रेडियो पर निबंध हिंदी में - Radio Essay in Hindi

निसंदेह वर्तमान में अनेक मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं चलचित्र के साथ खबरें देखने तथा सुनने हेतु टीवी, बेतार कम्युनिकेशन के लिए टेलीफोन व् मोबाइल और प्रत्येक कार्य को आसान बनाने वाले विभिन्न संसाधन आज मानव के पास मौजूद है। रेडियो भी मानव निर्मित एक ऐसा उपकरण है जो मनोरंजन का अच्छा माध्यम है जो हमें गाने, कहानियां व् हमारे आसपास और विश्वभर की ताजा खबरें सुनाता है। इस लेख में आप रेडियो पर निबंध - Radio Essay in Hindi पढ़ने वाले हैं इसके जरिए रेडियो का आविष्कार सहित उसके महत्व भी जानेंगे।

रेडियो पर निबंध - Radio Essay in Hindi

रेडियो पर निबंध - Radio Essay in Hindi

प्रस्तावना

सुबह उठकर लोग समाचार सुनना पसंद करते हैं उस वक्त रेडियो उपकरण द्वारा ताजा खबरें पल भर में सुन सकते हैं। इसमें गाने और प्रेरणादायक कहानियां भी आते हैं बच्चे इसे सुनकर अच्छी बातें सीख सकते हैं। रेडियो द्वारा लाइव क्रिकेट मैच कोमेंट्री सुनकर मैच में खिलाड़ियों का प्रदर्शन जान सकते हैं। रोज विश्वभर के समाचारों को अपने रेडियो से बैठे - बैठे घर पर सुन सकते हैं। कई ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का प्रसारण इसमें होता है जो ज्ञान बढ़ाते हैं। इसके जरिए बड़े शहरों व् आसपास के घटनाओं की जानकारी इसमें प्रसारित न्यूज कार्यक्रम द्वारा सुने जा सकते हैं।

रेडियो का आविष्कार (Invention of Radio)

रेडियो का आविष्कार इटली के निवासी गुल्येल्मो मार्कोनी (Guglielmo Marconi) नामक वैज्ञानिक द्वारा सन् 1901 में किया गया था। भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने भी रेडियो इन्वेंशन हेतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक बेतार ध्वनि तरंगों को पहुँचाने का प्रयास किया था परन्तु इनके प्रयास को उतना महत्व नहीं मिला जितना मार्कोनी के प्रयास को मिला था, इसलिए अब रेडियो के जनक के रूप में गुल्येल्मो मार्कोनी एक प्रचलित नाम है। इन्होंने रेडियो संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए 1901 में इंग्लैण्ड से न्यूजीलैण्ड सफलतापूर्वक सोचना को भेजा। रेडियो टेलीग्राफ के आविष्कार का श्रेय भी मार्कोनी को जाता है। उन्होंने 1895 में घर के बगीचे से टेलीग्राफ आविष्कार करना प्रारंभ किया और एक मील दूर बिना तार के रेडियो मैसेज भेजने में सफलता हासिल की। 

पहला रेडियो स्टेशन (First Radio Station)

रेडियो सर्विस उपलब्ध कराते हेतु रेडियो स्टेशन आवश्यक स्थान होता है। सन 1918 में ली द फोरेस्ट  द्वारा न्यू यॉर्क शहर के हाईब्रिज एरिया में रेडियो का पहला स्टेशन स्थापित किया गया था लेकिन पुलिस को जब यह बात पता चला उन्होंने तुरंत उसे बंद करवा दिया। एक साल बाद ही ली द फोरेस्ट ने फिर से नया रेडियो स्टेशन संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में बनाकर उसका सूत्रपात कर दिया। सर्वप्रथम कानूनी तौर पर रेडियो स्टेशन आरंभ करने हेतु फ्रैंक कॉनार्ड को अनुमति मिली थी, फ्रैंक कॉनार्ड नौसेना के रेडियो डिपार्टमेंट से ताल्लुकात रखते थे। रेडियो स्टेशन की शुरुआत होने के बाद इसके चर्चे हर जगह होने लगे देखते ही देखते विश्व भर में सैंकड़ों की संख्या में सूचना प्रसारित करने हेतु रेडियो स्टेशनों निर्माण किया जाने लगा। कार्यक्रम प्रसारित करने के साथ ही सन 1923 में विज्ञापन का प्रसारण भी होने लगा जिसका फायदा उद्योगपतियों, व्यापारियों व् सरकारी कार्यों को होने लगा। इसके माध्यम से नए इस्तिहार श्रोताओं को सुनाकर उसे कम समय में लोगों के बीच प्रचलित करने में तथा उत्पादों के बिक्री बढ़ाने में सहायता मिलने लगी।

रेडियो का पहला प्रसारण (First Radio Broadcast)

