पर्यावरण पर निबंध 200 शब्द - Paryavaran par nibandh 200 words आसान शब्दों में

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पर्यावरण पर निबंध 200 शब्द - Paryavaran par nibandh 200 words

पर्यावरण पर निबंध 200 शब्द - Paryavaran par nibandh 200 words
Essay on environment in 200 words

निबंध 1: पर्यावरण पर निबंध 200 शब्दों में

जो पूरी दुनिया है वह संतुलन से चलता है, सौरमंडल के ग्रह अपने अक्ष पर घूमते हैं, रोज सूरज निकलता व् अस्त होता है, सब सुबह सूर्योदय के समय उठते व् सूर्यास्त के बाद सोते हैं, यह सब घटना प्राकृतिक है, अगर इनमें फेरबदल किया जाए तो संतुलन बिगड़ जायेगा, रात्रि आती है नींद के लिए अगर उस व्यक्त व्यक्ति सोए ही नहीं तो उसके सेहत पर असर पड़ेगा। हमारा पर्यावन भी ऐसा ही है अगर इसका संतुलन डगमगाया तो न सिर्फ पर्यावरण बल्कि मानव को भी हानि पहुंचेगा। 

हमारे आस-पास पेड़-पौधे नजर आते हैं जिनमें से कुछ को लोगों ने लगाया है और कई पेड़ सालों से वहीं हैं, जिस वृक्ष को मानव ने रोपा है, वह केवल उस पर ध्यान देता है, लेकिन जिस तरह हम खुद के लगाए पौधे की देखभाल करते हैं उसी तरह सभी वृक्ष की देखभाल करनी होगी, हर वृक्ष हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में अपना योगदान देते हैं। वृक्ष मानव के लिए अनिवार्य है, हम जो सांस लेते हैं उसके लिए शुद्ध ऑक्सीजन पेड़ पौधों से मिलती है, किन्तु मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते वृक्षों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। प्रकृतिप्रद दुनिया स्वयं सजी हुई है जिसे जहां होना चाहिए वह वहां है। जल, वायु, वृक्ष, पहाड़, घांस ये सब मिलकर संतुलित पर्यावरण बनाते हैं, इस संतुलन को बनाए रखना मनुष्य की जिम्मेदारी है।

निबंध 2: वाहनों से पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 200 शब्द

प्राकृतिक संसाधनों की देखभाल इंसानों की जिम्मेदारी है किंतु आज का मनुष्य तकनीकी उपकरणों पर इतना आश्रित हो चुका है की एक किलोमीटर जाने के लिए वाहन चलता है और उससे निकलने वाले धुएं से वायुमंडल को प्रदूषित करता है, शहर का ऐसा कोई गली नहीं होगा जहां दिनभर में सैंकड़ों गाड़ियों न दौड़ती हो, पेट्रोल वाली गाड़ियों से पॉल्यूशन फैलता है जो पर्यावरण प्रदूषण करता है।

उपाय: प्रदूषण रोकने का उपाय यह हो सकता है की हम वाहनों का उपयोग कम दूरी तय करने के लिए न करें, अगर एक 1 से 2 किलोमीटर तय करना हो तो साइकिल उचित विकल्प होगा, बाजार नजदीक है तो पैदल या साइकिल पर जा सकते हैं। ज्यादा धूंवा छोड़ने वाली गाड़ी कम चलाना होगा, उचित समय पर वाहनों की सर्विसिंग अवश्य करानी चाहिए इससे गाड़ी से अनावश्यक धुँआ नहीं निकलेगा जो पर्यारवण के लिए अच्छा होगा। 

बड़े महानगरों में पुराने गाड़ी के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि ये वायु प्रदूषण के लिए अधिक जिम्मेदार होते हैं, राजधानी दिल्ली में वाहनों के चलते पॉल्यूशन बढ़ जाती है इसलिए आवश्यकता पड़ने पर ही गाड़ी चलाना चाहिए। अब तो वाहनों के चलने से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन आने लगे हैं इससे पॉल्यूशन कम किया जा सकता है।

निबंध 3: कारखानों से पर्यावरण को नुकसान

प्रत्येक तकनीकी उपकरणों और सामानों को कारखानों में मशीनों द्वारा बनाया जाता है इससे कार्य को तेजी से किया जा सकता है किंतु इससे हमारे वायुमंडल पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है जो निम्नलिखित है:

  • मृदा प्रदूषण: जिस जगह पर फैक्ट्री लगी हो वहां की भूमि खराब होने लगती और उसकी उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है।
  • जल प्रदूषण: कल-कारखानों से निकलने वाली अपशिष्ट पदार्थों को जल में विसर्जित कर दिया जाता जो जल को दूषित करता है।
  • वायु प्रदूषण: हवा प्रदूषण का मुख्य कारण कल कारखानों के चिमनियों से निकलने वाले जहरीली हवाएं हैं, जो हमारे वायुमंडल में धुलकर उसे अशुद्ध कर देता है।
  • मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव: कारखानों के गैस से वायुमंडल तो दूषित होता है साथ ही कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के शरीर में स्वाँस के माध्यम से फैक्ट्री का दूषित वायु प्रवेश कर जाता है इससे स्वास से जुड़ी रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। 

समाधान –

  • कारखानों के गंदे अपशिष्ट पदार्थों को जल में प्रवाहित करने के बजाए उसे भूमि में दफन करना चाहिए इससे वह स्वतः अपघटित हो जाएगा। 
  • फैक्ट्री से निकलने वाले गैस को नहीं रोका जा सकता किन्तु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से दूर कारखानों का निर्माण करके लोगों में इसके हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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निबंध 4: वनों की कटाई से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव

वन हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए अनिवार्य है, इससे जलवायु नियंत्रित रहता है, जहां घने वन हैं वहां पर पानी का स्तर ऊपर रहता है। वनों का हम मनुष्यों के लिए कई फायदे हैं किंतु आज का मनुष्य वनों की कटाई कर वहां बस्ती बसाने में लगा है, वनों में कारखाने स्थापित हो रहे जो पर्यावरण प्रदूषण कर रहे हैं। 

वनों की कटाई से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव -

  1. जब कच्चे पेड़ की डालियों को, वनों के वृक्ष को काटा जाता है तब इससे मौसम पर प्रभाव पड़ता है।
  2. ऐसे इलाके जहां वन नहीं वहां पर वर्षा भी कम होती और भूमि बंजर हो जाता।
  3. वनों की कटाई से वन कम हो रहे जिससे भूमि क्षरण हो रहा और उर्वरा शक्ति कम हो रही है।
  4. अगर इसी तरह दुनिया के लोग जंगल की अंधाधुंध कटाई करेंगे तो हरियाली रेगिस्तान में बदल जायेगा।
  5. जहां वृक्ष नहीं, वहां वर्षा नहीं, और जहां वर्षा ही नहीं होगी वहां पेड़ पौधों कैसे उगेंगे और मानव को शुद्ध ऑक्सीजन कैसे मिलेगा।
  6. अगर वन नहीं रहेंगे तो पृथ्वी में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा।
  7. वनों की कटाई से वन्य प्राणी बेघर हो जायेंगे।
  8. वातावरण बदल जायेगा, पृथ्वी तावें की तरह तपने लगेगी।
  9. ग्लोबल वार्मिंग से स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो जाएगी।
  10. जंगल कटते रहे तो लोग पानी के लिए तरसेंगे।

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