विज्ञान के आविष्कार पर निबंध - Vigyan Ke Avishkar Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम विज्ञान के आविष्कार पर निबंध पढ़ेंगे, हम सब चारों ओर से विज्ञान से घिरे हुए हैं, हमारा फोन, घर का लाइट, पंखा, कूलर, TV, फ्रिज, वाशिंग मशीन यहां तक कि टेबल, कुर्सी भी विज्ञान की ही देने हैं, आएंगे Vigyan Ke Avishkar के बारे में अधिक जानते हैं।

विज्ञान के आविष्कार पर निबंध - Vigyan Ke Avishkar Par Nibandh

विज्ञान के आविष्कार पर निबंध - Vigyan Ke Avishkar Essay in Hindi

विज्ञान के आविष्कारों में मानव जीवन को बहुत सुविधाजनक और आसान बना दिया है। पानी को विज्ञान के आविष्कार ऑन का नमूना हमारे चारों तरफ देखने को मिल जाता है। जल, थल और आकाश में भी विज्ञान का अद्भुत करिश्मा नजर आता है। 

सड़कों पर चलती गाड़ियां, समुद्र पर चलती पानी जहाज, और वायु मार्ग में उड़ती हुई हवाई जहाज आदि विज्ञान की देन है। विज्ञान ने अब तक कई आविष्कारों से दुनिया के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। क्या कोई सोच सकता था कि इंसान कभी वायु मार्ग से सफर कर सकेगा, जलमार्ग से यात्राएं कर सकेगा या तरह तरह के वाहनों पर सवार होकर एक शहर से दूसरे शहर कुछ घंटों में पहुंच सकेगा, यह सब कल्पनाएं असंभव सी लगती थी परंतु आज यह ठोस सत्य बनकर हमारे सामने है।

विज्ञान ने सदियों से नई-नई चीजों का आविष्कार किया है और निरंतर करता जा रहा है। इसने लोगों को इतनी ज्यादा सहूलियत दे दी है कि आज मनुष्य विज्ञान द्वारा प्रदत्त चीजों का इस्तेमाल किए बिना जीवन जीने का सोच भी नहीं सकता। आसपास हम जितनी भी चीज देखते हैं उसमें विज्ञान छुपा होता है चाहे वह बल्ब हो, चलता हुआ पंखा, टेलीविजन, मोबाइल फोन, साइकिल, कार, बस, ट्रेन, शिप, एयरप्लेन और अनेक प्रकार की टेक्निकल चीजें आदि विज्ञान द्वारा विकसित किया गया है।

किसी भी चीज़ के बारे में जानने की जिज्ञासा और उससे जुड़ी ठोस जानकारी हासिल करना और उस जानकारी से कुछ साबित करना ही विज्ञान कहलाता है। थॉमस अल्वा एडिसन ने भी अपनी जिज्ञासा के अनुरूप शोध कार्य और खोज करते गए और उनके मस्तिष्क में बल्ब बनाने का ख्याल आया, अनेक बार असफल होने के बाद उन्होंने अंततः बल्ब का अविष्कार करके दिखाया। बल्ब को भी हम विज्ञान की एक भेड़ की तरह देख सकते हैं, अंधेरे में रोशनी के लिए आज हर घर में बल्ब का उपयोग किया जाता है।

विज्ञान मनुष्य को कुछ सीखने और कुछ बनाने का अवसर प्रदान करता है। अपनी सोच के अनुसार चीजों का आविष्कार करना भी विज्ञान का एक हिस्सा है। आज हम उस मॉर्डन युग में जी रहे हैं जहां आनंददायक जिंदगी जीने के लिए अनेक संस्थान उपलब्ध हैं, घरों में वो सारी चीजें जैसे उपलब्ध हैं जो कार्यों को सरल एवं सुलभ बनाते हैं।

व्यक्ति के साथ में मोबाइल किसी जादुई चीज से कम नहीं है, इसमें अनेकों सुविधाएं जो काम को कई गुना आसान बनाती है। हम मोबाइल से मूवी देखने अथवा यात्रा करने के लिए घर बैठे टिकट बुक कर सकते हैं।

उसमें गाने सुन और वीडियो देख सकते हैं। यह मनोरंजन का अच्छा माध्यम भी बन गया है इसमें हम वीडियो कॉलिंग के जरिए दूसरे शहर या दूसरे किसी देश में रहने वाले व्यक्ति के साथ बातें कर सकते हैं।

जब अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार तो उनके इस अदभुद आविष्कार ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया। यह संचार की दुनिया में विज्ञान का पहला ऐसा कदम सिद्ध हुआ जिसने आज के आधुनिक युग में स्मार्टफोन के सपने को साकार कर दिया।

मार्टिन कूपर ने सन 1973 में पहला मोबाइल फोन बनाया उसके बाद आज मोबाइल हर इंसान की जरूरत बन गई है, स्मार्टफोन विक्रेताओं द्वारा नए-नए मॉडल के स्मार्टफोन भेजे जाते हैं और ग्राहक अपने जरूरत के हिसाब से स्मार्टफोन खरीदते हैं।

