भारतीय किसान पर निबंध - Bhartiya Kisan Par Nibandh in Hindi

किसान और उगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उनके बदौलत ही दुनिया के लोगों को अलग-अलग अनाज जैसे चावल दाल आदि खाने को मिलता है। किसान वह है जो तेज गर्मी के बाद पहली बारिश आते ही अपने खेत में हल चलाता है और अनाज बोता है समय-समय पर उसकी देखभाल करता है और अंततः खेत हरा भरा हो जाता है और उसमें अनाज उग आते हैं। खेती किसानी करके वह अपनी और अपने परिवार के सभी सदस्यों का पेट भरता है।

किसान के खाने-पीने की व्यवस्था उसकी खेती व्यवसाय से हो जाती है, वह न केवल अपने परिवार का पेट भरता है, बल्कि उगाए गए अलग-अलग प्रकार के अनाजों को बड़े-बड़े मंडी में ले जाकर उचित मूल्य पर भी बेचता है। और उसके बाद उस अनाज को अलग-अलग जगह पर भेजा जाता है, उन्हीं अनाजों को बाजारों में बेचा जाता है जिसे लोग खरीदते हैं और उसका भोजन बनाकर खाते हैं, इस प्रकार किसान लोगों के पेट भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

किसान परिश्रमी होता है जो ठंड और बारिश के समय भी खेत में काम करता है, इस लेख में हम भारतीय किसान पर निबंध - Bhartiya Kisan Par Nibandh in Hindi पढ़ेंगे और किसान के जीवन के बारे में चर्चा करेंगे, आइए इस लेख को प्रारंभ करते हैं।

भारतीय किसान पर निबंध - Bhartiya Kisan Par Nibandh in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध - Bhartiya Kisan Par Nibandh in Hindi

प्रस्तावना

किसान है तो हम सबको भोजन नसीब होता है। पूरी दुनिया के लोगों द्वारा किसानों द्वारा उत्पादित भोज्य पदार्थ का सेवन किया जाता है। छोटे या बड़े देश को वहां की जितनी भी आबादी है वह खाद्य पदार्थ जैसे अनाज दाल इत्यादि के लिए किसानों पर ही निर्भर होते हैं। 140 करोड़ भारतीयों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में कहीं ना कहीं भारतीय किसानों का बहुत बड़ा योगदान है जो कठिन परिश्रम करके खेतों में अनाज उठना है और उसे शहरों में, मंडी में या बाजारों में ले जाकर बेचता है और लोग उसे उसका मूल्य देकर खरीदते हैं। किसानों के लिए अनाजों व् सब्जियों की खेती करना, उनके लिए आजीविका का एक साधन है अलग-अलग सब्जियों को बाजार में उचित मूल्य पर बेचकर वह आए कमाते हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।

अनाज उगाने में किसान की भूमिका

भारत की लगभग 70% जनसंख्या कृषि कार्य से जुड़ा हुआ है। वे खेती किसानी करके जीवन यापन करते हैं यही कारण है कि भारत कृषि प्रधान देश है। अजान या अन्न उगाने में किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धान, गेहूँ, मक्का, बाजरा, गन्ना जैसे मुख्य फसलों को उगाकर उसे देश के कोने कोने तक पहुंचाने में भारतीय किसानों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। 

किसान बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर उसमें विभिन्न किस्म के फसलों को उगाकर खेतों में हरियाली फैला देता है। गांवों में ज्यादातर घरों के लोग कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं और परिवार के सदस्यों द्वारा मिलकर खेती की जाती है, ग्रामीण क्षेत्रों के किसान बहुत मेहनती होते हैं। 

वे अपने खेत में काम करने के साथ साथ अपने आस पड़ोस के लोगों के खेतों में भी रोपा लगाते समय और धान की कटाई करते समय सहयोग करने से पीछे नहीं हटते। बारिश का मौसम आते ही किसान खेतों में हल चलाना शुरू कर देता है। वह धान की बोरी ढोकर खेत के पास ले जाता है और जोते हुए खेत में उस धान को छिड़ककर उसकी बुनाई करता है, कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करने पर उसमें से नया फसल उगने लगता है, कुछ ही महीनों में खेत हरा-भरा होकर लहलहाने लगता है।

