चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जीवन परिचय - Pandit Chandradhar Sharma Guleri Ka Jeevan Parichay
नमस्कार मित्रों, हिंदी साहित्य में कई कवि, लेखक, कहानी लेखक हुए हैं जिन्होंने साहित्य में अपना योगदान दिया उन्हीं में से एक प्रसिद्ध कहानीकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी हैं। इस लेख में हमने चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जीवन परिचय लिखा है, ये उन लेखकों में हैं जिन्होंने कम किंतु महान कृतियों के कारण साहित्य में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया था।
पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जीवन परिचय
जीवन परिचय - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म सन 1883 को जयपुर में हुआ था। शिक्षा में उन्होंने बी. ए. उत्तीर्ण करके अध्यापक के तौर पर नियुक्त होकर शिक्षा का प्रसार करने लगे।
गुलेरी जी ने अपने जीवन में जितनी भी रचनाएं लिखी उनमें से उन्हें सर्वाधिक प्रसिद्ध सन 1915 में सरस्वती मासिक पत्रिका में प्रकाशित "उसने कहा था" से मिली, ये चंद्रधर शर्मा गुलेरी की एक लोकप्रिय कहानी थी। उन्होंने अपने जीवनकाल में सुखमय जीवन, बुद्ध का कांटा नामक कहानियों की रचना की थी।
मनोवैज्ञानिक ढंग से कहानियाँ लिखने वे अत्यंत निपुण थे। सामाजिक विषयों पर उन्होंने मनोवैज्ञानिक चिंतन करके भाव व्यक्ति किया। इनकी कहानियों में मानवीय सद्गुणों को जागृत करने की भावना नजर आती है, इन्होने परोपकार, सेवा भावना, सहृदयता को ही अपना विषय - वस्तु बनाकर लेख लिखना शुरू किया, इसी वजह से तो साहित्य में कम रचनाएं लिखने के बाद भी गुलेरी जी ने बहुत अधिक प्रसिद्ध प्राप्त कर लिया।
चंद्रधर शर्मा गुलेरी ने मुख्य रूप से हिंदी भाषा में लेखन कार्य किया उसके साथ में फारसी अरबी भाषा का भी उपयोग इनकी रचनाओं में देखने को मिलता है इन्होंने पर मुहावरों का उपयोग किया है। इनकी कहानियां पाठकों में भाव उत्पन्न करने की शक्ति है। भाषण में माधुरी अच्छा लगता है इन्होंने अपनी रचना में वर्णनात्मक तथा विवेचनात्मक शैली का भी प्रचुर मात्रा में उपयोग किया है। चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी को आधुनिक काल के सर्वश्रेष्ठ कहानीकारों में जाना जाता है।
ईस्वी सन् 1992 को चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी का निधन हो गया और ये श्रेष्ठ कहानीकार पंचतत्व में विलीन हो गए किन्तु आज भी उनके उनकी प्रचलित कहानी "उसने कहा था" के माध्यम से उन्हें युग उगांतर तक स्मरण किया जायेगा।
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