स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध - Swasthya aur vyayam par nibandh in Hindi

व्यायाम से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है एक स्वस्थ जीने के लिए प्रतिदिन कसरत करना जरूरी होता है प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि योग करके स्वस्थ रहा करते थे व्यायाम का सकारात्मक प्रभाव हमारे सोच पर पड़ता है। नमस्कार दोस्तों आज इस पोस्ट में आपको Swasthya aur vyayam par nibandh - स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध पढ़ने को मिलेगा। इस लेख का उपयोग हर कक्षा के विद्यार्थी कर सकते हैं कक्षा 4 व् 5वीं के छात्र इसे छोटा करके लिखे और 8 से 12 के विद्यार्थी विस्तारपूर्वक पूरा निबंध लिख सकते हैं।

स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध - Swasthya aur vyayam essay in Hindi

स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध - Swasthya aur vyayam par nibandh in Hindi


प्रस्तावना

एक कहावत है की "पहला सुख निरोगी काया" जिसका शरीर निरोगी है वास्तव में वही सुखी रह सकता है। सुखी जीवन के लिए आवश्यक है की हम अपने स्वास्थ्य का बखूबी ख्याल रखें। अस्वस्थ व्यक्ति कभी सुख-शांति से जीवन यापन नहीं कर सकता। मनुष्य शरीर की रचना इस तरह से हुई है की यह बिना श्रम व् शारीरिक गतिविधियों के स्वस्थ नहीं रह सकता, इसलिए अच्छी स्वास्थ्य के लिए व्यायाम कसरत करने की सलाह दी जाती है। इसके अतरिक्त अन्य कार्य किए जा सकते हैं जिसमें शरीर को मेहनत करना पड़े। मजदूर लगातार कई घण्टे श्रम करके पसीना बहाते हैं इससे उनका कसरत जो जाता है इसलिए यदि वे अलग से कसरत के लिए समय न निकालें तो भी उनका स्वास्थ्य बना रहता है। सुबह उठकर हमें शारीरिक श्रम करना चाहिए। दौड़ लगाना, प्राणायाम व व्यायाम करना हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी है अतः इन्हें हमें जीवन का हिस्सा बना लेना लेना चाहिए। नियमित व्यायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग काम के चिंता में डूबे रहते हैं। आजकल मनुष्य का कार्यक्षमता कम होते जा रहा है लोग जरा सा काम करके थक जाते हैं, व्यायाम करने से स्टेमिना बढ़ता है इससे थकान कम लगती है काम में मन लगता है जिसके वजह से आसानी से घंटों तक काम किया जा सकता है। व्यायाम करके कई तरह के घातक बीमारियों से बचा जा सकता है। आंतरिक स्वास्थ्य संबंधित रोग व्यायाम से कोसों दूर रहते हैं।

व्यायाम क्या होता है?

व्यायाम जिसे कसरत या एक्सरसाइज के नाम से भी जाना जाता है। व्यायाम ऐसी गतिविधि है जिसे नियमित रूप से करने पर मांसपेशियों हड्डियों और पूरे शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। वजन घटाने, रोगमुक्त होने तथा मन को शांत रखने के लिए व्यायाम लाभप्रद है। इससे लंबे समय तक शरीर मजबूत रहता है। खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ियों का स्टेमिना बढ़ाने में इसका महत्वपूर्ण भूमिका है खिलाड़ी हर रोज खेल के साथ वॉर्म अप एक्सरसाइज किया करते हैं। आंतरिक रोग जैसे मधुमेह, हृदय रोग, तनाव आदि को रोकने में यह कारगर है। व्यायाम का गहरा संबंध शारीरिक स्वास्थ्य से है इसलिए चिकित्सक भी हर रोज मनपसंद कसरत करने की सलाह देते हैं।

व्यायाम का अर्थ

वह शारीरिक गतिविधि जिससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है व्यायाम कहते हैं। यह पाचन तंत्र दुरुस्त कर शरीर में आंतरिक कार्यों को सुधरता है। व्यायाम करने से बॉडी के अलग अलग हिस्सों में जोर पड़ता है नियमित ऐसा करने से वह हिस्सा मजबूत होने लगता है। 

व्यायाम सहनशीलता को बढ़ाकर थकावट कम करता है। वी और आयाम से बना व्यायाम शब्द की उत्पत्ति हजारों साल पहले हो चुकी है यह अब कसरत के नाम से जाना जाने लगा है। 