इसी तरह से किसान अलग-अलग तरह के अनाज को खेतों में बोकर उगाता है और उससे फसलों का अच्छा उत्पादन करता है। भारतीय किसानों द्वारा उगाई गई फसलों से ही देशवासियों को अच्छे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति होती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान 

भारत की अर्थव्यवस्था में भी कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। इतना ही नहीं, यहां की आधी आबादी रोजगार हेतु कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है। किसान अलग-अलग प्रकार के अनाज सब्जियों को उगाकर शहरों में ले जाकर बेचता है और मुनाफा कमाता है। कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा जीडीपी में लगभग 15% का योगदान दिया जाता है। पहले के समय से यह थोड़ा घटा है, लेकिन अगर 1950 के दशक की बात करें तो उस समय भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान करीब 53% तक होता था लेकिन अब यह 15% हो गया है।

आधुनिक अर्थव्यवस्था में किसान अपना योगदान निरंतर दे रहा है वह फसलों का उत्पादन करके अनाजों को आपूर्ति कर रहा है। और हर कोई खाने पीने के लिए अनाजों पर ही तो निर्भर है तो हम कह सकते हैं कि दुनिया भर में जो लोग खाने-पीने की चीजों का सेवन करते हैं उसमें किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है, उसी ने बीज बोकर अनाज उगाए और लोगों के लिए उपलब्ध कराया। 

बेशक, इंडियन इकोनॉमी में किसानों का योगदान महत्वपूर्ण एवं प्रशंसनीय है परंतु इसके बावजूद भी भारत के किसान मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र के किसान को इससे ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा, इसी कारण उन्हें कृषि के अलावा अन्य कार्यों में भी शामिल होना पड़ता है, कई बार घर की खर्चों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कार्य जैसे मजदूरी भी करना पड़ता है और कभी-कभी गांव का किसान अच्छी कमाई के लिए अपने गांव से शहरों की ओर रुख करने लगता है। 

हमारे समाज की रीढ़ कहे जाने वाले किसान आज के आधुनिक युग में समाज की सुख-सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए शहरों में काम की तलाश कर रहे हैं और मजदूर के रूप में काम करने के लिए विवश हैं।

किसानों का महत्व

किसानों का हमारे समाज में बहुत बड़ा महत्व है, जो अपनी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप हमें वो सभी भोजन उपलब्ध कराते हैं, जिसे हम अपना पेट भरने के लिए खाते हैं। दुनिया में रहने वाले लोगों को जीने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है और उस भोजन का उत्पादन हमारे किसान भाई फसलों के माध्यम से करके हमें उपलब्ध कराते हैं।

छोटे-बड़े सभी देशों की आबादी भोज्य पदार्थों के लिए किसानों पर निर्भर हैं क्योंकि वे ही अन्न उगाकर हमारे लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं। किसान चावल, दाल, गेहूँ, गन्ना, मक्का, बाजरा, मूँगफली आदि फसलों को उगाता है और हमें उपलब्ध कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है।

बाजारों में विभिन्न प्रकार की सब्जियां मिलती है जैसे आलू, बैंगन, टमाटर, प्याज, पालक, कद्दू, लौकी, भिंडी, मूली, करेला, शिमला मिर्च, फूलगोभी आदि। ये सारी सब्जियों को किसानों द्वारा ही उगाया जाता है और उसे बाजारों में बेचा जाता है जिसे लोग खरीद कर अपने घर लाते हैं और उसे पका कर खाते हैं।

चावल, दालें, गेहूं, गन्ना इत्यादि भारत के प्रमुख फसलें हैं और इनका उत्पादन हर साल भरपूर किया जाता है। भारत की अधिकांश जनसंख्या चावल खाकर अपना पेट भरती है, क्योंकि यह भारत का मुख्य आहार या भोजन है। पश्चिम बंगाल को भारत के सबसे अधिक चावल उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है।

