वर्षा ऋतु पर निबंध - Varsha Ritu Par Nibandh In Hindi

बरसात का मौसम किसे पसंद नहीं होता यह सबका पसंदीदा ऋतु है जिसके आने से हरियाली आ जाती है आज इस लेख में हम वर्षा ऋतु पर निबंध - Varsha Ritu Par Nibandh In Hindi पढ़ने वाले हैं, हर ऋतु का अपना एक महत्व है उसी तरह वर्षा ऋतु के बारे में इस लेख में जानेंगे।

वर्षा ऋतु पर निबंध - Varsha Ritu Par Nibandh In Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध - Varsha Ritu Par Nibandh In Hindi


निबंध 1. वर्षा ऋतु पर निबंध 250 शब्द

जबरदस्त गर्मी के बाद हर किसी को वर्षा का इंतजार रहता है, खेत खलिहान पानी के लिए तरसते हैं लोग गर्मी से परेशान होकर एक ही आस लगाए बैठते हैं की बरसात कब आएगी। वर्षा ऋतु सबका प्रिय मौसम है यह जुलाई के महीने से शुरू होकर सितंबर महीने के आखरी तक रहता है। जब पहली बार बारिश होती है तब मानव, जीव जंतु, जंगली जानवर हर कोई चैन की सांस लेता है। वर्षा आने से कठोर भूमि गीली मिट्टी बन जाती है। कुछ दिनों के बरसात से ही आस पास मैदान में घांस और पौधे उगने लगते हैं। मैदान पानी से भर जाता है, वैसे तो वर्षा सबका पसंदीदा ऋतु है लेकिन इससे किसानों को काफी लाभ मिलता है। किसानों को हमेशा बरसात के सुहाने मौसम का इंतजार रहता है। पानी आते ही खेतों की जोताई शुरू हो जाती है और फसल उगाने का काम किया जाने लगता है। बरसात के दिनों में घर से बाहर निकल के देखने से हर तरफ हरियाली छाई रहती है। कुछ दिन तक तो लगातार बारिश होते रहता है। बाहर जाने के लिए छाता लेना पड़ता है, बरसात के दौरान आकाश में कभी कभी सूरज की तेज रौशनी धरती पर पड़ती नजर आती है। इस मौसम में कही कही पर धुंध छा जाती है लेकिन यह दृश्य आंखों को बहुत भाती है। खूबसूरत नजारें पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलते हैं पर्यटक उन जगहों पर तस्वीरें खींचकर कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि सुहाना सफर हमेशा याद रहे। रिमझिम रिमझिम बारिश से जल स्त्रोत लबालब भर जाते हैं।

निबंध 2. वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द

बरसात के दिनों में गर्मी से राहत मिली जाती है इससे ना केवल प्रकृति हरा भरा हो जाता है बल्कि इंसानों का मन भी प्रफुल्लित होता है। वर्षा ऋतु में बरसात की बूंदे हर रोज सुनाई पड़ती है। नदी में बहता पानी का स्तर बढ़ने से जल प्रवाह की ध्वनि कानों में सुनाई देती है। संसार का हर कण आनंदमई हो जाता है आसमान में घने काले बादल मंडराने लगते हैं जो अलग-अलग आकृति बनाए हुए हल्की हवाओं से अपनी दिशा में गुजरते रहते हैं। बच्चे तो बादलों की आकृति देख उसकी पहचान करने में लग जाते हैं।

वर्षा ऋतु का आगमन 

वर्षा ऋतु का आगमन होते ही जंगल में मोर नाचने लगते हैं। खेतों में जल का स्तर बढ़ जाता है। जगह जगह पर गड्ढों में पानी भरा हुआ नजर आ जाता है बच्चे तो उसमें खेलने लगते हैं। इस मौसम के आते ही हमारे किसान भाई अपनी फसल उगाने की तैयारी में जुट जाते हैं। इसी मौसम में कई तरह के वालों को उगाया जाता है। वर्षा ऋतु के आगमन पर जब भूमि गीली हो जाती है तब फलों में पपीता, अनार, केला, सेब, लीची, सीताफल और नाशपाती इत्यादि फलो का उत्पादन किया जाता है। फसलों के उत्पादन के लिए अच्छी वर्षा होना बहुत जरूरी होता है।

वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति पर प्रभाव 

इससे प्रकृति में हलचल होने लगती है बोए गए फसल उगने लगती है होली स्टॉप इस मौसम में तेज बरसात के साथ आसमान पर सात रंगों का इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है। प्रकृति का मनोरम दृश्य इसी मौसम में जगह-जगह पर देखने को मिलता है पहाड़ों के ऊपर सफेद बादल मंडराती नजर आती है। रंग बिरंगी पुष्प खिलते हैं जिन पर तितलियां मंडराती हैं।