व्यायाम के अंतर्गत अनेक क्रियाएं आते हैं जैसे खेलकूद, प्रातः काल और संध्याकाल में टहलना, दौड़ना व् योग के सभी आसान। शारीरिक श्रम से जुड़े हर एक गतिवधि यहां तक कि चलना फिरना भी एक तरह का व्यायाम है।

जब व्यक्ति व्यायाम करता है तो उसकी सहनशीलता बढ़ने लगता है परिणामस्वरूप अगले दिन वह अपनी सीमाओं से अधिक मेहनत कर पाता है कुछ महीनों में ही उसका सामर्थ्य बढ़ जाता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता।

व्यायाम की आवश्यकता

आज मनुष्य उस दौर में जी रहा है जिसमें लगातार भागदौड़ बना रहता है दैनिक जीवन में शांत वातावरण मिलना मुश्किल है गांव में तो ठीक है पर शहरों में वाहनों की आवाजों से शोरगुल होता रहता है। महानगरों में ताजे हवा के लिए लोग तरसते हैं अशुद्ध हवा शरीर के अंदर जाने से स्वांस से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती है। शहरों में लोग अधिकतर समय बैठे बैठे बिताते हैं। काम काज के लिए ऑफिस जाते हैं वहां भी एक जगह बैठकर काम करना पड़ता है। 

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए चलना फिरना जरूरी है किन्तु लोग ऐसा नहीं कर रहे वे एक जगह से दूसरे जगह जाने हेतु वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। हम जितना अधिक वाहनों पर निर्भर रहेंगे उतना फिजिकल एक्टिविटी कम होते जाएगा और शरीर अनफिट हो जायेगा।

व्यायाम की आवश्यकता आज सभी को है हमें इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा। खान-पान सुधारना होगा क्योंकि शुद्ध एवं संतुलित आहार हमें स्वास्थ्य जीवन दे सकता है। आज भारत के साथ-साथ संपूर्ण देशों में व्यायाम को अपनाया जा रहा है। जापान में भी योग अधिक प्रचलित है व्यायाम से वहां के लोग हमेशा फिट रहते हैं वैसे हेल्दी फूड भी उनके स्वस्थ को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

व्यायाम के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूल और कॉलेजों में भी योग शिविर का आयोजन होता है ताकि विद्यार्थी व्यायाम को अपने जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। शारीरिक विकार, थकान व् कमजोरी दूर करने के लिए लोग दवाइयों का सेवन करते हैं और उसका आदत बना लेते हैं किन्तु यह स्थाई इलाज नहीं है रोगमुक्त होने तथा निरोगी रहने का सबसे सुरक्षित विकल्प व्यायाम है।

व्यायाम का महत्व (Importance of Exercise in Hindi)

व्यक्ति अपने जीवन में ना जाने कई छोटी बड़ी बीमारियों से जूझता रहता है चिकित्सा क्षेत्र में समय के साथ काफी प्रगति हुई है इसके माध्यम से आज सर्दी-जुकाम, बुखार से लेकर कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियों का इलाज संभव हुआ है।

सभी रोग निवारक दवा अब मेडिकल स्टोर में मिल जाते हैं इसलिए जब व्यक्ति बीमार पड़ता है तो वह दवाई का सेवन कर लेता है लेकिन अधिक दवाओं के सेवन से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। 

बीमार पड़ने पर हमें दवाई लेनी पड़ती है कई बार यह कारगर साबित होते हैं किंतु कभी कभी इससे स्थाई रूप से रोग ठीक नहीं होते लेकिन अगर नियमत व्यायाम किया जाए तो उस रोग से मुक्ति मिल सकती है क्योंकि व्यायाम शरीर में उत्पन्न विकारों को प्राकृतिक रूप से सुधारने का काम करता है।

व्यक्ति के बीमार पड़ने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना भी एक कारण है। बार बार सर्दी जुकाम इसी वजह से होते हैं दुर्बल शरीर में ही रोग उत्पन्न होते हैं अगर शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाया जाए तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में व्यायाम असरदार है।