किसान फलों की खेती भी करते हैं। फलों और अनाजों की खेती करने के दौरान उन्हें उनका ख्याल रखना अच्छे से आता है वे समय पर सब्जियों, फलों में पानी देते हैं ताकि फल व् सब्जियों के पौधे ताजा रहे। फसलों के बारे में किसान अच्छे जानकार होते हैं, इसलिए वे बंजर भूमि में हल चलाकर और उसमें उचित मात्रा में खाद डालकर उसे उपजाऊ बना देते हैं और बीज बोकर उसमें फसल उगाते हैं। किसान विभिन्न प्रकार की फैसले उगाते हैं और दुनिया भर के लोगों को भोजन उपलब्ध कराते हैं। 

भारत में किसानों की स्थिति -

कृषि ऐसा व्यक्ति होता है जो तरह-तरह के अनाज, फल, सब्जी आदि उगाता है और उसे देशवासियों के लिए उपलब्ध कराता है। भारत को कृषि प्रधान देश बनाने में किसानों का बहुत ही बड़ा योगदान है जो हर साल खेती करके भारतीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रहे हैं।

परंतु वर्तमान समय में भारतीय किसानों की स्थिति अत्यंत गंभीर एवं दयनीय है। उनका जीवन कठिन और कष्टदाई तरीके से बिकता है वह जरूरी चीज खरीद पाने से वंचित हो रहे हैं। पर्याप्त धन का अभाव हो रहा है जिस कारण कृषि कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्यों जैसे मजदूरी आदि करके वह गुजर बसर कर रहा है।

कई बार स्थिति इतनी नाजुक हो जाती है कि पर्याप्त पैसे नहीं होने के चलते हुए अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ा लिखा नहीं पाते। अनुचित मानवीय गतिविधियों के कारण जो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या आ खड़ी हुई है इसमें भी किसानों की स्थिति को खराब करके रखा है।

ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी को प्रभावित करता है और मौसम में बदलाव ला देता है जिस कारण जहां वर्षा होनी चाहिए वहां सूखे जैसे हालात बन जाते हैं। कई बार ढंग से बारिश ना होने से फसल अच्छा नहीं होता, इससे भी किसान को नुकसान झेलना पड़ता है।

खेती का एक मौसम होता है और उस मौसम में फसल उगने के लिए पर्याप्त बारिश होती है, लेकिन वर्तमान में कई बार मौसम में देरी हो जाती है और समय पर बारिश नहीं होती और फसल खराब हो जाती है। किसान जब अनाजों को बेचता है तो उसे उचित दाम नहीं मिलता है यह भी उनकी स्थिति खराब होने का एक कारण है। किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्हें खेती के लिए आधुनिक उपकरण व् संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए जिससे वह कम परिश्रम के अधिक फसलों का उत्पादन कर सकता है।

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi)

भारत सरकार ने किसानों के हित के बारे में सोचते हुए "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि" योजना शुरू की जो एक ऐसा पहल है जिससे हमारे किसान भाइयों को हर साल ₹6,000 रूपये दिए जाते हैं। इस योजना के शुरुआत साल 2019 में हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य भारत के भूमि धारक किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। कृषि को आय सहायता प्रदान करने से हमारे किसान भाइयों को उनकी ज़रूरतें पूरी करने में मदद मिलती है।

भारतीय किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अलावा और कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुधन बीमा योजना, और किसान क्रेडिट कार्ड योजना।

किसानों के सामने आने वाली मुख्य समस्यांए

किसान एक ऐसा व्यक्ति है जो आत्मनिर्भर होकर कृषि कार्य करता है। मेहनत करके पसीना बहाता है लेकिन आज भारत की किसान की हालत ठीक नहीं है। खेती के दौरान कई समस्याएं आ खड़ी होती है, ग्लोबल वार्मिंग के चलते पर्याप्त बारिश हो नहीं पाती जो फसलों के भारी नुकसान का कारण बनता है।

हमारे देश में विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति हुई है लेकिन कृषि क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है। यही कारण है कि आज किसान गरीबी में जीवन जीने को विवश हैं। उनके पास कृषि कार्य में निवेश करने के लिए पर्याप्त पूंजी भी उपलब्ध नहीं है।

सोचिए, ऐसी स्थिति में किसान भला कैसे खेती के लिए खाद, बीज, आदि जरूरी चीजों का प्रबंध कर पाएगा? ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो पर्याप्त पूंजी ना होने के कारण खेती हेतु उपयोग किए जाने वाले आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।

