मेले का वर्णन पर निबंध | mele ka varnan par nibandh

नमस्कार दोस्तों, हम सभी को घूमना फिरना बहुत पसंद होता है, कभी हम अलग-अलग पर्यटन में जाते हैं तो कभी फैमिली के साथ टूर पर निकलते हैं, इसी तरह मेले में घूमने का मजा भी लेते हैं, परिवार के साथ मेले में घूमना यादगार पलों में से एक होता है। अगर मेला लगे तो स्वाभाविक है कि वहां जाने का मन करेगा, हम मित्रों या फैमिली के साथ जा सकते हैं, झूले में झूलकर आनंद महसूस कर सकते हैं।

मेला, हमारे जीवन में खुशियों का रंग भर देता है। साल में यह एक बार आता है, हालांकि मेले का आयोजन विशेष अवसर पर भी किया जाता है जैसे कि दशहरा। मेले का आनंद हर कोई लेना चाहता है, इसलिए तो दूर-दूर से लोग मेले के मैदान में आते हैं। 

मित्रों, आपको हमारे ब्लॉग में अलग-अलग विषय पर निबंध पढ़ने को मिलता रहता है, आज का यह लेख भी रोचक होने वाला क्योंकि इसमें मेले का वर्णन पर निबंध हिंदी में लिखा गया है जो आपको मेले के रोचक व् मनोरंजक सफर पर ले जाएगा, इसे पढ़कर आपको अपने मेले के सफर जरूर याद आएगा, तो आइए इस लेख को शुरू करते हैं।

मेले का वर्णन पर निबंध हिंदी में 

मेले का वर्णन पर निबंध हिंदी में

प्रस्तावना 

मेला वह स्थान होता है जहां पर झूले लगे होते हैं, कई प्रकार की दुकानें खुली होती है और एक साथ लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है। मेले में दुकानदार उत्पाद बेचते हैं और उन्हें ग्राहकों द्वारा खरीदा जाता है। अलग अलग प्रकार की वस्तुएं एक ही जगह मेले में देखने को मिल जाती है। हम मेलों में जाकर अपने दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा समय बिताते हैं। अलग-अलग जगहों से लोग मेले में हिस्सा लेने आते हैं। मेले में जाकर हम अपनी चिंताओं को भूल जाते हैं और भरपूर आनंद लेते हैं। व्यापारिक दृष्टि से भी मेला महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि मेले में व्यापारी उपयोगी वस्तुएं बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं। मेला हमें मनोरंजन के भरपूर विकल्प उपलब्ध कराता है।

मेले का वर्णन (mele ka varnan)

मेला एक स्थान है जहां पर एक साथ सैकड़ो या हजारों लोग एकत्रित होकर मेले का आनंद उठाते हैं। लोगों का मनोरंजन करने हेतु मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, सर्कस होता है, डांस का कार्यक्रम होता है और जादू दिखाने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है जिसे देख लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

मेले में कई छोटे-बड़े दुकान खुले हुए नजर आते हैं। होम डेकोरेशन, आभूषण और खिलौने के दुकानों में लोगों की भीड़ लगी रहती है। मेले के मैदान का पूरा दौरा करने में काफी वक्त लग जाता है और चलते फिरते थकान महसूस होने लगती है, गर्मी महसूस होने लगती है तो उसके लिए ठंडे आइसक्रीम खाने का मजा ले सकते हैं। जब आप मेले में जाएंगे तो आप देखेंगे कि वहां ज्यादातर लोग अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ घूमते हुए नजर आएंगे, वास्तव में मेला हमें अपनों के साथ अच्छा वक्त बिताने का सुनहरा मौका देता है।

बड़े झूलों में झूलते लोगों को देख हमारा मन भी झूलने को करता है। दूर से झूला, घूमती चकरी के समान प्रतीत होती है। लोग अपने हाथों में गुब्बारे लेकर चलते हुए दिखते हैं, बच्चे खिलौने की दुकान के सामने और माताएं-बहनें श्रृंगार की दुकानों में जाकर खरीदी करते हैं। समोसे, नमकीन, बर्फी, गुलाबजामुन, रसगुल्ले, पानीपुरी, आदि स्वादिष्ट खाने की चीजों को चखने का मौका मेले में मिलता है, जहां एक साथ कई प्रकार की पकवान वाले दुकानें खुली होती है। मेले का माहौल इतना खुशमुना और देखने लायक होता है कि व्यक्ति अपनी चिंताओं को भूलकर मेला घूमने का भरपूर आनंद लेने लगता है।

रात्रि मेला

आमतौर पर मेला दिन में लगता है, लेकिन कुछ मेले का आयोजन रात के समय भी किया जाता है, इस तरह के मेले में जोरदार लाइटिंग लगी होती है जो दूर से ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस तरह के मेले में भी कई तरह के झूले लगे होते हैं जो लोगों का मनोरंजन करते हैं, वहां रात के समय भी खाने-पीने की दुकानें खुली रहती हैं जहां लोग बड़े चाव से अपने पसंदीदा व्यंजन का लुत्फ़ उठाते हैं।

