होली पर निबंध 200 शब्दों में - Holi Essay in Hindi 200 words
होली एक ऐसा त्यौहार है जो मुख्य रूप से भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के अलावा इसे दूसरे देशों में भी सेलिब्रेट किया जाता है। यह उत्सव बच्चों और बड़ों में उत्साह भर देता है। लोग गली - मोहल्ले में अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस ख़ास पर्व को मनाते हैं। इस आर्टिकल में आपको होली पर 200 शब्दों में निबंध पढ़ने को मिलेगा। यह मुख्यतः कक्षा 1, कक्षा 2, कक्षा 3, कक्षा 4 और कक्षा 5 के लिए बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है।
होली पर निबंध 200 शब्दों में (Holi Essay in Hindi 200 words, Holi par Nibandh 200 shabdo mein)
Holi Essay in Hindi 200 words |
निबंध 1: होली क्या है? (200 शब्दों में)
होली रंगों का उत्सव है जो पूरे भारतवर्ष में हर्ष उल्लास से मनाया जाता है। यह मार्च के महीने में पड़ने वाला रंगीन त्यौहार है जिसमें रंग - गुलाल के साथ बच्चे, नौजवान और बड़े बुजुर्ग होली खेलते हैं।
होली का माहौल ऐसा होता है की व्यक्ति अपनी सारी चिंताओं को भूलकर उसके रंगों में रंग जाता है और वो पल केवल खुशियों का होता हैं जहां चिंताओं-निराशाओं के लिए कोई जगह नहीं होती।
खुशियों से भरे इस त्योहार का रंग बच्चों में दो-तीन दिन पहले ही दिख जाता है। बच्चे क्या, बड़े क्या हर कोई इस उत्सव का आस लगाए प्रतीक्षा करता है।
इस मौके पर पाठशाला की छुट्टी होती है ताकि बच्चे इस उत्सव का हिस्सा बनके परिवार के साथ वक्त बिताए। होली के त्योहार से एक दिवस पूर्व होलिका दहन किया जाता है। होली के संदर्भ में पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिसमें होलिका दहन के पीछे की रोचक कहानी का उल्लेख मिलता है।
शीत ऋतु के पश्चात जब वसंत ऋतु का आगमन होता है तो पशु पक्षियों और मनुष्य का मन प्रफुल्लित हो उठता है। इसी खास मौसम में होली का रंगीन त्योहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है जिससे हम पूरे दिन सक्रिय और खुश महसूस करते हैं।
निबंध 2: होली का इतिहास - 200 शब्दों में
होली त्यौहार को मनाने के पीछे एक प्रचलित कथा है जो भक्त प्रहलाद और होलिका से जुड़ा है।
हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था जो स्वयं को भगवान मानता था उसका एक पुत्र भी था जो उसे भगवान नहीं मानता था और वह विष्णु की पूजा करता था।
यह देख हिरण्यकश्यप उसपर क्रोधित हो जाता था क्योंकि वह विष्णु को अपना दुश्मन मानता था। उसने अपने पुत्र को समझाया कि वह विष्णु की आराधना ना करें किंतु उसके पुत्र ने उसकी एक न मानी और फिर उसने प्रहलाद को खत्म करने का प्रयास किया।
हिरण्यकश्यप की एक बहन, जिसे आग से न जलने का वरदान प्राप्त था, ने कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर जलती हुई चिता में बैठेगी, जिससे प्रह्लाद जलकर भस्म हो जायेगा। यह सुनकर हिरण्यकश्यप ने होलिका को प्रह्लाद को भस्म करने का आदेश दिया।
होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाया और चिता पर बैठ गयी। इस दौरान भी भक्त प्रह्लाद अपने आराध्य भगवान विष्णु की पूजा करते रहे। जब चिता में आग लगाई गई तो प्रह्लाद पर भगवान विष्णु की ऐसी कृपा थी कि उस पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा, उल्टे होलिका उस आग में जलकर भस्म हो गई। इसके बाद से होली का त्योहार मनाने का सिलसिला शुरू हुआ और इसीलिए होली से एक दिन पहले होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
निबंध 3: होली का महत्व (200 शब्दों में)
होली हिंदुओं का त्यौहार है जो अत्यंत प्रसिद्ध होने के कारण भारत के साथ-साथ विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है।
यह दिन खुशियां बांटने का होता है इसलिए लोग अपने मित्रों से गले मिलकर होली की मुबारक बात देते हैं। यह भारतीय संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यह उत्सव सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखता है। इस विशेष अवसर पर बच्चे अपने मित्रों संग होली खेलते हैं।
बड़े भी एक-दूसरे के गाल पर गुलाल लगाकर इस अदभुद दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। कई जगहों पर लोग एक जगह इकट्ठा होकर रंग-बिरंगे गुलाल और रंग-बिरंगी पिचकारी से होली खेलते हैं, इस दौरान लोग सफेद कपड़ों में नजर आते हैं।
वृंदावन और मथुरा में तो होली का अलग ही उत्साह देखा जाता है। वहां लोग सप्ताह पहले ही होली खेलना प्रारंभ हो जाता है। कृष्ण की नगरी मथुरा, वृंदावन, ब्रज में प्रत्येक वर्ष होली की धूम लगी रहती है जिसमें सम्मिलित होने के लिए लोग विदेशों से आते हैं।
होली को पूरे भारतवर्ष में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे रंगवाली, उकुली, होली धुलेटी, शिगमो, डोल पूर्णिमा आदि। भारत के महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा आदि राज्यों में होली का त्योहार (Holi festival) धूमधाम से मनाया जाता है।
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