इसलिए किसान स्वयं ही अधिक परिश्रम करके खेतों में हल चलाता है, उसमें फसल बुनता है, फसल पकने पर उसकी स्वयं कटाई करता है, और खुद ही मिसाई करता है और अनाज प्राप्त करता है। इस प्रकार भारतीय किसान (Indian farmer) फसलों का उत्पादन करने के लिए बहुत ज्यादा श्रम करते हैं।

ज्यादातर जगहें ऐसी है जहां पर, जल की कमी है। इसलिए वहां के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो पाता, और उनके फसलों को नुकसान पहुंचता है। किसी भी प्रकार की खेती के लिए समुचित सिंचाई की सुविधा होना बहुत जरूरी होता है। लेकिन आज भी कई हिस्सों में जल का उचित प्रबंध नहीं होने के चलते, किसान स्वयं दूर से पानी लाकर फसलों में डालते हैं ताकि फसल अच्छा हो। एक किसान उसके सामने आने वाली ऐसी कई चुनौतियों का सामना करके हम सबके लिए अनाज उगाता है और सबके लिए उपलब्ध कराता है।

किसानों के समक्ष आने वाली समस्या का समाधान

खेती करते समय, किसानों को जो समस्याएं आती हैं, उनके निवारण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, ताकि भारतीय किसान फसलों का अधिक उत्पादन कर सके और बाजारों में फलों, सब्जियों, और अनाजों की मांग के अनुसार लोगों को उसकी आपूर्ति कर सके।

विभिन्न फसलों का उत्पादन -

यदि किसानों द्वारा विभिन्न फसलों का उत्पादन किया जाए जैसे केवल धान की फसल के बजाय अन्य फसलों को भी उगाया जाए, सब्जियों और फलों की खेती की जाए तो उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बाजार में अनाजों को उचित मूल्य पर बेचना -

अगर किसान अलग-अलग प्रकार के अनाज और फलों का उत्पादन करके उसे नजदीकी या शहरों के बाजारों में ले जाकर उचित मूल्य पर बेचे तो इससे वह अच्छी कमाई करेगा और उसके आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा, और उसकी जो भी कमाई होगी उससे वह खेती बड़े पैमाने पर करके और अधिक कमाई कर सकता है।

कृषि में आधुनिकीकरण  -

कृषि में आधुनिकरण आने के पश्चात चीज आसान हो चुकी है अब यदि युवा पीढ़ी किसी कार्य सीखना चाहे तो अपने स्मार्टफोन द्वारा उसकी संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकता है। कृषि शिक्षा के लिए टेलीविजन पर कार्यक्रम भी प्रसारित किए जाते हैं जो मुख्य रूप से कृषि से जुड़े लोगों के लिए होते हैं।

कृषि में आधुनिकरण से, फसल उगाने से लेकर उसकी कटाई तक सारा काम मशीनों द्वारा किया जाने लगा है, कृषि कार्य को सरल बनाने हेतु अलग-अलग मशीनों का आविष्कार हुआ है जो खेती के दौरान किसानों के श्रम को बचाने का काम करते हैं और कम मेहनत में अधिक उत्पादन करने में उनकी सहायता करते हैं इसलिए आज के समय में कृषि क्षेत्र में आधुनिकरण को अपनाना चाहिए।

कृषि हेतु आधुनिक उपकरणों का उपयोग -

आधुनिक उपकरणों की मदद लेकर किसान कम परिश्रम करके भी अधिक से अधिक फसलों का उत्पादन कर सकता है। जहां पहले किसान बैलों और लकड़ी के हाल की सहायता से खेतों की जुताई करता था वहीं अब ट्रैक्टर के माध्यम से यह कार्य बहुत आसान हो गया है।

फसल रोकने वाली मशीन भी आ गई है जिसे "सीडर" कहा जाता है यह आसानी से फसलों को रोपता है। इतना ही नहीं अब तो किसानों के काम को आसान बनाने के लिए फसल काटने वाली "हार्वेस्टर" मशीन भी आ गई है जो काफी फास्ट होने की वजह से मानव की तुलना में काफी जल्दी फसलों की कटाई कर लेता है।