रेडियो आविष्कार के बाद से ही रेडियो प्रसारण के लिए प्रयत्न किया जाने लगा 1906 में जब रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने अपना वाद्य यंत्र वॉयलिन बजाया तो उससे निकलने वाले ध्वनि या संगीत को अटलांटिक महासागर में तैर रहे जहाजों पर सवार लोगों ने अपने रेडियो सेट पर साफ-साफ सुना यही रेडियो की पहली प्रसारण थी। 

भारत में रेडियो की शुरुआत (Beginning of Radio in India)

23 जुलाई 1927 को भारत के बॉम्बे में रेडियो केंद्र स्थापित किया गया। यहीं से ऑल इंडिया रेडियो नामक रेडियो ब्रॉडकास्टिंग सर्विस द्वारा समाचार का प्रसारण कार्य प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात 26 अगस्त 1927 को कोलकाता में भी इसे प्रारंभ किया गया। इस तरह मुंबई और कोलकाता में दो निजी ट्रांसमीटरों सहायता से प्रसारण सेवा शुरू की गई थी। जब भारत के अलग-अलग राज्यों में रेडियो प्रसारण होने लगा तब यह भारतीयों के लिए आश्चर्यजनक बात थी शीघ्र ही यह बहुत प्रचलित हो गया घर - घर में लोग इसमें कहानियां, खबरें व् गाने सुनने लगे। सार्वजनिक रूप से शुरू हुई आकाशवाणी द्वारा कई सेवाएं प्रदान की गई जैसे राघ रंजणी, एफएम रेनबो, एयर मराठी, एयर गुजराती आदि। 3 अक्टूबर 1957 को शुरू हुई विविध भारती आकाशवाणी की लोकप्रिय प्रसारण सेवा में से एक है इसमें प्रमुख रूप से फिल्मों के हिन्दी गाने सुनाए जाते हैं।

रेडियो के प्रकार (Type of Radio)

तकनीकी विकसित होने के साथ रेडियो के अलग-अलग प्रकार आने लगे अब एनालॉग रेडियो के अलावा स्मार्टफोन और टीवी में डिजिटल रेडियो का विकल्प मिलता है फोन में हेडफोन अटैच करके FM रेडियो सुन सकते हैं।

आजकल एनालॉग और डिजिटल रेडियो का उपयोग किया जा सकता है:

एनालॉग रेडियो - 

इसका उपयोग करना आसान है इसमें आमतौर पर दो वॉल्यूम नॉब होते हैं। एक नॉब से रेडियो के स्पीकर का वॉल्यूम घटाया अथवा बढ़ाया जा सकता है और दूसरे नॉब को घुमाते हुए रेडियो चैनल खोजकर प्रसारित कार्यक्रमों को सुन सकते हैं। इसमें हैंडल रहता है जिसे पकड़कर आराम से कहीं भी ले जाया जा सकता है जो लोग रेडियो के शौकीन हैं उन्हें एनालॉग रेडियो सेट पर गाने, समाचार सुनना पसंद होता है।

डिजिटल रेडियो - 

Digital Radio चलाते समय Radio spectrum में transmit या receive करने हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। एक digital radio को हम मोबाइल फोन या tv पर fm radio चलाकर सुन सकते हैं। फोन में डिजिटल तरीके से radio channel find करने के लिए बटन या टचस्क्रीन का इस्तेमाल  कर सकते हैं यदि TV में रेडियो की सुविधा है तो उसे Remote द्वारा चालू करके चैनल खोजकर चला सकते हैं।

रेडियो के कार्य -

जब रेडियो स्टेशन से गाने, समाचार या किसी भी तरह के सूचनाओं को संचारित या ट्रांसमिट किया जाता है तो उस सूचना को पहले विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करके एंटीना की सहायता से चारों ओर फैला दिया जाता है। फैलाए गए उस सिग्नल को रेडियो उपकरण में लगा रिसीवर प्राप्त करके स्पीकर के माध्यम से श्रोता को सुनाता है।

रेडियो ब्राडकास्ट हेतु FM और AM रेडियो प्रसारण विधि का उपयोग किया जाता है-

FM Radio -

FM रेडियो का पूरा नाम फ्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन रेडियो है। इस ब्रॉडकास्ट मैथड द्वारा किसी शहर के लोग आराम से रेडियो सुन सकते हैं क्योंकि एफएम रेडियो प्रसारण की फ्रीक्वेंसी AM प्रसारण से अधिक होती है इस वजह से साउंड क्वालिटी बेहतर होती है और उसे स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है। एफएम प्रसारण की रेंज एएम से कम होने के कारण हम से लॉग डिस्टेंस तक नहीं सुन सकते मतलब एक शहर के रेडियो स्टेशन से प्रसारित सूचना को दूर के दूसरे शहर में नहीं सुन सकते। एफएम रेडियो के सिग्नल को कैच करने के लिए लगभग 1 मीटर लंबा एंटीना लगता है। एफएम रेडियो हमारे फोन में भी होता है जिसे इयरफोन लगाकर सुन सकते हैं।

