तुलसी के पौधे पर निबंध - Essay on Tulsi Plant in Hindi

मंदिरों के तुलसी चबूतरे में तुलसी का पौधा लगाया जाता है यह बहुत गुणकारी पौधा है और पूजनीय है भक्तगण प्रतिदिन दीपक, धूप व् अगरबत्ती जलाकर इसकी आराधना करते हैं। आज इस लेख में तुलसी पर निबंध - Essay on Tulsi Plant in Hindi लिखा गया है इसके माध्यम से आपको तुलसी के औषधीय गुणों और महत्वों का पता चलेगा।


तुलसी पर निबंध - Essay on Tulsi Plant in Hindi

तुलसी के पौधे पर निबंध - Essay on Tulsi Plant in Hindi
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तुलसी अत्यंत लाभकारी एवं गुणकारी पौधा है जो सामान्यतः हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के आंगन में तुलसी चौरा में रोपा जाता है। भारत में पीपल, नीम आदि वृक्षों का पूजन विधि विधानपूर्वक नारियों द्वारा किया जाता है इसी प्रकार तुलसी की पूजा प्रतिदिन हिंदू घरों में जल अर्पण करके किया जाता रहा है। तुलसी एक चमत्कारी औषधीय गुणों वाला पौधा है जिसे लोग अपने घरों के तुलसी चौरे पर लगाते हैं। धार्मिक महत्व के कारण तुलसी पौधे को तुलसी माता स्वरूप माना जाता है। रोज स्नान के पश्चात माताएं इसके पौधे पर स्वच्छ जल चढ़ाते हुए अपने तथा परिवार वालों की स्वस्थ जीवन हेतु प्रार्थना करती हैं। इसमें जल अर्पित करने एवं इसकी पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। तुलसी पौधा हमें 24 घण्टे निरंतर ऑक्सीजन देती है इससे शुद्ध प्राणवायु घर - आँगन में उपस्थित रहती है। पर्यावरण में प्रदूषण वायु की मौजूदगी से शुद्ध हवा मिलना मुश्किल हो रहा है इसलिए मनुष्यों को पौधरोपण की ओर जोर देना होगा। घरों में तुलसी पौधा रोपकर हम अपने आसपास के परिवेश में शुद्ध हवा की उपस्थिति बरकार रख सकते हैं।

तुलसी के औषधीय महत्व (Medicinal Importance of Tulsi)

दुनिया में अनेकों औषधियों का भरमार है जो विभिन्न रोग निवारक की भांति कार्य करते हैं, तुलसी का पौधा भी अपने आप में श्रेष्ठ औषधीय गुण रखने वाला पौधा है कई लोग इसके गुणों से रोगमुक्त हो चुके हैं। आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है इससे अनेक औषधियों का निर्माण कर बाजारों में बेचा जाता है। यह सर्दी-जुकाम, खांसी, कफ और श्वास से जुड़ी समस्याओं आदि के लिए रामबाण दवा की तरह काम करता है। गांव-घर में साधारण जुकाम, गले में खराश, सर्दी आदि के लिए चाय में तुलसी के 5-6 पत्ते मिलाकर पिया करते हैं इससे आराम मिलता है। इसमें सारभूत रूप से विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, क्लोरोफिल, जिंक व् कैल्शियम के साथ - साथ मैलिक, सिट्रिक व् टारटरिक अम्ल भी मौजूद रहता है जो शरीर के लिए आवश्यक तत्व होते हैं, तुलसी के पत्ते हमें कई संक्रामक रोगों से बचा सकती है।

तुलसी के फायदे अथवा लाभ

आमतौर पर लोग कामकाज को लेकर तनाव में रहते हैं काम का टेंशन लेकर मूड खराब कर लेते हैं परिणामस्वरूप स्वभाव में गुस्सा और चिढ़चिढ़ापन आ जाता है जो बिलकुल भी सही नहीं इससे सोच नकारात्मक होने लगती है। तुलसी के कुछ पत्ते को मिलाकर बनाए गए गरमागरम चाय के सेवन से तनाव को दूर किया जा सकता है। कंप्यूटर के सामने घंटों तक काम करके दिमाग में थकान महसूस होने लगता है उस वक्त तुलसी वाली चाय पीकर माइंड फ्रेश कर सकते हैं। तुलसी के पौधे में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल व् एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं जो हमें विभिन्न बीमारियों के संक्रमण से बचाकर स्वस्थता को बरकरार रखते हैं इसके सेवन से प्राकृतिक रूप से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। तुलसी चेहरे के दाग - धब्बे को मिटाने में सहायक तथा बाल मजबूत कर झड़ने से रोककर उसे घना बनाता है। कील मुहांसे दूर कर त्वचा में निखार लाकर कुदरती सुंदरता बनाए रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में उपस्थित रहता है। तुलसी का काढ़ा या ड्रिंक बनाकर पीने से दिनभर की थकान से राहत मिलती है। तुलसी का पौधा हमारे लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है ये शारीरिक और मानसिक रूप से फायदा पहुंचता है।