इसी तरह रोटावेटर, डिस्क हैरो, स्प्रेयर जैसे मशीनें भी हैं जो किसानों के काम को बेहद आसान बना देते हैं और कम मेहनत में भी अच्छी फसल उगाने में मदद करते हैं।

सिंचाई हेतु बेहतर जल प्रबंधन -

खेती करते समय सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होना बहुत जरूरी है, तभी फसलों की पैदावार अच्छी होगी। कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल प्रबंधन पर ध्यान देना जरूरी है। इससे हम जल संकट से निपट सकते हैं, जल स्रोतों का समुचित उपयोग कर सकते हैं और जहाँ आवश्यकता हो वहाँ आसानी से जल की आपूर्ति कर सकते हैं।

फसल बीमा की आवश्यकता -

अगर किसान अपनी मेहनत से उगाए गए फसल को किसी कारण से को देता है तो अगर उसने फसल बीमा कराया है तो उसे उसे नुकसान के बदले कुछ मुआवजा प्रदान किया जाता है। इससे फसल के नुकसान होने पर भी किसान को अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती। फसल बीमा किसानों को उनकी फसल में होने वाली समस्याओं के समय पर आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।

कृषि शिक्षा है महत्वपूर्ण -

अगर किसानों को कृषि से संबंधित शिक्षा प्रदान किया जाए तो वे अपनी फसलों में विविधता लाकर अलग-अलग प्रकार की फसलें उगाएंगे और इस तरह से किसान अलग-अलग फसलों से आय कर सकेगा।

फसल चक्र में शामिल प्रक्रियाओं में फसल को बोना, उगाना, पानी देना, कीटनाशकों से फसल की रक्षा करना, फसल को पकाना और कटाई करना शामिल है। कृषि शिक्षा के माध्यम से इन सभी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जा सकता है और अधिक उत्पादन किया जा सकता है।

कृषि शिक्षा के माध्यम से किसान न केवल फसलों का अधिक उत्पादन कर सकता है बल्कि नवीनतम कृषि तकनीकों को भी सीख सकता है। इससे वे प्राकृतिक संसाधनों का उचित और विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना सीखते हैं जिससे पर्यावरण संरक्षण  होता है।

निष्कर्ष

समाज में कृषि अथवा किसान का होना अत्यंत आवश्यक है उसी की बदौलत हम सबको भोज्य पदार्थ उपलब्ध हो पता है। किसानों के बिना दुनिया में भुखमरी जैसे हालात बन सकते हैं क्योंकि जो हम अपना पसंदीदा भोजन करते हैं उनके उत्पादन में किसानों का ही हाथ है। देश के अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में किसानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

खेती या कृषि कार्य, जिसमें बहुत ज्यादा श्रम करना पड़ता है तब जाकर खेतों में फसल उगता है, तरह-तरह के सब्जियां और अनाज उगते हैं। किसान वह है जो आत्मनिर्भर होकर अपने खेत की जुताई करता है, फसल बोता है और खेत को हरा-भरा बनाता है।

किसानों की बदौलत हम सभी को भोजन मिलता है, तरह-तरह के व्यंजन खाने को मिलते हैं, लेकिन फिर भी किसान कई जरूरी चीजों से वंचित हैं, कठोर परिश्रम करने के बाद भी वे गरीबी में जीवन गुजारते हैं, लोग उनका सम्मान भी नहीं करते लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि किसान अन्नदाता हैं, उनकी मेहनत और प्रयासों से ही हमें अन्न मिलता है, इसलिए हमें किसान को एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में देखना चाहिए।

भारतीय किसान पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Essay on Indian farmer in Hindi 10 lines)

