे हैं वे भी दिवाली (Favourite Festival Diwali) सेलिब्रेट करते हैं। 

भारत में सालभर में कई त्योहार आते हैं, जिनमें हिन्दू धर्म का मुख्य पर्व दिवाली है। दिवाली पावन पर्व है, इस दिन भगवान की प्रार्थना और माता पिता की आशीर्वाद लेकर दिन प्रारंभ करनी चाहिए। 

दीपावली आने के पहले सभी घर में पेंट लगवाते हैं, लीपाई पोताई करके घर आंगन चमचमा देते हैं। मान्यता यह है की जिस घर में स्वच्छता होती है वहीं धन की देवी माता लक्ष्मी निवास करती हैं, इसलिए भारत में दिवाली के कुछ दिन पहले ही घर घर में साफ सफाई का काम चालू हो जाता है।

शाम को लक्ष्मी पूजा करके आशीर्वाद लिया जाता है। कई लोग गरीबों को कपड़े दान देते हैं, प्रसाद बांटते हैं। जब दिवाली आती है तब शहरों में गए गांव के लोग अपने गांव लौटते हैं, परिवार के साथ दिवाली सेलिब्रेट करते हैं।

रात को पटाखें, फुलझड़ी जलाते हैं, आकाश रौशनी से झिलमिला जाता है दूर से आसमान में रंग बिरंगे पटाखों की रौशनी देखी जा सकती है बच्चे में कौतूहल आ जाता हैं। 

यह त्योहार दीपों का त्योहार है इसलिए रात के समय पूजन स्थल पर, घर के द्वार, गौशाला के द्वार, आँगन में दीपक प्रज्वलित की जाती है। घर रौशनी से सज जाता है। दीपक की रोशनी हमें अंधकार से उजाले की ओर चलने को प्रेरित करती है। दीप की जलती रौशनी एक और सीख देती है, जब तक दीये से तेल ख़त्म नहीं होता वह निरंतर प्रज्वलित होता है उसी तरह मनुष्य के शरीर में जब तक प्राण है उसे जीवन पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। 

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Essay-2 Essay on my favourite festival diwali in hindi


Deepawali या दिवाली मेरा favourite festival में से एक है, जो हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या को पूरे भारत में मनाया जाता है, दिवाली (Deepawali) का शुभारंभ धनतेरस से होती है, परंपरा के अनुसार इस दिन लोग अपने घरों में कुछ भी नई चीजें जैसे वाहन, बर्तन, सोना, चांदी, गहने इत्यादि खरीदी जाती है, अधिकतर लोग महंगे वस्तुओं की खरीदी धनतेरस को करते हैं क्योंकि यह दिन शुभ होता है।

एक तरफ धनतेरस की खरीदी तो दूसरे तरफ घरों की सफाई, लिपाई, पोताई करके उसे नए जैसा चमका दिया जाता है, धनतेरस पर घरों के लिए सजावटी सामान बाजारों से लाया जाता है, सजावटी सामान उत्पादन करने वाले लोगों को दीपावली में अच्छा मुनाफा होता है दिवाली के मौके पर बड़े शॉपिंग स्टोर के बजाय लोगों को जरूरतमंदों की दुकानों से सामान खरीदना चाहिए इससे दिवाली के मौके पर उनकी काफी मदद हो जाती है।

मुख्य दीपावली त्योहार से पहले छोटी दीवाली आती है जिसमें कच्चे दीपक प्रज्वलित करके घर - आंगन को रौशन किया जाता है, रात को सभी घरों के बाहर तथा बालकनी में प्रदीप के रोशन जगमगाते हुए नजर आते हैं, उसके अगले दिन मुख्य दिवाली आती है जिस दिन लोग एक दूसरे को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं, काम के सिलसिले में बाहर गए लोग अपने घरों में दिवाली मनाने (Diwali celebrate) आते हैं, उस दिन लोगों का दिन बड़ों के आशीर्वाद से शुरू होता है।

लोग अपने आस-पड़ोस के लोगों को मिठाईयां बांटते हैं, दिवाली त्योहार मनाने का वास्तविक आनंद रात्रि में आता है क्योंकि रात के वक्त लोग अपनी गली मोहल्ल में पटाखे जलाकर आतिशबाजी करते हैं, इस दिन पटाखे की गूंज चारों ओर सुनाई देती है, आकाश में रॉकेट वाले पटाखे, रंग बिरंगी फुलझड़ियां जलती हुई नजर आती है, इस दिन बच्चों में उत्साह देखते ही बनता है हर जगह बच्चों की उत्साह पूर्ण ध्वनि सुनाई पड़ती है।

हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जिसमें अलग-अलग धर्म जाति के लोग निवास करते हैं जहां पर प्रतिवर्ष कई त्योहर मनाए जाते हैं
 जैसे होली, दशहरा, रामनवमी, दीपावली इत्यादि। प्रत्येक त्योहार को मनाने के पीछे कुछ मान्यताएं होती है दिवाली के सफर में है जिसके पीछे पौराणिक तथा धार्मिक मान्यताएं छुपी हुई है, माना जाता है कि जिस दिन दिवाली मनाया जाता है उसी दिन भगवान श्री राम लंका के राजा रावण का वध करके अपने महल अयोध्या लौटे थे, जब श्रीराम अपने जन्म भूमि अयोध्या में पधारे तब उनकी स्वागत के लिए पूरे अयोध्या वासियों ने मिलकर दीप प्रज्वलित किया, और उस दिन दीपावली जैसा माहौल बन गया, तब से लेकर अब तक दीपावली का महान पर्व मनाया जाता है।

इस दिन घरों के स्वच्छता पर ध्यान दिया जाता है मान्यता है की दिवाली जिस घर में स्वच्छता होती है वहां मां लक्ष्मी आती है, लक्ष्मी पूजन का आयोजन दिवाली के मौके पर किया जाता है कई घरों में लक्ष्मी पूजन का कार्यक्रम रखा जाता है। यह पवित्र त्योहारों में से एक है दिवाली के ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा होता है इस दिन गाय बछड़े की पूजा की जाती है, उन्हें नहलाया जाता है, गाय को विशेष तरह का भोग लगाया जाता है, उनकी आरती होती है, कहा जाता है गौ में कई कई देवी-देवता निवास करते हैं।

प्रिय त्योहार दिवाली पवित्र त्योहार है लेकिन आज के युवा पीढ़ी को इसके महत्व के बारे में ज्यादा पता नहीं होता, और न ही जानना चाहते हैं, दीपावली के महत्व से जुड़ी कई लेख इंटरनेट पर प्रकाशित हैं, कई पुस्तकें हैं किंतु पढ़ने के लिए युवाओं के पास वक्त नहीं है। युवाओं को प्रत्येक भारतीय त्योहारों (Indian festivals) का महत्व जानने में रुचि रखनी चाहिए, उससे जुड़ी लेख पढ़नी चाहिए और अपने अन्य मित्रों को बताना चाहिए इससे त्योहारों का महत्व हर व्यक्ति को पता चलेगा।

आधुनिक युग में दीपावली सेलिब्रेट करने का तरीका बदल गया है, दीपों का पर्व होने की वजह से सभी घरों, मंदिरों में दीपक जलाया जाता है, लेकिन लोग अपनों के साथ समय नहीं बीता पाते, ऐसा सबके साथ नहीं है लेकिन कुछ लोग अपने गृह नगर, गांव से दूर शहरों में निवास करते हैं, अपने परिवार से दूर रहते हैं। दीपावली एक ऐसा पर्व है जिसे मनाने का आनंद तभी आता है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ हो, लेकिन काम में व्यस्त लोगों के पास अपने परिवार के साथ diwali celebrate करने तक का समय नहीं होता।

सोशल मीडिया के जरिए लोग diwali wishes, greetings, diwali quotes, diwali shayari in Hindi इत्यादि share करने लगे हैं, इससे उनकी शुभकामनाएं सामने वाले व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं किन्तु इसमें वह आनंद नहीं जो आनंद सबके साथ मिलकर दीपावली मनाने में आता है।

भारत में सर्वाधिक भव्य रूप से दीपावली का पर्व श्री राम की नगरी अयोध्या में मनाया जाता है जहां पर सरयू नदी के तट पर एक साथ सर्वाधिक दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं, यह एक विश्व रिकॉर्ड है इसलिए इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया है।

दीपावली असत्य पर सत्य की, अधर्म पर धर्म की और अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं, यह फेस्टिवल सबका पसंदीदा त्योहारों में से एक है।

त्योहारों को त्यौहार की तरह मनाना चाहिए आधुनिक युग में दिवाली सेलिब्रेशन के तौर-तरीकों में बदलाव देखने को मिलता है, दीपावली पर प्राचीन समय में केवल दीप प्रज्वलित किया जाता था किंतु आप लोग जितना दीपक नहीं चलाते उससे कहीं ज्यादा पटाखे जलाना पसंद करते हैं इसका दुष्प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है वातावरण में जहरीली गैस फैल जाती है, पटाखों के जलने से वातावरण में धुंध छा जाती है, हवाओं में गैस का मिश्रण होता है और वह मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है, इसलिए पटाखे बहुत कम जलाने चाहिए अन्यथा बिल्कुल भी नहीं जलाना चाहिए इससे पर्यावरण स्वच्छ रहेगा।

आखरी शब्द

मित्रों आज के इस लेख के माध्यम से Essay on my favourite festival diwali in hindi, दिवाली त्योहार पर निबंध (diwali essay in Hindi language) के बारे में जानकारी दी गई है, उम्मीद करता हूं यह Deepawali nibandh आपको जरूर पसंद आया होगा इसे अपने दोस्तों के साथ social media पर share जरूर करें।

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