तुलसी का धार्मिक महत्व

भारतीय संस्कृति में तुलसी का पौधा पूजनीय माना जाता है। कहा जाता है की तुलसी में धन की देवी माता लक्ष्मी विद्यमान रहती हैं इसलिए रोज जल अर्पित करने से घर में धन समृद्धि बनी रहती है, इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। जब भगवान की पूजा होती है तब प्रसाद में तुलसी के पत्ते मिलाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है माना जाता है की इससे घर में अन्न की कमी नहीं होती।

ज्योषित शास्त्रों व् धार्मिक ग्रंथों में तुलसी पौधे का धार्मिक महत्व मिलता है धार्मिक मान्यताओं की वजह से तुलसी का माला धारण किया जाता है, यह पौधे के छोटे टहनियों को गोलाकार मोती समान काटकर उसके बाद उसे एक के बाद एक जोड़कर माला बनाया जाता है। इस माला को पहनने से पहले गंगा जल से धोकर फिर सुखाकर धारण किया जाना चाहिए। इसे पवित्र माला माना जाता है इस कारण इसे धारण करने के बाद मदीरा, धूम्रपान व् मांसाहारी भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं किया जाता। 

तुलसी माला में 108 मनके होते हैं इन्हीं को जोड़कर माला तैयार किया जाता है। इसे धारण करने के पश्चात रोज हर एक मनके को स्पर्श करते हुए मंत्र जाप किया जाता है। तुलसी माला का जाप करते हुए जपने वाले का ध्यान माला के मनके पर होता है। इस तरह जाप करने से एकाग्रता शक्ति बढ़ती है। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों द्वारा तुलसी माला धारण किया जाता रहा है इसे गले में पहनने के बाद किसी भी प्रकार का मांसाहार व् धूम्रपान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत पवित्र माला है इसलिए जो साधु संत इसे धारण करते हैं वे मांसाहार नहीं करते, मंत्र जाप करते और हर रोज प्रभु की आराधना करते हैं।

उपसंहार

तुलसी का पौधा हर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के आंगन में लगाया जाता है और रोजाना उसकी पूजा की जाती है। इसका धार्मिक महत्व भी है और औषधि में भी इसका महत्व है कई दवाइयों को बनाने में किसी न किसी रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। खांसी ठीक करने के लिए तुलसी से बनी सिरप का इस्तेमाल होता है। इसके लाभकारी गुणों के कारण लोग चाय में भी इसके पत्ते को उबालते और पीते हैं इससे गले का खराश तुरंत दूर हो जाता है। तुलसी एक ऐसा औषधि पौधा है जो सरलता से सबके यहां उपलब्ध हो जाता है।


तुलसी पर निबंध 10 लाइन में – 10 Lines on Tulsi Plant in Hindi


  1. तुलसी एक द्विबीजपत्री औषधीय गुणों वाला पौधा है जिसे घरों के आँगन में तुलसी चबूतरा पर लगाया जाता है।
  2. धार्मिक ग्रन्थों में इसका महत्व मिलता है मान्यता है की प्रतिदिन स्नान के बाद तुलसी में जल चढ़ाने से घर खुशहाल रहता है और समृद्धि बनी रहती है।
  3. तुलसी में विटमिन और खनिज पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है।
  4. यह लाभकारी औषधि है सर्दी जुकाम, गले में खराश होने की स्थिति में इसका काढ़ा पीना फायदेमंद होता है।
  5. कुछ लोग तुलसी के पत्ते को चाय में मिलाकर उबालकर पीते हैं इससे तनाव में आराम मिल जाता है।
  6. तुलसी के तने से माला बनाया जाता है और इसे गले में धारण करते हैं।
  7. तुलसी के पौधे के अलग अलग प्रजातियां पाई जाती है मरुआ तुलसी, राम तुलसी, काली तुलसी आदि इसके प्रजातियां हैं।
  8. जब घर में कथा या पूजा का आयोजन किया जाता है तो भगवान को भोग लगाने के लिए जो प्रसाद बनाया जाता है उसमें भी तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं।
  9. चिकित्सकों के अनुसार तुलसी में कई तत्व पाए जाते हैं जो संक्रामक रोगों से हमारी रक्षा करते हैं।
  10. तुलसी के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिसके कारण सर्दी जुकाम होने की संभावना कम हो जाती है।

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