  1. किसान महत्वपूर्ण लोग होते हैं जो परिश्रम करके अनाज उगते हैं और हम सबके लिए उपलब्ध कराते हैं।
  2. उन्हीं के प्रयासों की वजह से ही हम सबको अन्न का दाना नसीब होता है।
  3. किसान के बिना लोग भोजन के लिए तरसेंगे क्योंकि वे ही अलग-अलग प्रकार की व्यंजन और फसलों का उत्पादन करते हैं।
  4. हम जो स्वादिष्ट फल और सब्जियां हर रोज खाते हैं उसे किसान ही उगाता है।
  5. किसान बंजर भूमि को हरा-भरा करके उसमें विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन कर सकता है।
  6. कृषि आत्मनिर्भर और परिश्रमी होते हैं जो स्वयं खेतों में हल चालकर, बीज बोकर वहां पर नई फसल उगा देते हैं।
  7. भारतीय किसान सबसे ज्यादा धान की खेती करते हैं और उससे चावल प्राप्त करते हैं।
  8. वे बाजारों में पर्याप्त अनाज, सब्जियाँ आदि उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  9. ग्रामीण क्षेत्रों में घर का प्रत्येक सदस्य कृषि से जुड़ा होता है, क्योंकि यह उनकी आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  10. हमें समस्त किसान भाइयों को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए।

FAQs - भारतीय किसान पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब


1. किसान का जीवन कैसा होता है?

उत्तर - किसानों के जीवन में मेहनत और कठिनाइयां बहुत होती हैं। सुबह उठते ही वह फसलों का हाल देखने के लिए अपने खेतों की ओर निकल पड़ते हैं। विभिन्न फसलों को उगाने के लिए खेतों में हल चलाकर उसमें बीज बोते हैं। और फसल उगने का इंतजार करते हैं। फसल उगने के बाद वे उसकी रखवाली के लिए दिन-रात खेत के सामने डेरा डाले रहते हैं। किसान कड़ाके की ठंड में भी सुबह जल्दी उठकर कृषि कार्य में जुट जाता है। फसलों के पकने पर उसे काटता है और उसकी मिसाई करके उससे धान प्राप्त करता है। किसान बहुत मेहनती होते हैं और आत्मनिर्भर होकर तरह-तरह के फसल को उगा लेते हैं। वे भाग्य के भरोसे नहीं बैठते बल्कि मेहनत पर भरोसा करते हैं।

2. भारतीय किसान के श्रेष्ठ गुण क्या है?

उत्तर - किसान फसलों के अच्छे जानकार होते हैं। किस मौसम में कौन से फसल का उत्पादन किया जाना चाहिए यह उन्हें भलीभांति ज्ञात होता है। उनके मन में पालतू पशुओं के प्रति दया और करुणा की भावना होती है। बैल को वे अपने मित्र की तरह मानते हैं, उसकी सहायता से ही वे खेती का काम पूरा कर पाते हैं। किसानों में सहयोग की भावना भी होती है इसलिए वे अन्य किसान भाइयों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। अनाज उगाने में जो उनका प्रयास, मेहनत और समर्पण होता है वह ही उनका श्रेष्ठ गुण होता है।

3. किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

उत्तर - भारत सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई पहल की हैं, जिसका लाभ भारतीय किसान उठा रहे हैं, जिनमें से एक है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसके तहत किसानों के बैंक खातों में सालाना ₹6000 ट्रांसफर किए जाते हैं। इसी प्रकार, भारतीय किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना आदि योजनाएं शुरू की गई हैं।

4. भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का कितना प्रतिशत योगदान है?

उत्तर - अर्थव्यवस्था का आधारभूत स्तंभ कृषि क्षेत्र को माना जाता है क्योंकि यह भारत के अर्थव्यवस्था (जीडीपी) में भी करीब 15% का योगदान देती है। भारत के 140 करोड़ नागरिकों में से आधी आबादी रोजगार के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ी है और यही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है।

5. हमारे देश में किसान की क्या भूमिका है?

उत्तर - किसान को भारत देश की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। वे विभिन्न फसलों के उत्पादक हैं और उनकी इन्हीं प्रयासों की वजह से दुनिया भर के लोगों को आवश्यक भोज्य पदार्थों की आपूर्ति समुचित रूप से हो पाती है। इनके बिना लोग बेहतर भोजन की कल्पना भी नहीं कर सकते, पूरी दुनिया विभिन्न खाद्य पदार्थों के लिए इन पर निर्भर है।

6. हमें किसानों का सम्मान करने की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर - हमें किसानों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वे दिन-रात मेहनत करके हमारे लिए पौष्टिक आहार (अनाज) का उत्पादन करते हैं। किसान को अन्नदाता का दर्जा दिया जाता है क्योंकि जब वे खेती करते हैं तभी उससे अनाज प्राप्त होता है और उससे बाजारों तक पहुंचाया जाता है जिसे लोग खरीदकर, पकाकर खाते हैं। 

7. क्या किसानों के भी कई प्रकार होते हैं?