Swasthya aur vyayam ka sambandh - स्वास्थ्य और व्यायाम का संबंध

स्वास्थ्य और व्यायाम के बीच घनिष्ठ संबंध है क्योंकि स्वास्थ्य शरीर का निर्माण व्यायाम से ही होता है इसलिए जीवन में स्वास्थ्य तथा व्यायाम का होना अति आवश्यक है। सुबह के समय को व्यायाम हेतु उचित माना जाता है क्योंकि उस वक्त हमारे आसपास के परिवेश शांत रहता है जिससे हम व्यायाम पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। जिस तरह व्यक्ति हर रोज स्नान करता है उसी तरह प्रतिदिन व्यायाम करना जरूरी है। व्यायाम वे सभी गतिविधियां हैं जो हमारे शरीर पर श्रम का एहसास कराते हैं। जिस क्रिया में शरीर को क्षमता से अधिक बल लगाना पड़े वह व्यायाम है। व्यायाम के अंतर्गत कई योगासन तथा प्राणायाम आते हैं जो कुदरती तरीके से स्वास्थ सुधार करते हैं।

व्यायाम करने के उचित समय और स्थान  

जब मानव शरीर पंच महाभूत के संपर्क में आता है तो उसे ताजगी अनुभव होता है इसलिए व्यायाम करने के लिए हमें खुले जगह का चुनाव करना चाहिए जहां शुद्ध वायु का संचार होता हो, सूरज की रौशनी पड़ती हो सूर्य की रौशनी से हमें विटामिन डी मिलता रहता है। व्यायाम के दौरान स्वांस के जरिए यदि स्वच्छ वायु लिया जाए तो व्यायाम के लाभ कई गुना बढ़ जाता है इसलिए ठंड के दिनों में बगीचे में लोग कसरत करते नजर आते हैं। व्यायाम करने का सही समय सुबह और शाम का होता है। कहते भी है की 'सुबह शाम की हवा लाख रुपए की दवा'। अगर सुबह - शाम आप व्यायाम करें तो वह किसी गुणकारी औषधि से कम नहीं, रोग आपसे दूर रहेंगे इससे इलाज के हजारों लाखों रुपए बच जाएंगे। सेहत ही संपत्ति है क्योंकि बिना सेहत कोई कार्य नहीं कर सकता इसलिए स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी इसके लिए व्यायाम करनी होगी।

व्यायाम के रूप

व्यक्ति नियमत रूप से व्यायाम इसलिए करता है क्योंकि ऐसा करके वह स्वस्थ शरीर का मालिक बन सकता है। इससे शारीरिक तथा मानसिक रूप से लाभ मिलता है। व्यायाम की तरह हम शारीरिक गतिविधियों वाले खेल क्रिकेट, हॉकी, कबड्डी, स्विमिंग आदि को कर सकते हैं। जो लोग अलग - अलग खेलकूद में भाग लेते हैं उनका मांसपेशियां और हड्डी मजबूत बनते हैं। जो खेलकूद, तैराकी इन सब में हिस्सा नहीं लेते वो नियमित व्यायाम, नृत्य या सुबह सैर पर जा सकते हैं इससे शुद्ध ऑक्सीजन की पूर्ति होगी। यदि समय न मिले तो दिनभर कुछ फिजिकल एक्टिविटी करने से बॉडी वॉर्म अप होते रहेगा, काम के दौरान थोड़ा ब्रेक लेकर चलना-फिरना करें ताकि बॉडी रिलैक्स रहे।

व्यायाम या कसरत को भागों में विभाजित कर सकते हैं 1. खेलकूद 2. नियमित व्यायाम। खेलकूद करने से पूरे शरीर का स्टेमिना बढ़ेगा, हड्डी मजबूत रहेगा और व्यायाम से शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।

खेलकूद - खेलकूद से शरीर फिर रहेगा। जब बच्चे खेलते हैं तब उनमें सामाजिक कौशल का विकास भी होने लगता क्योंकि इस दौरान उसकी कई लोगों से बातचीत होता है। बच्चे को पढ़ते हुए तनाव और चिंता होने लगता है उस समय थोड़ी देर मनचाहा खेल खेलकर चिंतामुक्त हो सकते हैं। आज लोग मोबाइल का अत्यधिक उपयोग करने लगे हैं इससे वे मैदानी खेलों से दूर हो रहे हैं अगर बच्चों को क्रिकेट, खो खो, कबड्डी आदि खेलों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तो उनका शारीरिक विकास होने लगेगा।