मुख्य आकर्षण

किसी भी मेले का मुख्य आकर्षण वहां लगे विभिन्न प्रकार के झूले होते हैं। वहां लगे रोलर कोस्टर, फेरिस व्हील, कार, नौका वाला झूला या राइड्स लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। मेले वाले स्थान को विशेष रूप से डेकोरेट भी किया जाता है और जितने भी झूले लगे होते हैं उन्हें भी सजाया जाता है। मेले में कई महत्वपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन भी किया जाता है जैसे संगीत, नृत्य या अन्य कला संबंधित प्रदर्शन जो वहां घूमने आए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं और उनका मनोरंजन करते हैं।

विभिन्न मनोरंजन के साधन

मनोरंजन का प्रमुख साधन मेले में लगे झूले होते हैं, वहां छोटे बच्चों से लेकर बड़ों के लिए अलग अलग तरह के झूले लगे होते हैं जो वहां बेहतरीन मनोरंजन का साधन होता है। दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए जादूगर अपना जादू दिखता है। स्टेज शो और नृत्य का प्रोग्राम रखा जाता है, मेले में ये सब भी मनोरंजन के विकल्प होते हैं।

खाद्य-व्यंजन

मेले में खाने-पीने की कोई कमी नहीं होती है, जगह-जगह पर ठेले लगे होते हैं जहां पर लोगों को चार्ट और पानीपुरी खाते हुए देखा जा सकता है। आइसक्रीम वाले घूमते रहते हैं और होटलों में सुबह से ही भीड़ लगी रहती है। पकवानों की सुगंध सबको आकर्षित करती है, लोग मेले में जाकर अपना पसंदीदा मिठाई जरूर खाते हैं और पैक कराकर घर भी लाते हैं।

विभिन्न गेम्स

मेले में रिंग टॉस, शूटिंग गेम्स, आदि खेलों का आनंद लेते हैं लोग। मेले में कई तरह के गेम्स आ सकते हैं लोग उसमें पार्टिसिपेट करके, जीतने पर इनाम भी प्राप्त करते हैं। आमतौर पर गेम्स में हिस्सा लेने के लिए टिकट शुल्क (एंट्री फीस) देना होता है। बच्चों के लिए तो गाड़ी वाले झूले जो गोल गोल घूमते हैं उसमें बैठना ही उन्हें गेम खेलने जैसा अनुभव देता है।

उत्पादों और हस्तशिल्प

मेले में विभिन्न प्रकार के उत्पादों और हस्तशिल्पों का अच्छा बिक्री होता है। उत्पादों में लोग उन आवश्यक चीजों को खरीदना पसंद करते हैं जो उनके लिए उपयोगी होता है। हस्तशिल्प जिसमें मानव अपने हाथों से बनाया गए उत्पादों या वस्तु को बेचते हैं, जैसे मिट्टी मटके, मिट्टी के बर्तन, गमले, और अन्य कई चीजें।

सांस्कृतिक कार्यक्रम 

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने से मेले की भव्यता और अधिक बढ़ जाती है। मेले को खास बनाने के लिए कुछ मेलों में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। जैसे दशहरा के मेले में रात के समय रामलीला का आयोजन होता है, उसी तरह कई बार इस तरह के प्रोग्राम में विशेष अतिथि को भी बुलाया जाता है, सिंगर और डांसर अपनी प्रतिभाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा भी मेले को खास बनाने के लिए नाटक आदि प्रस्तुत किया जाता है।

सुरक्षा का व्यवस्था

मेले में अत्यधिक भीड़ होने की वजह से कई बार लोगों का सामान चोरी हो जाता है, पर्स चोरी होने से लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है इसलिए सुरक्षा के लिए लाउडस्पीकर से लोगों को आगाह किया जाता है की वे अपने जरूर सामानों को संभाल कर रखें। मेले में, सुरक्षा के लिए एक खास टीम होती है जो लोगों की देखभाल करती है और सुनिश्चित करती है कि सभी लोग सुरक्षित रहें। यदि भीड़ में कोई गुम हो जाए तो सुरक्षा कर्मचारी, गुम हुए व्यक्ति की सूचना लाउडस्पीकर के माध्यम से देते हैं और गुम हुए व्यक्ति को उसके परिवार से मिला देते हैं। सुरक्षा के लिए उन मेलों में जगह बहुत अधिक भीड़ रहती है वहां पर पुलिस भी मौजूद रहते हैं इससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो जाती है।

मेले का खास दिन

लोगों को अक्सर मेले का इंतजार रहता है, वो पहले से योजना बना लेते हैं की वो मेले में क्या क्या करने वाले हैं, समानों की लिस्ट से लेकर कौन से झूले में झूलना है सब सोच लेते हैं। जब मेले का का खास दिन आ जाता है तब लोग उस दिन तैयार होकर अपने दोस्तों और फैमिली के साथ मेला जाने के लिए निकलते हैं। रास्ते में चलते हुए भी मेले के बारे में बातचीत जारी रहती है। जब मेले के स्थान के निकट पहुंचते हैं तो ऊंचे झूले का दृश्य देखकर मन खुश हो जाता है। मेले में प्रवेश करते ही एक साथ लोगों की आवाजें सुनाई देती है, पकवान और सुगंधित मिष्ठान्न की खुशबू से वहां का वातावरण महल जाता है। अद्भुत दृश्य देख आंखें चकाचौंध हो जाती है। बच्चे, बड़े, महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी अलौकिक नजारों को देखने का आनंद लेते हैं। मन को भा जाने वाला दृश्य जो लोगों को अपनी ओर खींचता है, वह मेले में देखने को मिलता है।