निष्कर्ष 

वन के वृक्ष बरसात की वजह से हरे हो जाते हैं। गर्मी में जिन पशुओं, जानवरों को पानी मुश्किल से मिलता था उनके लिए जल आसानी से मिल जाता है वर्षा आते ही तालाब, नदी, झील, नहर, खेत इत्यादि जल निकायों में भरपूर पानी रहता है।

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    निबंध 3. वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द - Varsha Ritu Per Nibandh

    वर्षा ऋतु हर किसी का पसंदीदा ऋतु है, जब तपती गर्मी के बाद बारिश की पहली बूंद धरती पर गिरती है तब ऐसा लगता है मानो प्रकृति को नया रूप मिल गया हो। चारों तरफ हरियाली छा जाती है रंग बिरंगे फूल खिल उठते हैं वन उपवन में हलचल आ जाती है मोर पंख फैलाकर नाचने लगती है। बरसात की पहली बूंद मन में आशा की किरण उत्पन्न करती है किसानों की बंजर भूमि गिरने वाली वर्षा सौंधी खुशबू का अहसास कराती है। भूमि फिर से उपजाऊ बन खेती के लिए तैयार हो जाती है खेतों में पानी लबालब भर जाता है जिसमें हमारी किसान भाई हल चलाकर फसलें बुनते हैं। नदी नालों में पानी के प्रवाह की ध्वनि इसी मौसम में सुनाई पड़ती है।

    मेरे गांव की तालाबों और नहरों में पानी की उछाल आ जाती है खेतों में जल का स्तर ऊपर उठने से लगता है मानो धान की फसल पानी में तैर रहे हों। पुलों के नीचे से सर सर करती पानी की धारा मन को प्रफुल्लित करता है। वर्षा ऋतु में हर कोई छाता ओढ़े नजर आता है। देखते ही देखते सावन का महापर्व आ जाता है रिमझिम बरसात में भक्तजन भगवान भोलेनाथ के दर्शन को जाती है इस समय मौसम सुहाना लगता है श्रद्धालुओं की भीड़ दार्शनिक स्थान में देखी जा सकती है इसी बीच हल्की वर्षा की बूंदों के साथ प्रकृति का सौंदर्य रूप निखर कर हमारे सामने आता है जो मन को उत्साह से भर देता है।

    संध्याकाल में मेंढक के टर टर की आवाज इसी ऋतु में सुनाई पड़ती है। वर्षा ऋतु सबका पसंदीदा ऋतु इसलिए है क्योंकि इससे प्रकृति में रौनक आ जाती है। मुरझाए फूल खिलखिला उठती है। बरसात के दिनों में अधिकतर घरों में पकोड़े बनाए जाते हैं जिसे खाने का अलग ही आनंद है।

    इस मौसम में आकाश में घने काले बादल छा जाते हैं, बादल गरजने लगते हैं, बरसात होती है और बिजली चमकने लगती है। इस समय लोग अपने घरों में रहते हैं वन्य प्राणी पेड़ के नीचे खड़े रहते हैं, पक्षी सुरक्षित अपने घोसले में पनाह लेते हैं। लगातार तेज बारिश से ठंड की अनुभूति होती है।

    सूखे के बाद जब बारिश होती है तो पानी की समस्या दूर हो जाती है क्योंकि जल निकायों में पानी भर जाता है लगातार बारिश से हरियाली आ जाती है खुशनुमा माहौल बन जाता है तो कुछ इलाकों में 24 घण्टे बारिश या बदल फटने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं।

    समाचारों में बादल फटने की खबर अक्सर सुनने को मिलती है जिस इलाके में बादल फटती है वहां एक ही जगह भारी बरसात होती है जिससे बाढ़ आ जाती है कच्चे मकान तहस-नहस हो जाते हैं घरों के अंदर पानी भर जाता है फसलें बर्बाद हो जाती है बाढ़ के दौरान रेस्क्यू टीम की सहायता से बचाव कार्य किए जाते हैं।

    जब वर्षा ऋतु आती है तो गर्मी में राहत दिलाती है, सूखे बंजर भूमि गीली मिट्टी बन जाती है, किसान खेत में अपना हल चलाते हैं खेत को फिर से हरा भरा कर देते हैं, नहरों में बहती पानी का रुख खेतों की ओर करके फसलों की सिंचाई की जाती है, कुंआ, पोखरा, तलाब, नदी, नाले में पानी की कोई कमी नहीं रहती ये ऋतु ऐसा है जिसके आगमन से जल संकट दूर हो जाते हैं।

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