प्रतिदिन व्यायाम - बच्चे तो कुछ न कुछ खेलते रहते हैं जो उन्हें फिट रखने हेतु काफी है परन्तु बड़ों को दफ्तर जाकर बैठे -बैठे सारा काम करना पड़ता है वक्त भी नहीं मिलता खुद के लिए तो ऐसे में वो सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करना प्रारंभ कर सकते हैं इसके अतिरिक्त साइकिलिंग कर आना जाना कर सकते हैं। विद्यार्थियों को और जो ऑफिस में काम करते हैं उनको मस्तिष्क शांत रखना पड़ता है तभी वो एक चीज में ध्यान दे सकेंगे। व्यायाम से चिंतन - मनन क्षमता विकसित होता है जो एक चीज पर लंबे अवधि तक ध्यान टिकाए रखने में मदद करता है अतः विद्यार्थियों को वक्त निकालकर योगासन, व्यायाम जरूर करना चाहिए।

व्यायाम की मात्रा

इसका कोई सटीक उत्तर नहीं है व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार 50 या 100 पुशअप लगा सकता है कोई 10 बार सूर्यनास्कार करता है तो कोई 100 बार यह व्यक्ति की उम्र और उसकी क्षमता पर निर्भर करेगा। वैसे सलाह दी जाती है की आपको किसी भी योगासन को उतना करना चाहिए जितना आपसे हो सके जबरदस्ती करने से शरीर अकड़ सकता है। हमेशा वॉर्मअप से शुरुआत करना चाहिए बाद में तीव्र गति से व्यायाम करें। बच्चों का शरीर फ्लेक्सिबल रहता है इसलिए वे कठिन योगासन कर लेते हैं लेकिन बड़ों और बुजुर्गों को सावधानी बरतनी चाहिए। पुरुष, महिला, बच्चे और बुजुर्ग हर उम्र के लोग प्राणायाम, व्यायाम कर सकते हैं उन्हें इसे दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए।

व्यायाम के लिए आवश्यक बातें

व्यक्ति जब व्यायाम को दिनचर्या में अपनाना चाहता है तब उसे उससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों से अवगत जरूर हो लेना चाहिए। सुबह - शाम श्रेष्ठ अवसर है व्यायाम एवं प्राणायाम का। भोर में चेहरे धोने के बाद व्यायाम करना आसान हो जाता है इससे तरोताजा महसूस होता है। 

प्रातःकाल आसपास का परिवेश स्वच्छ रहता है जो अतिआवश्यक है ध्यान लगाने हेतु। उस वक्त आप भ्रामरी प्राणायाम कर मन शांत व्  स्वर-तंत्र मजबूत कर सकते हैं। कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम को अवश्य करें यह कई रोगों को ठीक करता है। कोणासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन, सूर्यनामस्कर आदि आसनों से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है इसे बच्चे-बड़े, पुरुष-महिलाएं सभी कर सकते हैं।

एक्सरसाइज से पहले बॉडी वार्मअप बहुत जरूरी है इससे शरीर एक्सरसाइज के लिए रेडी हो जायेगा। रोज सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने के बाद कसरत करना शुरू करें। प्राणायाम तथा व्यायाम को करने से पहले उसकी सही विधि जान लें क्योंकि तभी योग का अधिक फायदा मिलेगा।

जब पहली बार कोई आसन करें तो धीरे धीरे करें इससे संरचनात्मक संतुलन (structural balance) बनेगा ऐसा करने से मांसपेशी में चोट शरीर अकड़ने जैसी समस्या नहीं होगी। अगर स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्या है तो व्यायाम के साथ कुछ सावधानी बरतनी होगी इसके बारे में अपने चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं।

व्यायाम के प्रकार (Types of Exercise in Hindi)

एरोबिक व्यायाम - यह व्यायाम का ऐसा स्वरूप है जो पूरे शरीर को स्फूर्ति देता है इसमें दौड़ना, तेजी से चलना, साइकिल चलाना, पानी में तैरना, नृत्य करना, क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बॉस्केटबॉल और बैडमिंटन खेलना आदि गतिविधियां समिल्लित हैं। इसे आप प्रातःकाल के अलावा सुबह 10 से 11 बजे भी कर सकते हैं। एरोबिक्स एक्सरसाइज में हमारा शरीर लगातार गतिशील रहता है। इस स्थिति में सांस की गति तेज होने से ऑक्सीजन की अच्छी मात्रा शरीर में प्रवेश करती है। अच्छे से प्राणवायु का संचार होने से शरीर स्वस्थ रहता है। एरोबिक व्यायाम को संगीत सुनते हुए भी किया जा सकता है जैसे जिम में म्यूजिक के साथ एक्सरसाइज किया जाता है। फेफड़े व् हृदय स्वस्थ रखने तथा सर्कुलेशन सिस्टम सुधारने हेतु यह लाभदायक गतिविधि है।

