सुबह का प्राकृतिक दृश्य पर निबंध
सुबह का प्राकृतिक नजारा हमें एक अद्भुत अनुभव से भर देता है। जब सूरज निकलता है और आसमान को रंगीन बना देता है, तो हर चीज़ नई ऊर्जा से भर जाती है। सूर्य की किरणें जब पेड़-पौधों पर पड़ती हैं तो वे हरे-भरे दिखाई देते हैं। सूर्योदय के समय उड़ते हुए पक्षी मधुर स्वर निकालते हैं, ऐसा लगता है मानों पक्षी सूर्य का स्वागत कर रहे हों। इस निबंध में हम सुबह के प्राकृतिक दृश्य को बहुत ही सरल शब्दों में व्यक्त करने वाले हैं।
सुबह का प्राकृतिक दृश्य पर निबंध
सुबह जल्दी उठने से शांत माहौल, विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए उचित माहौल देता है। उस समय पंक्षी भी अपने घोंसले में रहती है और जब सूर्योदय होने वाला होता है तो वो पंक्षी अपनी पंखों के साथ गगन में उड़ जाते हैं, सुबह के प्राकृतिक दृश्य में यह भी आंखों को भाता है।
पूर्व दिशा से जब सूरज उगता है तो आकाश में जो लालिमा छा जाती है, वो लगता है जैसे आसमान में किसी ने लाल रंग से चित्रकारी कर दी है। सवेरे सूर्य को आंखों से आसानी से देखा जा सकता है, क्योंकि उस वक्त उसकी रौशनी कम होती है, धीरे-धीरे उसका प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है और उसके किरणों से सारा जग रौशन हो जाता है। रोजाना इसी प्रकार नए दिन की शुरुआत होती है और लोगों में हर दिन नया उत्साह आ जाता है। नए दिन के साथ हमें अपने सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ने का एक मौका मिलता है।
सुबह के प्राकृतिक दृश्य को देखने के लिए जरूरी है, कि हम सुबह जल्दी उठें, जो देर से उठते हैं वो उगता हुआ सूरज नहीं देख पाते, और न ही एक साथ गगन में उड़ते हुए चिड़ियों की चहचहाहट सुनने को मिलती है। हमें प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर अपने महत्वपूर्ण कार्यों को समय देना चाहिए। हम अध्ययन कर सकते हैं, कसरत, योगा कर सकते हैं, या रीनिंग कर सकते हैं। सुबह का माहौल शांत होता है, उस वक्त हम मेडिटेशन भी कर सकते हैं। ठंड के दिनों में आलस आता है, पर यही समय होता है सेहत बनाने का, ठंड के दिनों में सुबह का प्राकृतिक दृश्य देखने लायक होता है, चारों तरफ धुंध छाई रहती है, ओश की बूंदें पेड़-पौधों के पत्तियों पर देखी जा सकती है। शीत ऋतु में भले ही बाकी लोग देर से उठते हों, लेकिन गांव के किसान जल्दी उठकर खेतों की ओर चल पड़ते हैं, फसलों का हाल देखने के लिए। किसान प्रकृति से जुड़ा हुआ होता है।
भोर में सूर्योदय के साथ ही प्रकृति में रौनक आ जाती है, चारों तरफ प्रकाश फैल जाता है और उस प्रकाश की वजह से ही हम पेड़-पौधे, फूल और बगीचों की रंगत देख पाते हैं, जब सूर्य की किरणें पत्तियों पर पड़ती है तो वह हरी-भरी लगती है, वही किरण पुष्पों पर पड़ती है तो वह रंग बिरंगी लगती है। वन-उपवन, समुद्र और नदियों का वास्तविक स्वरूप भी हम सूर्य की प्रकाश की वजह से ही देख पाते हैं, क्योंकि जब सूर्यास्त होता है तो अंधेरा छा जाता है और वृक्ष, नदी, समेत अन्य चीजें प्रकाश के अभाव में अच्छे से दिख नहीं पाते। सुबह के प्राकृतिक नजारे को देखकर मन शांत होता है, हल्की धूप में, ताजी हवा हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है, जो अपने सेहत का ख्याल रखते हैं वो सुबह गार्डन में, या घर की छत पर खुले माहौल में योगा, प्राणायाम और एक्सरसाइज करके खुद को फिट रखते हैं।
भोर के प्राकृतिक दृश्य को देख अदभुद अनुभव होता है। जिनमें सर्वाधिक खास उगता हुआ सूरज देखना है, पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों से उगते हुए सूर्य को देखने का अनुभव अलग होता है, यदि कोई पहाड़ी क्षेत्र में है और वहां से सूर्य को उगता हुआ देखता है तो उसे सूरज पहाड़ के पीछे से उगता हुआ दिखेगा, वनों के निकट कोई गांव है तो वहां के लोगों को वनों के पीछे से उगता सूरज देखेगा और ऐसी जगह भी है जहां ऐसा प्रतीत होता है कि मानों समुद्र के बीच से सूर्य उदय हो रहा हो। एक और दृश्य जो सुबह को खास बनाता है वह है पक्षियों का एक साथ अपने घोंसले से निकलकर आकाश में आकृति बनाते हुए उड़ना, उनकी चहचहाहट कानों को भाती हैं। जब पक्षी रातभर विश्राम करने के बाद सुबह उठकर अपने भोजन की तलाश में चले जाते हैं, तो हमें उनसे सीख लेने चाहिए की हमें भी सुबह जल्दी उठकर अपने कार्यों में लग जाना चाहिए। सुबह के प्राकृतिक नजारे (उगता हुआ सूरज) को देखकर अच्छा महसूस करने के लिए सुबह जल्दी उठना आवश्यक है।
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