उत्तर - हाँ, किसान कई प्रकार के होते हैं, सबसे पहले वे किसान जो धान की खेती अधिक करते हैं, हमारे देश के लोगों का मुख्य आहार चावल है, इसलिए यहाँ चावल का उत्पादन अधिक होता है।

दूसरे वो किसान हैं जो अलग अलग फलों जैसे अनार, आम, अंगूर आदि का उत्पादन करके उसे बाजारों में बेचते हैं। और ग्रामीण इलाकों में ऐसे किसान भी हैं जो सब्जियां उगाते हैं और उन्हें बेचने और कमाने के लिए बाजार में ले जाते हैं। इसके अलावा कपास, रेशम आदि की खेती करने वाले किसान अलग हैं।

एक किसान उसी फसल की खेती ज्यादा करता है जिसमें वह अच्छी जानकारी रखता है, क्योंकि हर फसल के लिए अलग-अलग समझ की आवश्यकता होती है। अलग-अलग फसलों को उगाने के लिए अलग-अलग किसान होते हैं जो उस कार्य में माहिर होते हैं। किसान चाहे कुछ भी खेती करे, सभी किसानों का महत्व समान है।

8. किसानों की मुख्य समस्या क्या है?

उत्तर - किसानों को खेती के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी समय पर अच्छी बारिश नहीं होने पर वे खुद ही पंपों के जरिए खेतों में पानी डाल देते हैं और फसलों को ताजा रखते हैं।

इस प्रकार देखा जाए तो सिंचाई के लिए पानी की कमी भी किसानों के लिए एक मुख्य समस्या है। गांव के किसानों के पास आधुनिक तकनीक उपलब्ध ना होने के कारण खेती करने में उन्हें बहुत ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है तो ये भी एक समस्या है।

कई बार भूकंप, बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलें खराब हो जाती हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। किसानों के लिए समस्या और चिंता का विषय यह भी है कि नई पीढ़ी की रुचि खेती के प्रति कम होती जा रही है। नई पीढ़ी में कृषि के प्रति रुचि में जो कमी आ रही है, वह भविष्य में समस्या एवं चिंता का कारण बन सकती है।

9. किसान को अपना जीवन कब सफल लगता है?

उत्तर - जब उसके द्वारा कड़ी मेहनत से बोए गए बीजों से अच्छी फसल उगती है, तो उसे संतुष्टि महसूस होती है, उसे यह अनुभव होता है कि उसकी मेहनत सफल हो गई और वह अनुभव उसे ऐसा महसूस कराता है जैसे उसका जीवन सफल हो गया है।

10. किसान का क्या काम है?

किसान का प्रमुख कार्य होता है अलग-अलग तरह की खेती करके फसलें उगाना। किसान खेती से प्राप्त अनाज को उचित मूल्य पर बेचकर पैसा कमाता है। कृषि कार्य किसान की आजीविका का मुख्य साधन है। भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए हमारे देश की 70% जनसंख्या कृषि पर ही निर्भर है।

आखरी शब्द -

मित्रों इस लेख में आपने भारतीय किसान पर निबंध - Bhartiya Kisan Par Nibandh पढ़ा जो आपको किसानों का महत्व, भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान, अनाज उगाने में किसानों की भूमिका आदि के बारे में जानकारी देता है। किसान हमारे समाज के महत्वपूर्ण लोग होते हैं जो पूरी निष्ठा एवं आत्मनिर्भरता के साथ अपना कार्य करते हैं और उसके परिणाम स्वरूप अच्छी फसल का उत्पादन करते हैं, उनके इस कार्य के फल स्वरुप लोगों को हेल्दी और स्वादिष्ट भोजन मिलता है जो उनके सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

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