मेले में घूमने का अनुभव

मेले में घूमने का अनुभव सबके लिए खास होता है। मेले में चारों तरफ लोगों की उमड़ी भीड़ नजर आती है, मेले के मैदान में पहुंचते हैं लोगों की चहल-पहल, भीड़ में लोगों की आवाजें, जगह-जगह ठेले, होटल, और दुकानों से मेले का मैदान सजा होता है। झूलों के बगैर मेला अधूरा है इसलिए हर मेला में कई तरह के झूलों को लगाया जाता है। रेलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी, ब्रेक डांस, आदि मनोरंजक झूलों पर सवार होने से मजा दुगुना हो जाता है। झूला झूलने का अनुभव बेहद खास और स्मरणीय होता है, इसी के बारे में हम अन्य लोगों से चर्चा करते रहते हैं, दोस्तों को बताते हैं कि हमने कौन-कौन से झूले में बैठकर झूलने का आनंद लिया। मेले में घूमते हुए आजू बाजू कई दुकानें दिखाई देते हैं, कहीं वस्त्रों की दुकानें तो कहीं खाने-पीने की चीजें। चार्ट और पानीपुरी को देख किसी का भी मन ललचा जायेगा, स्वादिष्ट पकवान देख मुंह में पानी आ जाता है। झूला झूलने, जरूरी चीजें खरीदने, और मेले में खाने-पीने का अनुभव मेरे लिए बेहद खास होता है।

मेले का यादगार पल

अगर कोई मेला घूमने जाए और उसे वहां का कोई पल यादगार न लगे ऐसा हो नहीं सकता, मेले के मैदान में मौज मस्ती के साथ घूमते हुए बताया गया पल हमें याद रह जाता है और हम इसके बारे में घर आकर भी चर्चा करते हैं। हम अपने पसंदीदा झूले में झूलने का मजा लेते हैं, कुछ लोग पहली बार झूले में बैठते हैं, उनके लिए झूले में बैठने का अनुभव नया होता है और वह पल उनके लिए खास बन जाता है। मेले में बच्चों का अपने लिए अलग-अलग तरह के खिलौने खरीदना, माताओं और बहनों का अपने लिए उपयोगी वस्तुएं खरीदना, सर्कस देखना, और मिठाईयां, पकवान, आदि खाने का आनंद लेना यह सभी यादगार पलों में शामिल हो जाते हैं।

मेले का सबका अलग-अलग अनुभव हो सकता है, और हर कोई इसका वर्णन अलग ढंग से कर सकता है, मुझे मेले में अलग-अलग प्रकार के झूले को देखना और पसंदीदा झूले में झूलना खूब पसंद आता है। आइसक्रीम, पानीपुरी और तरह तरह के पकवान खाने में भी मजा आता है, उनके स्वाद याद रह जाते हैं, पेट तो भर जाता है लेकिन मन नहीं भरता इसलिए मिठाइयां, पकवान, नमकीन आदि पैक कराके घर ले आते हैं और वहां सबके साथ मिल बांटके खाते हैं।

उपसंहार

मेले में जाकर लोग अपना टेंशन भूल जाते हैं और खूब मजे करते हैं। अपनी पसंद के अनुसार चीजें खरीदते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने परिवार के साथ मेला जाने का सोचते हैं लेकिन गरीबी या पैसों की कमी की वजह से जा नहीं पाते। जाते हैं तो जरूरी सामान खरीद नहीं पाते।

लेकिन फिर भी हर कोई मेले में भाग लेना चाहता है, इसलिए लोग मेला घूमने के लिए बचत भी करते हैं ताकि अपने परिवार वालों के लिए मेले में शॉपिंग कर सके। मेले में बेशक बहुत आनंद आता है, वहां बहुत भीड़ होता है, कई बार तो पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती, ज्यादा भीड़ होने से कई बार लोगों की महंगी चीजें भी चोरी हो जाती है, इसलिए सबको अपनी जरूरी चीजों का ख्याल रखना चाहिए।

बाकी मेले में हमारे पास मनोरंजन के कई विकल्प होते हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े झूले, जादू और नृत्य कार्यक्रम आदि शामिल होते हैं। मेले में जाकर हम न केवल खुश होते हैं बल्कि अपने पुराने दोस्तों से भी मिलते हैं, तरह-तरह के खाने का आनंद लेते हैं। परिवार के साथ पकवानों का लुत्फ़ उठाते हैं, इस तरह मेले का दिन बेहद खास दिन बन जाता है।

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