परीक्षा का पहला दिन पर निबंध - Essay on First Day of Exam in Hindi

हम सभी ने अपने स्कूल के दिनों में कभी न कभी परीक्षा दी है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही छात्र अगली कक्षा में प्रवेश लेते हैं। इस पोस्ट में आप परीक्षा का पहला दिन पर निबंध पढ़ेंगे जिसमें मैंने अपनी परीक्षा के पहले दिन के बारे में लिखा है।  

परीक्षा का पहला दिन पर निबंध - Pariksha ka Pehla din Essay in Hindi

परीक्षा का पहला दिन पर निबंध - Essay on First Day of Exam in Hindi

प्रस्तावना

सभी विद्यार्थियों को हर एक कक्षाओं के लिए परीक्षा देना आवश्यक होता है। कुछ छात्र परीक्षा का उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं तो कुछ इससे घबरा जाते हैं। परीक्षा का पहला दिन विद्यार्थियों हेतु बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है किंतु छात्र उस दिन यह सोचने लग जाते हैं की एग्जाम में कैसे प्रश्न आयेंगे इससे चिंता होना स्वाभाविक बात है। कई बच्चों के लिए एग्जाम का प्रथम दिन मुश्किल भरा लगता है वो पहले दिन अच्छे से परीक्षा देने के लिए बहुत मेहनत करते हैं, क्योंकि यदि एग्जाम के पहले दिन अच्छे से परीक्षा देंगे तो आगे की परीक्षाओं के लिए स्वतः आत्मविश्वास आ जाता है। प्रश्न-पत्र में किस प्रकार के सवाल आ सकते हैं, छात्र अनुमान लगाकर उसी प्रकार के सवालों के जवाब याद करते हैं। और परीक्षा के प्रथम दिन से पहले सभी प्रश्न - उत्तर दुहराकर पढ़ते हैं ताकि सबकुछ याद रहे। परीक्षा का पहला दिन स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए बहुत अहम होता है और वे अपने एग्जाम प्रिपरेशन कई महीने पहले से ही शुरू कर देते हैं।

परीक्षा के पहले तैयारी

एग्जाम के कुछ दिन पहले का समय ऐसा होता है जिसमें छात्र अपने पढ़ाई पर गंभीरता से ध्यान देने लगते हैं, जैसे-जैसे परीक्षा सामने आती है चिंता बढ़ने लगती है, जितना भी पढ़ा हो, वह भी कम लगता है। मैं चाहता था कि एग्जाम के पहले दिन बहुत अच्छे से एग्जाम दूं ताकि आने वाले अन्य विषयों के परीक्षाओं हेतु मेरा आत्मविश्वास बढ़े और निडर होकर हर विषय में अच्छे से लिखूं, इससे अच्छे अंक मिलने की पूरी संभावना बन जायेगी।

सबसे पहले हिंदी विषय का परीक्षा था इसलिए हम स्कूल में जो भी पढ़ाया गया जैसे पाठ, कविता, व्याकरण आदि, उसे मैंने फिर से दोहराया ताकि पढ़ा हुआ अच्छे से याद रहे और एग्जाम अच्छे से दे सकूं। सुबह जल्दी उठ गया और फिर से कुछ प्रश्नों का उत्तर याद करने लगा। नहा धोकर तैयार होने के बाद नाश्ता किया और माता पिता का आशीर्वाद लेकर, अपने साइकिल से स्कूल के लिए निकल गया। 

मेरे परीक्षा का पहला दिन (First Day of My Exams)

पहले दिन तो हम वक्त से पहले ही स्कूल पहुंच गए इसलिए वहां पर भी कुछ देर पढ़ाई करने लगे और आधे घंटे बाद स्कूल के चपरासी ने घंटी बजाई और सभी छात्र एग्जाम क्लास में चले गए जहां पर अलग-अलग डेस्क में सभी विद्यार्थियों का अनुक्रमांक या रोल नंबर लिखा गया था, सभी अपने रोल नंबर वाले डेस्क में जाकर बैठ गए।

एग्जाम कक्षा मे बैठने के बाद जब प्रश्न-पत्र वितरित किया गया तो मैंने अपने प्रश्न-पत्र के सभी सवालों को देखा और जिसका उत्तर मुझे अच्छे से पता था, मैने सबसे पहले उसे लिखना शुरू किया। हिंदी के प्रश्न-पत्र में पहला सवाल सही विकल्प चुनने का था, उसके बाद कम अंक वाले प्रश्न और फिर ज्यादा अंक वाले प्रश्न थे, पूर्णांक 100 अंक का था। हिंदी विषय में मैंने जो कुछ भी पढ़ा था उसमें से ज्यादातर सवाल प्रश्न-पत्र में आए थे इसलिए मुझे उत्तर लिखने में आसानी हुई।

मुझे जितने भी सवालों के जवाब आते थे उसे मैं लिखता गया। थोड़ी देर में उत्तर पुस्तिका सवालों के जवाब से भर गया तो मैंने नया उत्तर पुस्तिका लिया, और बाकी बचे हुए प्रश्नों के उत्तर लिखता गया। हिंदी प्रश्न पत्र में प्रश्न-उत्तर, कवि परिचय, पत्र लेखन, निबंध आदि थे, जो मैंने अच्छे से लिखे। 

परीक्षा 3 घंटे की थी लेकिन अभी भी 30 मिनट बाकी थे इसलिए मैंने उत्तर पुस्तिका को फिर से जांचना शुरू कर दिया कि कहीं कोई प्रश्न छूट तो नहीं गया है। और मैंने पाया कि वाकई एक 3 अंक का सवाल छूट गया था, क्योंकि उस सवाल का जवाब मैं भूल गया था, लेकिन मुझे पता था कि मैंने उस सवाल का जवाब पढ़ा हुआ था इसलिए मैंने दिमाग पर जोर देते हुए सोचा और मुझे उस प्रश्न का उत्तर याद आ ही गया, मैने फटाफट से उसका जवाब लिखना शुरू किया क्योंकि समय बीत रहा था। तभी स्कूल की घंटी बजी जिसका मतलब था कि परीक्षा का समय समाप्त हुआ, लेकिन तब तक मैं सवाल का जवाब अच्छे से लिख चुका था। सभी छात्रों ने अपना उत्तर पुस्तिका जमा किया और एग्जाम कक्ष से बाहर आ गए।

उपसंहार

परीक्षा के प्रथम दिन मैं सच में घबरा गया था, क्योंकि क्या पता कौन सा प्रश्न आ जाए, लेकिन मैने हिंदी विषय अच्छे से पढ़ा हुआ था इसलिए ज्यादातर पढ़े हुए सवाल ही आए जिससे में अच्छे से परीक्षा दे पाया। पहले दिन का पेपर अच्छा गया इसलिए मेरा आत्मविश्वास और बढ़ गया और मैं आने वाले परीक्षाओं की तैयारी करने लगा। तो इस प्रकार था मेरे परीक्षा का पहला दिन।

सभी विद्यार्थियों को परीक्षा के प्रथम दिन चिंता लगा रहता है लेकिन अगर एग्जाम से कुछ महीने पहले ही गंभीरता से अध्ययन शुरू किया जाए तो बहुत सारे सवालों के जवाब याद हो जायेंगे, हर दिन गणित के सवालों को हल करने का अभ्यास करने से वो भी आसान लगेगा, जिससे परीक्षा के दिन कोई चिंता और डर नहीं होगा। हमें स्कूल के पहले दिन से ही परीक्षा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

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