व्यायाम के अन्य प्रकार - स्ट्रेचिंग करना, कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लेना, साइकिल चलाना, दौड़ना, तालाब या स्विमिंग पूल में तैरना ये सभी एक प्रकार के व्यायाम ही हैं जो सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। किसी वजनदार वस्तु को उठाना जैसी की जिम में डबल्स उठाना ये भी व्यायाम ही है जो मसल्स बनाने में मदद करते हैं।

स्वस्थ भोजन (Healthy Food)

स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम के साथ अच्छा भोजन करना भी जरूरी है आजकल बाजारों में अस्वास्थ्यकर भोजन मिलने लगे हैं जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, पैक्ड फूड इत्यादि। बच्चे जंक फूड का सेवन करके स्वास्थ्य खराब करने में लगे हैं इनका स्वाद अधिक किन्तु लाभकारी गुण नहीं होते, जंक फूड से कम आयु में ही बच्चों का वजन तेजी से बढ़ता है और मोटापा आगे चलकर कई बीमारियों को न्योता देता है। 

हमें स्वास्थ्यकर भोजन जैसे हरी सब्जियां, बादाम पिस्ता, दूध और अलग-अलग सीजन के ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। फल शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की भरपाई कर देता है खनिज, विटामिन व फाइबर युक्त फल पाचन दुरुस्त करते हैं हमारे समग्र शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

आजकल व्यक्ति काम धंधे में व्यस्त रहता है इस कारण सेहत पर ध्यान नहीं दे पाता। शहरों में प्रदूषण होने के चलते कई रोग उत्पन्न होते रहते हैं इससे बचाव तथा रोकथाम पर गंभीरता से विचार ना करना भी रोग उत्पन्न करने वाले कारकों में वृद्धि का कारण है। 

हमारे आसपास का वातावरण भी स्वास्थ्य सुधारने के लिए उत्तरदाई होता है स्वच्छ वातावरण में रहने से शुद्ध हवा मिलता है जो सेहत बनाता है। रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्यकर भोजन का सेवन करना और नियमित व्यायाम करना फायदेमंद होता है। 

हमें रोज कसरत करके दाल-रोटी आदि हेल्दी भोजन खाना चाहिए। अब फलों सब्जियों में रासायनिक खाद छिड़का जाता है जो शरीर को हानि पहुंचाते हैं इसलिए बाजारों से मिलने वाले फलों को अच्छे से धोकर खाना चाहिए। व्यायाम के साथ अच्छे आहार को जीवनशैली में अपनाना स्वास्थ्य सुधार के लिए बेहतर विकल्प है।

व्यायाम से लाभ (Benefits of Exercise in Hindi)

जिस तरह खाना पीना जरूरी है उसी तरह व्यायाम करना भी जरूरी है इसके अनेक फायदे हैं कई लोग इसे मजबूत शरीर बनाने, वजन घटाकर फिट रहने या सिर्फ आनंद के लिए करते हैं। कसरत करना अच्छी आदतों में से एक है जो बच्चों के दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।

बचपन में बच्चों में अधिक स्फूर्ति पाई जाती है यहां वहां उछल कूद करते रहते हैं लेकिन बड़े होकर उनमें आलस्य आने लगता है जो शारीरिक दुर्बलता का कारण बनता है।

आजकल पाचन तंत्र कमजोर होने लगा है। खाया पीया नहीं लगता जिससे शरीर को अच्छा पोषण नहीं मिल पाता। पाचन दुरुस्त करने का मुफ्त उपाय व्यायाम है जो Digestive System को सुधरता है।

आलस्य लोग काम से बचते हैं जिससे उनके शरीर में श्रम का अभाव होने लगता है परिणामस्वरूप बॉडी फैट बढ़ने से चलने फिरने में दिक्कतें आती है मोटापा कम करने का उपाय भी व्यायाम है इससे आलस छूमंतर हो जाता है।

