Antarrashtriya Saksharta Diwas Par Nibandh in Hindi - अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर निबंध

शिक्षा प्राप्त करना आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है बिना शिक्षा के व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता, आज के इस लेख के माध्यम से हम Antarrashtriya Saksharta Diwas Par Nibandh in Hindi -अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर निबंध पढ़ेंगे। देश का भविष्य वहां के नकारिकों में साक्षरता पर निर्भर करता है अगर देश का युवा एजुकेटेड रहेगा तो देश की भी उन्नति होगी, प्रत्येक नागरिक को पूरा अधिकार है कि वह ज्ञान अर्जित करके शिक्षित हो और देश का नाम रौशन करे। साक्षरता दिवस निबंध के जरिए हम जीवन में शिक्षा का महत्व, शिक्षा का लाभ तथा साक्षरता दिवस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें जानेंगे, आपके लिए सारी बातें आसान शब्दों में लिखा गया है जो आपको सरलता से समझ आएगा, यह लेख पूरी तरह साक्षरता दिवस पर प्रकाश डालता है ताकि इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचे।

Antarrashtriya Saksharta Diwas Par Nibandh - Essay on International Literacy Day in Hindi

Antarrashtriya Saksharta Diwas Par Nibandh in Hindi


परिचय

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उद्देश्य देश के नागरिकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और शिक्षा का महत्व समझना है। इसकी शुरुआत युनेस्को से हुई और अब इसे विश्वभर में मनाया जाता है। साक्षरता की कमी से बेरोजगारी दर में वृद्धि आ रही है इसके निवारण के लिए साक्षरता का प्रसार महत्वपूर्ण कदम है, शिक्षित व्यक्ति विवेकपूर्ण ढंग से सोचने - समझने की क्षमता रखता है आज युवा पीढ़ी को बेरोजगारी की समस्या से जूझना पड़ता है उसके समाधान का एक उपाय साक्षरता अभियान भी है।

साक्षरता का अर्थ क्या है?

साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना या एजुकेटेड होना। शिक्षा-प्राप्त करके कोई भी अशिक्षित नागरिक साक्षर होकर समाज में साक्षरता का प्रसार कर सकता है। किसी प्रदेश के शहर और गांव के जनता में अध्ययन का ज्ञान होना, पढ़ने-लिखने की क्षमता रखना साक्षरता ही है। साक्षरता को साकार करने का प्रमुख श्रेय पाठशालाओं को दिया जा सकता है क्योंकि वहां बच्चे को सभी साधन उपलब्ध कराए जाते हैं जो से साक्षर बनाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का लक्ष्य

Saksharta Divas का उद्देश्य समाज में शिक्षा को प्रचलित करना है प्रत्येक नागरिक को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना है। देश के कई गरीब बच्चे जो पढ़ाई लिखाई का खर्चा नहीं उठा सकते उन तक उचित शिक्षा पहुंच नहीं पाती उनकी समस्याओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय स्थापित किए गए हैं। साक्षरता बढ़ाने में साक्षरता दिवस का बड़ा योगदान है। युवा पीढ़ी अध्ययन बीच में छोड़कर मजदूरी करने लगते हैं, बच्चे पढ़ने के उम्र में श्रम करते हैं, लड़कियां घर के काम को महत्व देते हुए शिक्षा प्राप्त नहीं करती इससे उनका भविष्य प्रभावित होता है नौकरी प्राप्त नहीं होता, इसलिए जो एजुकेशन का महत्व समझ नहीं पाते उन सभी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का प्रमुख लक्ष्य है।

भारतीय शिक्षा का इतिहास

प्राचीन काल से ही ज्ञान को महत्व दिया गया है प्राचीन काल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थी गुरुकुल में ऋषि-मुनियों से ज्ञान अर्जित करते थे जहां मौखिक तथा लिखित रूप में शब्दों का ज्ञान व् लिखना सिखाते थे, उस काल में उन सभी विषयों का ज्ञान दिया जाता था जो छात्र में वास्तविक जीवन में काम आए। शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब कागज कलम का आविष्कार हो गया, कॉपी में सुंदर अक्षरों में लिखना आसान बन गया, गांव में भी पाठशाला खुलने लगे, अपने देश में बड़े विश्वविद्यालयों में दाखिला लेकर पढ़ा जा सकता है। आधुनिक युग में अध्ययन के कई संसाधन आ गए विकसित तकनीकी ने ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दिया अब ऑनलाइन ज्ञान प्राप्त करके बुद्धि तेज कर रहे हैं। पेन के साथ कंप्यूटर पर लिखना संभव हुआ आने वाले समय में अध्ययन करना बहुत सस्ता होगा तकनीक का उपयोग भी साक्षरता का प्रसार के लिए किया जा सकता है। स्कूलों और कॉलेज खोलने में प्राचीन संस्थानों का बहुत बड़ा महत्व है पहले विद्यार्थी गुरुकुल और आश्रम में जाकर पढ़ा करते थे उसी तरह अब प्रारंभिक शिक्षा स्कूलों से मिलती है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास

साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत 1966 के बाद से हुई थी। यूनेस्को ने 17 November 1965 में 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया था उसके बाद से हर साल 8 सितंबर के दिन international literacy day के रूप में मनाते आ रहे है। इस दिवस ने युवा वर्ग को अधिक प्रभावित किया क्योंकि वे पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं और मजदूरी करने लगते हैं, पढ़ाई का महत्व समझाने के लिए ये दिवस कारगर साबित हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का महत्व

साक्षरता दिवस का महत्व समझना आज की युवा पीढ़ी के लिए जरूरी है जो लोग शिक्षा को महत्व नहीं देते उनमें से ज्यादातर लोगों का भविष्य उज्वल नहीं रहता क्योंकि रोजगार का अवसर नहीं मिलता। साक्षरता केवल ज्ञान नहीं बल्कि व्यक्ति में सद्गुण भी लाता है। असाक्षर व्यक्ति की तुलना में साक्षर व्यक्ति सही निर्णय ले पाता है जिंदगी में सफल होने की संभावना साक्षर की रहती है। 

करोड़ों लोग अशिक्षित हैं ऐसे लोगों को जागरूक करके एजुकेशन से जोड़ना जरूरी है। केवल नौकरी नहीं बल्कि इससे जीवन का हर काम विवेकपूर्ण तरीके से किया जा सकता है। साक्षर व्यक्ति को सम्मान और पद मिलता है।

नागरिकों को साक्षर करने में सरकार ने भी बहुत से अभियान चलाए जो सफल भी रहे। साक्षरता अभियान से जुड़कर बहुत से लोग एजुकेटेड हुए हैं। लोग पढ़ाई का महत्व समझ रहे हैं यही कारण है की अब बालक और बालिका उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

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