उल्लू पर निबंध – Essay on Owl in Hindi

नमस्कार मित्रों आज के इस लेख में हम उल्लू पर निबंध – Essay on Owl in Hindi पढ़ने वाले हैं। उल्लू पहाड़ी इलाकों में, जंगलों और बड़े पेड़ों पर निवास करते हैं, वे रात में देख सकते हैं इसलिए अपना शिकार रात को करते हैं। उल्लू बुद्धिमान चिड़िया है जो अकेले में ही अपने मजबूत पंजे का इस्तेमाल करके शिकार कर लेता है।  

उल्लू पर निबंध – Essay on Owl in Hindi 

उल्लू पर निबंध – Essay on Owl in Hindi


उल्लू एक ऐसा पक्षी है जो रात में स्पष्ट रूप से देखने में सक्षम होता है। जब रात्रि काल में अन्य जानवर, पक्षी और मनुष्य सोते हैं तो यह जागता है इसकी नजर और कान तेज होने की वजह से यह अपने शिकार को जरा सी हलचल से पहचान लेता है। उल्लू के दो आँखें, एक झुकी हुई चोंच, दो पैर और दो पंख होते हैं आमतौर पर इसके शरीर का रंग भूरा और सफेद होता है। 

इस पक्षी के दुनिया में करीब 225 प्रजातियां पाई जाती है जैसे ओरिएंटल बे उल्लू, बर्फीला उल्लू, ऑस्ट्रेलियाई बूबुक, ग्रेट ग्रे आउल, लाफिंग आउल, बफ़-फ्रंटेड उल्लू, लिटिल आउल आदि। अलग-अलग प्रजातियों के उल्लू में रंग, आकार, आवाज, और जीवनशैली में विभिन्नताएँ पाई जाती हैं।

उल्लू अपने भोजन के तौर पर चूहा, सांप, छिपकली, मछलियाँ, मेंढक, कीड़े मकोड़े आदि जंतुओं को खाता है इसकी शारीरिक बनावट अन्य पक्षियों से थोड़ा अलग प्रतीत होता है, आगे से देखने पर इसका मुख गोल दिखता है। यह अपनी गर्दन को लगभग चारों तरफ घुमाने में सक्षम होते हैं।

आसपास उल्लू बहुत कम दिखता है, यह विश्व के अलग-अलग स्थान पर पाए जाते हैं। जंगलों के बड़े वृक्षों जैसे पीपल, बरगद आदि पर ये अपना डेरा डालते हैं, रेगिस्तानी, ठंडी, खुले मैदानों और पहाड़ी इलाकों में भी ये पाए जाते हैं।

इनका शरीर विभिन्न वातावरण के अनुकूल ढल जाता है इसलिए यह उत्तरी गोलार्द्ध के ठंडे जगहों में भी रह सकते हैं। उल्लू के कान बेहद संवेदनशील होने के कारण वह दूर की आवाज को सुन और अपने शिकार को आसानी से पहचान सकता है।

मांसाहारी पक्षी होने के कारण उल्लू भोजन हेतु अन्य जीवों पर निर्भर रहता है। इसके मजबूत नुकीले पंजे जीवों का शिकार करने में सहायक होते हैं। उल्लू रात में स्पष्ट देखते हैं लेकिन इसके कुछ प्रजातियों में दिन में देख पाने का गुण पाया जाता है। जंगलों और पेड़ों में रहने के अलावा यह पुराने इमारतों में निवास करते हैं। एक उल्लू 25 से 30 साल तक जीवित रह सकता है।

एक बार में मादा उल्लू 3 से 6 अंडे देती है और अण्डे को सेने में 29 दोनों का समय लगता है। इसके अंडे आमतौर पर सफेद और गोलाकार होते हैं। उल्लू के बच्चे (baby owls) अंडे से निकलकर बहुत ही कम समय में उड़ना सीख जाते हैं।

उल्लू पक्षियों में अलग शारीरिक संरचना रखता है जो लोगों को आकर्षित करता है। ज्यादातर पक्षियाँ अपने झुंड के साथ उड़ना पसंद करते हैं लेकिन उल्लू ऐसा पक्षी है जो झुण्ड में ना रहकर अकेला रहना पसंद करता है। इसे मां लक्ष्मी का वाहन भी माना जाता है और अगर ये कहीं दिखे तो इसे शुभ संकेत माना जाता है हालांकि कुछ लोग इसे अशुभ भी मानते हैं। 

उल्लुओं को मरना, शिकार करना या किसी तरह से हानि पहुंचाना दंडनीय अपराध है। वन संपदा एवं वृक्षों की लगातार कटाई से उल्लुओं की संख्या में कमी आ रही है इसलिए उसका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है।

उल्लू पर निबंध 10 लाइन – 10 Lines on Owl in Hindi 

  1. उल्लू बुद्धिमान पक्षी है जो दिन में सोता और रात को जागता है।
  2. यह मांसाहारी पक्षी है और इसलिए चूहा, सांप, मछलियाँ, मेंढक, कीड़े आदि को खाकर अपना पेट भरता है।
  3. इसके विश्वभर में 200 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं इसके विभिन्न प्रजातियों के गुणों में कुछ अंतर भी पाया जाता है।
  4. कुछ उल्लू दिन में भी देख पाते हैं किंतु स्पष्ट रूप से केवल रात में ही देखते हैं।
  5. अलग-अलग हिस्सों में ये पाए जाते हैं यहां तक कि बर्फीली जगहों पर भी।
  6. यह विशाल पेड़ों के खोह, चट्टानी इलाकों और पुराने खंडहरों में भी रहा करते हैं।
  7. इसकी उम्र 30 साल तक की होती है।
  8. यह 3 से 6 अंडे देती है और उसके बच्चे बहुत जल्दी घोंसला छोड़कर उड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  9. उल्लू घरों के आसपास बहुत कम देखे जाते हैं। ये घने जंगलों और बरगद पेड़ों में डेरा डालते हैं। इसका विशेष गुण यह है की ये पक्षी नीले रंग को पहचान लेता है।
  10. उल्लू का सिर बड़ा होता है और आंखें भी बड़ी होती है। इसकी शारीरिक बनावट अन्य पक्षियों से अलग होता है।

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उल्लू को अंग्रेजी में Owl (आउल) कहा जाता है यह दुनिया के अलग अलग हिस्सों में पाए जाते हैं। आपने इस आर्टिकल में उल्लू पर निबंध – Essay on Owl in Hindi पढ़ा, उम्मीद है की इस लेख से आपको उल्लू या आउल बर्ड के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा, इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

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