व्यायाम के नियम - Vyayam ke niyam

व्यायाम का ज्यादा लाभ तभी मिलता है जब इसे नियम से किया जाए। आपको सुबह जल्दी उठकर इसे करना चाहिए। उठने में परेशानी हो तो रात को जल्दी सो जाए ताकि समय पर उठ सके।

सुबह उठकर गुनगुना पानी पिए और कसरत चालू कर दें टाइम ट्यूरेशन का भी ख्याल रखें आप एक या आधे घण्टे तक लगातार कसरत कर सकते हैं। योगासनों में प्राणायाम करने का उचित समय प्रातःकाल को माना गया है इसे खाली पेट किया जाता है। 

सुबह वॉर्म अप के साथ शुरू करें इससे बॉडी में खिचावट होने से हल्का महसूस होगा और कसरत करना आसान लगेगा। आप घर पर या जिम में वर्कआउट कर सकते हैं। व्यायाम का लाभ तुरंत नहीं मिलता आपको निरंतरता से इसे रोज करना होगा इससे ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहेगा, मांसपेशियां मजबूत और दिमाग तेज बनेगा। 

व्यायाम को पहले सही तरीके से करने का अभ्यास करें अब तो मोबाइल या टेलीविजन पर योग कार्यक्रमों को देखकर योगाभ्यास किया जा सकता है। जो आसान करें उसे पहले तो 10-10 बार धीमी गति से करें फिर उसकी गति बढ़ाएं। सही लाभ हेतु व्यायाम के दौरान लंबी सांस लेते एवं छोड़ते रहें। बीच-बीच में अलग अलग आसन या एक्सरसाइज करें ताकि शरीर को हर आसन का अभ्यास हो। आप रोज या हफ्ते में एक-दो दिन 1-5 किलोमीटर रनिंग कर सकते हैं।

हर रोज व्यायाम करने के साथ स्वस्थ आदतों का ख्याल रखना होगा। पौष्टिक आहार लेना होगा। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना होगा जैसे कि खाना खाते समय उसे चबा चबाकर खाएं ताकि वह आसानी से पचे। भोजन के बाद टहलने निकल सकते है इससे खाया पिया आसानी से पचेगा। सही समय पर भोजन करें। रात के भोजन की मात्रा कम ही रखें। कसरत के साथ भरपूर नींद लें इससे स्वास्थ्य सुधरेगा और दिनभर स्फूर्ति बनी रहेगी।

निष्कर्ष

नियमित व्यायाम करने से व्यक्ति जीवनभर स्वस्थ रहता है इसमें हेल्दी भोजन का भी योगदान रहता है अगर खान पान सही न हो तो रोग उत्पन्न होने लगते हैं इसलिए धूम्रपान वाले व्यक्ति रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। व्यायाम करने वाले युवक को सात्विक आहार लेना चाहिए कम नमक और कम मसालेदार भोजन से स्वस्थ बना रहता है। 

निसंदेह अभियान के अनेक फायदे मिलते हैं कुछ प्रत्यक्ष रूप से तो कुछ अप्रत्यक्ष रूप से शरीर के आंतरिक सिस्टम्स को लाभ पहुंचाते हैं लेकिन इसी वजह से कई लोग जबरजस्ती क्षमता से अधिक कसरत कर लेते है और उनका मसल्स दर्द करने लगता है, हमें उतना ही कसरत करना चाहिए जितनी हमारी क्षमता है शुरुआत में धीरे-धीरे करके व्यायाम ड्यूरेशन बढ़ाते रहना चाहिए यही सही तरीका है व्यायाम करने का।

अंतिम शब्द - व्यायाम स्वास्थ्य जीवन का आधार है इसे हमें अपने दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए इससे अनेक फायदे होंगे। कमजोरी, थकान ये सब इससे ठीक होते हैं। आमतौर पर लोग घर से दुकान तक सामान लेने मोटरसाइकिल में जाते हैं लेकिन इसके जगह पर साइकिल चलाकर या पैदल जाना अधिक फायदेमंद है। हमें अपने हेल्थ के बारे में 1% अच्छा ही सोचना चाहिए इससे जीवन में धीरे धीरे कर के बहुत सारे healthy habits को शामिल कर सकते हैं। इस पोस्ट में आपने Swasthya aur vyayam par nibandh - स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध हिंदी भाषा में दिया गया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया तो इसे अपने मित्रों के साथ भी जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

FAQ - स्वास्थ्य और व्यायाम पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब (Answers to frequently asked questions on health and exercise)


Q1. स्वास्थ्य और व्यायाम क्यों जरूरी है?