AM Radio -

इसे Amplitude Modulation भी कहा जाता है ये इसका पूर्ण नाम है। AM प्रसारण की रेंज बहुत अधिक होने के कारण इससे प्रसारित सूचनाओं जैसे वॉइस संदेश, समाचार आदि को एक देश से दूसरे देश तक पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार के प्रसारण में सिग्नल को लंबी दूरी तय करना पड़ता है इस वजह से इसकी फ्रीक्वेंसी कम हो जाती है। इसकी साउंड क्वालिटी FM प्रसारण की तुलना में उतनी अच्छी नहीं होती। एएम रेडियो सिग्नल को कैच करने के लिए 100 से 300 मीटर एंटीना की आवश्यकता होती है जो रेडियो सेट फिट रहता है। AM रेडियो को केवल Radio उपकरण में चला सकते हैं, मोबाइल में नहीं।

आम नागरिकों द्वारा रेडियो का उपयोग (Use of Radio by Ordinary Citizens)

भारत में रेडियो की शुरुआत के साथ धीरे-धीरे इसका विकास होता गया। बाजारों में रेडियो आने लगे जिसे आम नागरिक खरीदकर उसमें प्रसारित समस्त कार्यक्रमों को सुनने लगा। आज भारत में कई रेडियो स्टेशन हैं जहां से कार्यक्रमों के प्रसारण का कार्य चलता रहता है उन कार्यक्रमों को रेडियो द्वारा या मोबाइल पर एफएम रेडियो द्वारा सुना जा सकता है।

रेडियो पर कार्यक्रम सुनने के फायदे -

रेडियो के अनेकों लाभ है इसके जरिए व्यक्ति घर बैठे देश विदेश के ताजा खबरों से रूबरू हो सकता है। क्रिकेट मैच चाहे ऑस्ट्रेलिया में हो या इंग्लैंड में वहां का लाइव कमेंट्री रेडियो पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा में सुना जा सकता है। फिल्मी गाने, शास्त्रीय संगीत, क्लासिकल म्यूजिक, आगामी फिल्मों की जानकारी ये सब सुनने को मिलता है। अभिनेता, अभिनेत्री या प्रसिद्ध खिलाड़ियों का वार्तालाप उनका इंटरव्यू सुनने मिलता है। घरेलू कार्यक्रमों द्वारा विभिन्न प्रांतों के प्रचलित भोजन व् पकवान बनाने की विधि बताया जाता है। इससे महिलाएं घर बैठे नए-नए व्यंजन बनाना सीखते हैं। कृषि कार्यक्रम जो किसानों को अच्छी फसल हेतु कारगर सलाह देते हैं। घरेलू चिकित्सा द्वारा रोग से छुटकारा पाने के उपाय व् मौसम संबंधित जानकारी प्राप्त होते है। बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियां एवं बालगीत। इसके अलावा देश की आर्थिक स्थिति, समाजित व् राजनैतिक इत्यादि पहलुओं का पता चलता है।

इसका उपयोग आम आदमी तो करता ही है इसके अतिरिक्त पानी जहाजों, हवाईजहाजों आदि में भी होता है जब विमान में आपातकालीन समस्या उत्पन्न होती है तो रेडियो द्वारा कार्यालय से संपर्क कर इसकी सूचना दी जाती है। विज्ञापन प्रसारित करने में रेडियो के उपयोग से व्यापारी को और विज्ञापन टेलीकास्टिंग रेडियो स्टेशन की भी आय होती है।

उपसंहार -

रेडियो का इस्तेमाल करके हम अनेकों लाभ पा सकते हैं। सुबह उठकर व्यक्ति को अगर रेडियो में मधुर संगीत सुनने को मिले तो उसका पूरा दिन अच्छा बीतता है। महिलाएं घर का काम करते हुए रेडियो पर कार्यक्रम सुन सकते हैं। कुछ लोगों को चाय पीते हुए भी रेडियो पर नवीनतम समाचार सुनने का शौक होता है उनके लिए रेडियो एक साथी की तरह होता है। इसमें डिस्प्ले या स्क्रीन नहीं होता इसलिए इससे आँखों पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। मोबाइल में इतनी अधिक सुविधाएं हैं जिसके चलते लोग उसके लत में पड़ जाते हैं लेकिन रेडियो में ऐसा नहीं है इस पर केवल कार्यक्रम को सुना जा सकता है इसलिए इसकी लत भी नहीं लगती। आज के वक्त में अधिकतर लोग रेडियो और टीवी से ज्यादा स्मार्टफोन में लगे रहते हैं घण्टों तक गेम्स खेलते रहते हैं ये आदत मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर छोड़ता है, हाई ब्राइटनेस से आँखें कमजोर होने लगती है। मोबाइल के नुकसानदायक प्रभाव देखे जाते हैं परंतु रेडियो के उपयोग से स्वास्थ्य को बहुत कम नुकसान पहुंचता है अतः स्मार्टफोन की तुलना में रेडियो का इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित है।

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