90 के दशक में ज्यादातर कीपैड वाली मोबाइल फोन का इस्तेमाल उपयोगकर्ताओं द्वारा बातचीत करने हेतु किया जाता था लेकिन अब कीपैड के अलावा स्मार्टफोन भी आ गए हैं। ज्यादातर मोबाइल उपयोग करता हूं द्वारा अपने लिए स्मार्टफोन का चुनाव किया जाता है जिसमें कई सुविधाएं मिलती है जो रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत काम आती है। अब स्मार्टफोन के माध्यम से फूड ऑर्डर करना, ऑनलाइन शॉपिंग करना, मोबाइल रिचार्ज और किसी भी प्रकार का बिल भुगतान करना बिल्कुल संभव हो गया है।

आविष्कारों के सिलसिले में टेलीविजन के आविष्कार ने भी लोगों को चकित करके रख दिया था, उस समय जब टीवी का अस्तित्व नहीं था, ऐसी किसी चीज़ की कल्पना करना व्यर्थ लगता था जो हमें घट रही घटनाओं के बारे में सूचित कर सके, लेकिन जॉन लॉजी बेयर्ड के कठिन प्रयासों ने इसे एक ठोस सच्चाई बना दिया और दुनिया को एक अनोखा उपहार दिया जो आज समाचार प्रदाता और मनोरंजन का एक अच्छा साधन भी है।

विज्ञान ने तकनीक को आम लोगों तक पहुंचने का काम किया आज हर व्यक्ति के पास खुद का स्मार्टफोन है, वह कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा है और डिजिटल रूप से जरूरी कार्यों को पूरा कर रहा है।

आधुनिक उपकरणों ने मनुष्य के कार्यों में तेजी लाई है, जहां मनुष्य बैंक जाकर अपने अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेजता था, वही आज व्यक्ति अपने मोबाइल से किसी दूसरे अकाउंट में कुछ सेकंड में ही पैसे भेज देता है इससे बहुत सारा टाइम बच जाता है।

विज्ञान से घिरे होने के कारण आज का मनुष्य सुबह उठते ही टेक्निकल चीजों का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। लोग उठने के साथ ही मोबाइल फोन पर मैसेज चेक करने लगते हैं, खाना खाते हुए टीवी पर सीरियल देखते हैं, पढ़ाई करते हुए भी बीच-बीच में फोन का नोटिफिकेशन चेक करते हैं, और बिना मोटरसाइकिल चलाए कुछ दूर भी चलकर नहीं जा पाते।

आज का मनुष्य विज्ञान द्वारा बनाए गए उपकरणों में उलझ गया है आधुनिक उपकरणों पर पूरी तरह निर्भर होने के कारण वह बगैर उन चीजों के कोई काम नहीं कर सकता। पहले मां बच्चों को खाना बनाना सिखाती थीं पर अब बच्चे मोबाइल में इंटरनेट के माध्यम से रेसिपी देखकर व्यंजन बनाना सिखाते हैं।

विज्ञान के आविष्कारों ने पूरी दुनिया को छोटी से छोटी और बड़ी सी बड़ी चीज मुहैया कराई है। चीजों के उत्पादन हेतु अलग-अलग मशीनों का आविष्कार हुआ, मशीनों की सहायता से चीजों का उत्पादन करने के लिए कारखाने का निर्माण हुआ, और कारखानों के चलने से, उसमें से निकलने वाला हानिकारक धुआं वायुमंडल में मिलता गया, परिणाम स्वरूप वातावरण प्रदूषित हो गया जो अब मनुष्यों, जंगली जीवों, और पेड़ पौधों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।

भविष्य में विज्ञान द्वारा कई आविष्कार होंगे जो तकनीकी को और विकसित करके रख देंगे, मनुष्य और अधिक टेक्निकल चीजों का उपयोग करना शुरू करेगा, लेकिन व्यक्ति को यह स्मरण में रखना होगा की आविष्कार किए गए चीजों पर पूरी तरह निर्भर ना हो, हम इंसान हैं और हमें दूसरे इंसानों से मिलकर बातचीत करनी चाहिए, यदि हम मोबाइल उपकरणों के माध्यम से बातचीत करेंगे तो उसमें से निकलने वाली हानिकारक रेडिएशन हमें नुकसान पहुंचा सकती है।

विज्ञान में कई ऐसी चीजों का आविष्कार किया है जिसने इंसानों को बहुत लाभ पहुंचाया है, इसके अतिरिक्त हानिकारक विस्फोटकों का भी आविष्कार हुआ जिनके फटने से बहुत बड़ा विध्वंस हो सकता है। विज्ञान द्वारा प्रदत्त समस्त चीजों का यदि मनुष्य सदुपयोग करेगा, तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन यदि विज्ञान के माध्यम से बनाए गए चीजों का दुरुपयोग किया गया तो इसका परिणाम भयंकर हो सकता है। इसलिए हम सभी को विज्ञान के आविष्कार का उचित तरीके से उपयोग करना चाहिए।

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