Ans: जीवन जीने के लिए स्वास्थ्य और व्यायाम आवश्यक है क्योंकि जिस प्रकार पेड़ पौधे खनिज तत्व तथा जल को अवशोषित किए बिना विकसित नहीं हो सकते उसी तरह मनुष्य बिना शारीरिक गतिविधि के मजबूत नहीं हो सकता। जो व्यायाम नहीं करता वह स्वस्थ भी नहीं रह सकता, जो मनुष्य सक्रिय है चलता-फिरता और दौड़ता है परिश्रम करता है वही स्वस्थ रह सकता है स्वस्थ रहने का मूल मंत्र व्यायाम है व्यायाम कई तरह के हो सकते हैं साइकिल चलाना, दौड़ना, तैरना इत्यादि व्यायाम ही है। व्यायाम की वजह से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और स्वास्थ्य के वजह से ही व्यक्ति व्यायाम कर पाता है अतः स्वास्थ्य और व्यायाम एक दूसरे के पूरक हैं।

Q2. मानव जीवन में व्यायाम का क्या महत्व है?

Ans: व्यायाम द्वारा मानव जीवन को स्वस्थ तरीके से जीया जा सकते हैं। यह संतुलित आहार, हेल्दी जीवनशैली बनाए रखने में मदद करता है। इसके महत्व को देखते हुए और लोगों को व्यायाम के प्रति जागरूक करने के लिए 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है।

Q3. व्यायाम और स्वास्थ्य में क्या संबंध है?

Ans: व्यायाम स्वस्थ के लिए आवश्यक है और स्वास्थ्य भी व्यायाम करने के लिए आवश्यक है इस तरह दोनों में गहरा संबंध है।

Q4. व्यायाम कितने प्रकार के होते हैं?

Ans: व्यायाम कई तरह के होते हैं जैसे एरोबिक व्यायाम जिसमें लंबी दौड़, साइक्लिंग, टेनिस खेलना ये सब आते हैं। एनारोबिक व्यायाम इसमें जिम में वजन उठाने जैसी क्रिया शामिल है। चलना फिरना, टहलना, दौड़ना, खेलना ये सभी व्यायाम के विभिन्न प्रकार हैं।

Q5. व्यायाम का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Ans: व्यायाम का मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है व्यक्ति का सोच सकारात्मक हो जाता है दिनभर ऊर्जा बनी रहती है इससे शारीरिक रोग दूर हो जाते हैं।

Q6. व्यायाम न करने से क्या क्या हानि होती है?

Ans: आज के समय में खुद के सेहत के लिए वक्त निकाल पाना मुश्किल हो गया है दिनभर ऑफिस में कामकाज और घर आकर खाना खाके से जाना। सुबह फिर से काम पर जाना और बैठे हुए घंटों तक काम करना ऐसे में अगर व्यायाम न किया जाए तो सबसे बड़ा हानि वजन बढ़ने का होता है, आजकल वो लोग जो दफ्तर जाते हैं उनका वजन बढ़ने लगता है कारण सिर्फ एक है शारीरिक श्रम की कमी इसका निवारण व्यायाम है इसे करने से बढ़ा हुआ वजन नियंत्रण में आ जाता है। इसके अतिरिक्त कई बीमारियों से जूझना पड़ सकता है तनाव, चिंता इन सब से छुटकारा पाना है तो मेडिटेशन और व्यायाम कारगर उपाय हैं। 

Q7. स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन कितना व्यायाम आवश्यक है?

Ans: अगर आप प्रतिदिन 30 मिनट भी व्यायाम करते हैं तो भी इससे शरीर में स्फूर्ति आ जायेगी, शरीर फ्लेक्सिबल रहेगा, मोटापा कम होने लगेगा, पर्सनालिटी इंप्रूव होगी और आत्मविश्वास जागृत होगा। अगर गठीला मजबूत शरीर चाहिए तो 1 घंटा तक कसरत कर सकते हैं नहीं तो स्वस्थ रहने के लिए 15 मिनट की नॉनस्टॉप एक्सरसाइज पर्याप्त है।

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